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यूपी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में बढ़ेगी सुरक्षा; ड्रॉप बॉक्स के जरिए अफसरों तक पहुंचेंगी समस्याएं - KASTURBA GANDHI SCHOOL FACILITY

विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, सुरक्षा गार्ड की भी होगी तैनाती.

कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में बढ़ेंगी सुवधाएं.
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में बढ़ेंगी सुवधाएं. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 7, 2025, 1:07 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीवीबी) की सुरक्षा, संरक्षा और शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने त्रैमासिक निरीक्षण, औचक जांच और नियमित समीक्षा के कड़े निर्देश जारी किए हैं. पूर्व के शासनादेश में संशोधन कर यह नई व्यवस्था लागू की गई है. इसका उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है. समीक्षा बैठक में सीएम योगी के सामने अफसरों और मंत्रियों ने अपनी बात रखी.

प्रदेश सरकार के इस कदम के तहत इन विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे, डोरमेट्री में रात्रि प्रवास, सुरक्षा गार्ड की तैनाती, साइबर सुरक्षा जागरूकता, सेफ-टच और अनसेफ-टच पर प्रशिक्षण और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे कदम अनिवार्य किए गए हैं. इसके साथ ही, बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता या अधिकृत अभिभावक की पहचान के बिना विद्यालय में प्रवेश पर कड़ी रोक लगाई गई है.

ड्रॉप बॉक्स भी लगाए जाएंगे : विद्यालयों में शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए ड्रॉप बॉक्स स्थापित किए जाएंगे, जिससे छात्रों और अभिभावकों को अपनी समस्याएं आसानी से साझा करने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी जाएगी, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें. इसके साथ ही, निरीक्षण और उपस्थिति को दर्ज करने के लिए 'प्रेरणा' पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया गया है, जिससे सभी प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनी रहें.

डिप्टी डायरेक्टर बोले- निरीक्षण दल में महिला सदस्य होना अनिवार्य : डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गठित 3 सदस्यीय निरीक्षण दल में एक महिला अधिकारी का शामिल होना अनिवार्य किया गया है, जो विद्यालयों के संचालन और शैक्षिक गुणवत्ता की निगरानी करेंगे. निरीक्षण के दौरान पठन-पाठन, बालिकाओं की सुरक्षा, आवासीय सुविधाएं, भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवाएं और बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता को प्राथमिकता दी जाएगी. इस सख्त प्रावधान का उद्देश्य बालिकाओं के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देना है, साथ ही उन्हें एक ऐसा सुरक्षित माहौल प्रदान करना है, जहां वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बन सकें.

मंत्री संदीप सिंह बोले-त्रैमासिक निरीक्षणों की है व्यवस्था : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने और विद्यालयों में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए आगामी त्रैमासिक निरीक्षणों का आयोजन किया जाएगा. इस निरीक्षण में पाठ्यक्रम, मासिक परीक्षा और शैक्षिक स्तर की जांच की जाएगी, ताकि छात्रों की शिक्षा में कोई कमी न रहे. इसके साथ ही, शिक्षक की डायरियों के रख-रखाव और रिमेडियल टीचिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. निरीक्षण दल में एक मजिस्ट्रेट और एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य होगा, ताकि निरीक्षण प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी हो.

ये नियम किए गए हैं तय : छात्राओं बिस्तर, तख्त और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की स्वच्छता सुनिश्चित होगी, भोजन व्यवस्था मानक के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा और नमूने सुरक्षित रखे जाएंगे, विद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी होगी, छात्राओं को फोटो युक्त पहचान पत्र दिया जाएगा, विद्यालय से बाहर जाते समय साथ रखना अनिवार्य होगा, रात्रि गश्त के लिए पुलिस और महिला होमगार्ड की व्यवस्था होगी, विद्यालय की दीवारों पर बाल अधिकार, पॉक्सो एक्ट की धाराएं और हेल्पलाइन नंबर अंकित किए जाएंगे.

हर शनिवार को छात्राओं को 'सेफ टच', 'अनसेफ टच' और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा. हर छात्रा का स्वास्थ्य कार्ड बनेगा और नियमित जांच होगी, परिसर को चूहों, सांपों और अन्य खतरनाक जीवों से मुक्त रखने के लिए आवश्यक उपाय होंगे, विद्यालय की चहारदीवारी मानक के अनुसार कर भवन को सुरक्षित किया जाएगा, छात्राओं को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की जानकारी दी जाएगी, 'वीरांगना' पोर्टल के माध्यम से आत्मरक्षा के प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिषदीय विद्यालयों में होगा शैक्षिक कौशल विकास के लिए क्लबों का गठन

लखनऊ : प्रदेश में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीवीबी) की सुरक्षा, संरक्षा और शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने त्रैमासिक निरीक्षण, औचक जांच और नियमित समीक्षा के कड़े निर्देश जारी किए हैं. पूर्व के शासनादेश में संशोधन कर यह नई व्यवस्था लागू की गई है. इसका उद्देश्य बालिकाओं को सुरक्षित, स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है. समीक्षा बैठक में सीएम योगी के सामने अफसरों और मंत्रियों ने अपनी बात रखी.

