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जागरूकता कार्यशाला में महिलाओं को दी यौन उत्पीड़न की कानूनी सलाह

राजधानी लखनऊ के सैंट एंथोनी पब्लिक स्कूल में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर महिलाओं और छात्रों को यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित जानकारी दी गई.

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Published : Jan 13, 2021, 10:44 PM IST

workshop in st anthony public school
सैंट एंथोनी पब्लिक स्कूल में जागरूकता कार्यशाला.

लखनऊ : जानकीपुरम स्थित सैंट एंथोनी पब्लिक स्कूल में बुधवार को एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं को यौन उत्पीड़न से संबंधित विधिक जानकारी दी गई. एलयू के विधि संकाय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की सचिव सपना त्रिपाठी और संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ सीपी. सिंह के नेतृत्व में कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि कार्यस्थलों पर महिलाएं कैसे यौन उत्पीड़न की शिकार होती हैं और कैसे किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कोई कृत्य उत्पीड़न की श्रेणी में आता है या नहीं. ऐसा होने पर उन्हें कौन से विधिक उपचार उपलब्ध है. इस बीच विद्यालय की छात्रा सृष्टि के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्र के सदस्य हर्ष मिश्रा ने बताया कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति अपराध को होने से पहले ही रोकने का था. इसमें आंतरिक शिकायत समिति का मुख्य लक्ष्य है कि ऐसे मामलों की प्रारंभिक स्तर पर जांच करते हुए पीड़ित महिला को उचित न्याय पाने में सक्षम करना.

इस मौके पर सदस्यों ने विद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति के गठन पर भी जोर दिया. इस मौके पर प्रधानाचार्या सीमा मिश्रा, शिक्षक अनुपमा सिंह, प्रीती मिश्रा, सुशीला सिंह, केंद्र के सदस्य अखिलेश्वर सिंह, अंकित सिंह, अनुपम गुप्ता, हर्ष मिश्रा, युवराज सिंह, कुंवर शशांक, सौरभ राठौर आदि उपस्थित रहे.

लखनऊ : जानकीपुरम स्थित सैंट एंथोनी पब्लिक स्कूल में बुधवार को एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं को यौन उत्पीड़न से संबंधित विधिक जानकारी दी गई. एलयू के विधि संकाय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ की सचिव सपना त्रिपाठी और संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ सीपी. सिंह के नेतृत्व में कार्यशाला का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि कार्यस्थलों पर महिलाएं कैसे यौन उत्पीड़न की शिकार होती हैं और कैसे किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कोई कृत्य उत्पीड़न की श्रेणी में आता है या नहीं. ऐसा होने पर उन्हें कौन से विधिक उपचार उपलब्ध है. इस बीच विद्यालय की छात्रा सृष्टि के एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्र के सदस्य हर्ष मिश्रा ने बताया कि इस कानून का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के प्रति अपराध को होने से पहले ही रोकने का था. इसमें आंतरिक शिकायत समिति का मुख्य लक्ष्य है कि ऐसे मामलों की प्रारंभिक स्तर पर जांच करते हुए पीड़ित महिला को उचित न्याय पाने में सक्षम करना.

इस मौके पर सदस्यों ने विद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति के गठन पर भी जोर दिया. इस मौके पर प्रधानाचार्या सीमा मिश्रा, शिक्षक अनुपमा सिंह, प्रीती मिश्रा, सुशीला सिंह, केंद्र के सदस्य अखिलेश्वर सिंह, अंकित सिंह, अनुपम गुप्ता, हर्ष मिश्रा, युवराज सिंह, कुंवर शशांक, सौरभ राठौर आदि उपस्थित रहे.

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