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भारत नेपाल सीमा से सटे 300 गांवों के ग्रामीणों को मिलेगा मुफ्त इलाज, अभियान 14 फरवरी से - MEDICAL CAMP ORGANIZED IN GORAKHPUR

एनएमओ की ओर से होगा आयोजन. सैकड़ों चिकित्सकों का दल पहुंचेगा गांव-गांव.

गोरखपुर में मेडिकल कैंप का आयोजन
गोरखपुर में मेडिकल कैंप का आयोजन (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 12, 2025, 1:30 PM IST

गोरखपुर: भारत-नेपाल के सीमावर्ती जिलों और गांव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आनुषंगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए मेडिकल कैंप का आयोजन कर रही है. गोरखपुर क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों सहित भारत-नेपाल सीमा से सटे ऐसे लोगों को यह संस्था स्वास्थ्य की सुविधा देने जा रहा है जो लोग जरूरतमंद तो हैं, लेकिन कहीं न कहीं इससे वंचित भी हैं. सीमावर्ती तीन सौ गांवों में एक स्वास्थ्य यात्रा के माध्यम से सैकड़ों चिकित्सकों का एक दल गांवों में पहुंचकर ऐसे लोगों का इलाज करेगा.

14 फरवरी से यह अभियान शुरू होगा, जिसको लीड कर रहे हैं एनएमओ के सचिव डॉ. अमित सिंह श्रीनेत. इसमें कई सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और अध्यनरत एमबीबीएस के छात्र भी शामिल होकर इलाज करेंगे. यह संस्था पिछले 4 वर्षों से कार्य कर रही है, जिसमें वर्ष 2024- 25 में पिछले वर्ष हुए ऐसे आयोजन में 650 चिकित्सकों ने 280 शिविर लगाकर करीब 1 लाख 42 हजार लोगों को इलाज दिया था. इस वर्ष करीब 300 से अधिक शिविर लगाकर 800 चिकित्सक लोगों को इलाज देने का कार्य करेंगे.

संगठन के सचिव डॉक्टर अमित सिंह ने बताया है कि इस चिकित्सा शिविर के माध्यम से जहां लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण होगा, उन्हें दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. गंभीर और सर्जरी जैसे इलाज की जरूरत महसूस करने वालों को, आसपास के सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों तक लाकर भी उन्हें इलाज देने की कोशिश होगी. यही नहीं इस स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से एक आंकड़ा भी तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से यह जानकारी भी इकट्ठा हो पाएगी कि भारत- नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के गांव में किस तरह की बीमारी से लोग पीड़ित हैं.

उन्होंने बताया कि इस आंकड़े को राज्य सरकार के साथ उनका संगठन शेयर भी करेगा, जिससे सरकारी स्तर पर भी स्वास्थ्य सुविधाओं को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने बताया कि उनके इलाज का केंद्र गोरखपुर से सटे महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर जैसे जिलों के गांव होंगे जो भारत-नेपाल की सीमा के तटवर्ती हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से ‘नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) गोरक्ष और अवध प्रान्त एव अन्य सहयोगी संगठनो के सम्मिलित प्रयासो से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र मे इसका सफल आयोजन करता रहा है. यह यात्रा भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षत्रे मे थारू, जनजातीय सहित सर्वसमाज के रोगियों की सेवा में आयोजित होती रही है. तीन दिन तक चलने वाले इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा मे 800 चिकित्सक उन्ही के बीच रहेगे और 300 गावों में जाकर डेढ़ लाख से अधिक लोगों की बीमारियों का निःशुल्क इलाज करेगे.

उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, एम्स गोरखपुर, देवरिया मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज, बस्ती मेडिकल कॉलेज व सिद्धार्थ नगर मेडिकल कॉलेज, केजीएमयू, एसजीपीजीआइ, आरएमएल और 70 से अधिक मेडिकल कॉलेज के करीब 800 स्टूडेन्ट एवं डाक्टर तथा प्राइवटे डॉक्टर भी सेवा कार्य करेंगे.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर के एमपीपीजी कॉलेज का 'मिशन मंझरिया', अब तक 28 हजार मरीजों को मिला नि:शुल्क इलाज

यह भी पढ़ें: गोरखपुर में फरियादियों से मिले सीएम योगी, किसी ने इलाज में मांगी मदद तो कोई अवैध कब्जे की शिकायत लेकर पहुंचा


गोरखपुर: भारत-नेपाल के सीमावर्ती जिलों और गांव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की आनुषंगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए मेडिकल कैंप का आयोजन कर रही है. गोरखपुर क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों सहित भारत-नेपाल सीमा से सटे ऐसे लोगों को यह संस्था स्वास्थ्य की सुविधा देने जा रहा है जो लोग जरूरतमंद तो हैं, लेकिन कहीं न कहीं इससे वंचित भी हैं. सीमावर्ती तीन सौ गांवों में एक स्वास्थ्य यात्रा के माध्यम से सैकड़ों चिकित्सकों का एक दल गांवों में पहुंचकर ऐसे लोगों का इलाज करेगा.

14 फरवरी से यह अभियान शुरू होगा, जिसको लीड कर रहे हैं एनएमओ के सचिव डॉ. अमित सिंह श्रीनेत. इसमें कई सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और अध्यनरत एमबीबीएस के छात्र भी शामिल होकर इलाज करेंगे. यह संस्था पिछले 4 वर्षों से कार्य कर रही है, जिसमें वर्ष 2024- 25 में पिछले वर्ष हुए ऐसे आयोजन में 650 चिकित्सकों ने 280 शिविर लगाकर करीब 1 लाख 42 हजार लोगों को इलाज दिया था. इस वर्ष करीब 300 से अधिक शिविर लगाकर 800 चिकित्सक लोगों को इलाज देने का कार्य करेंगे.

संगठन के सचिव डॉक्टर अमित सिंह ने बताया है कि इस चिकित्सा शिविर के माध्यम से जहां लोगों के स्वास्थ्य का परीक्षण होगा, उन्हें दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. गंभीर और सर्जरी जैसे इलाज की जरूरत महसूस करने वालों को, आसपास के सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों तक लाकर भी उन्हें इलाज देने की कोशिश होगी. यही नहीं इस स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से एक आंकड़ा भी तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से यह जानकारी भी इकट्ठा हो पाएगी कि भारत- नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के गांव में किस तरह की बीमारी से लोग पीड़ित हैं.

उन्होंने बताया कि इस आंकड़े को राज्य सरकार के साथ उनका संगठन शेयर भी करेगा, जिससे सरकारी स्तर पर भी स्वास्थ्य सुविधाओं को इन क्षेत्रों में आगे बढ़ाया जा सके. उन्होंने बताया कि उनके इलाज का केंद्र गोरखपुर से सटे महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, बलरामपुर जैसे जिलों के गांव होंगे जो भारत-नेपाल की सीमा के तटवर्ती हैं.

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों से ‘नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) गोरक्ष और अवध प्रान्त एव अन्य सहयोगी संगठनो के सम्मिलित प्रयासो से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र मे इसका सफल आयोजन करता रहा है. यह यात्रा भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षत्रे मे थारू, जनजातीय सहित सर्वसमाज के रोगियों की सेवा में आयोजित होती रही है. तीन दिन तक चलने वाले इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा मे 800 चिकित्सक उन्ही के बीच रहेगे और 300 गावों में जाकर डेढ़ लाख से अधिक लोगों की बीमारियों का निःशुल्क इलाज करेगे.

उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर, एम्स गोरखपुर, देवरिया मेडिकल कॉलेज, आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज, बस्ती मेडिकल कॉलेज व सिद्धार्थ नगर मेडिकल कॉलेज, केजीएमयू, एसजीपीजीआइ, आरएमएल और 70 से अधिक मेडिकल कॉलेज के करीब 800 स्टूडेन्ट एवं डाक्टर तथा प्राइवटे डॉक्टर भी सेवा कार्य करेंगे.

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