प्रदेश सरकार के इस कदम के तहत इन विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे, डोरमेट्री में रात्रि प्रवास, सुरक्षा गार्ड की तैनाती, साइबर सुरक्षा जागरूकता, सेफ-टच और अनसेफ-टच पर प्रशिक्षण और नियमित स्वास्थ्य जांच जैसे कदम अनिवार्य किए गए हैं. इसके साथ ही, बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए माता-पिता या अधिकृत अभिभावक की पहचान के बिना विद्यालय में प्रवेश पर कड़ी रोक लगाई गई है.

ड्रॉप बॉक्स भी लगाए जाएंगे : विद्यालयों में शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए ड्रॉप बॉक्स स्थापित किए जाएंगे, जिससे छात्रों और अभिभावकों को अपनी समस्याएं आसानी से साझा करने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, किसी भी अप्रिय घटना की सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी जाएगी, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें. इसके साथ ही, निरीक्षण और उपस्थिति को दर्ज करने के लिए 'प्रेरणा' पोर्टल का उपयोग अनिवार्य किया गया है, जिससे सभी प्रक्रियाएं सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनी रहें.

डिप्टी डायरेक्टर बोले- निरीक्षण दल में महिला सदस्य होना अनिवार्य : डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मुकेश सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा गठित 3 सदस्यीय निरीक्षण दल में एक महिला अधिकारी का शामिल होना अनिवार्य किया गया है, जो विद्यालयों के संचालन और शैक्षिक गुणवत्ता की निगरानी करेंगे. निरीक्षण के दौरान पठन-पाठन, बालिकाओं की सुरक्षा, आवासीय सुविधाएं, भोजन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य सेवाएं और बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता को प्राथमिकता दी जाएगी. इस सख्त प्रावधान का उद्देश्य बालिकाओं के शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देना है, साथ ही उन्हें एक ऐसा सुरक्षित माहौल प्रदान करना है, जहां वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और आत्मनिर्भर बन सकें.

मंत्री संदीप सिंह बोले-त्रैमासिक निरीक्षणों की है व्यवस्था : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारने और विद्यालयों में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए आगामी त्रैमासिक निरीक्षणों का आयोजन किया जाएगा. इस निरीक्षण में पाठ्यक्रम, मासिक परीक्षा और शैक्षिक स्तर की जांच की जाएगी, ताकि छात्रों की शिक्षा में कोई कमी न रहे. इसके साथ ही, शिक्षक की डायरियों के रख-रखाव और रिमेडियल टीचिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. निरीक्षण दल में एक मजिस्ट्रेट और एक महिला अधिकारी का होना अनिवार्य होगा, ताकि निरीक्षण प्रक्रिया पारदर्शी और प्रभावी हो.

ये नियम किए गए हैं तय : छात्राओं बिस्तर, तख्त और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की स्वच्छता सुनिश्चित होगी, भोजन व्यवस्था मानक के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा और नमूने सुरक्षित रखे जाएंगे, विद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी होगी, छात्राओं को फोटो युक्त पहचान पत्र दिया जाएगा, विद्यालय से बाहर जाते समय साथ रखना अनिवार्य होगा, रात्रि गश्त के लिए पुलिस और महिला होमगार्ड की व्यवस्था होगी, विद्यालय की दीवारों पर बाल अधिकार, पॉक्सो एक्ट की धाराएं और हेल्पलाइन नंबर अंकित किए जाएंगे.

हर शनिवार को छात्राओं को 'सेफ टच', 'अनसेफ टच' और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा. हर छात्रा का स्वास्थ्य कार्ड बनेगा और नियमित जांच होगी, परिसर को चूहों, सांपों और अन्य खतरनाक जीवों से मुक्त रखने के लिए आवश्यक उपाय होंगे, विद्यालय की चहारदीवारी मानक के अनुसार कर भवन को सुरक्षित किया जाएगा, छात्राओं को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की जानकारी दी जाएगी, 'वीरांगना' पोर्टल के माध्यम से आत्मरक्षा के प्रशिक्षण दिए जाएंगे.

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