लखनऊ: उत्तर प्रदेश भारत का अकेला ऐसा बड़ा राज्य है जो सबसे ज्यादा भूजल का दोहन कर रहा है. इस पर भूजल सप्ताह समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
भू जल सप्ताह के दौरान भूगर्भ जल विभाग की ओर से विभिन्न स्कूलों में जागरूकता प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इस आयोजन में नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में विद्या ज्ञान पब्लिक स्कूल और सीएमएस जाप लिंग रोड की टीम को पुरस्कृत किया गया.
भूजल सप्ताह कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने इस बात पर गहरी चिंता जताई. इस पर विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार नदियों के पुनर्जीवन योजना पर काम कर रही है. इससे भूजल दोहन में कमी लाई जा सकेगी.
भूजल सप्ताह समापन कार्यक्रम का किया आयोजन-
भूगर्भ जल विभाग की ओर से आयोजित भूजल सप्ताह समापन कार्यक्रम में पहुंचे विशेषज्ञों ने भूजल को बचाने पर जोर दिया. भूजल पर विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे ज्यादा भूजल दोहन भारत के उत्तर प्रदेश में हो रहा है. सरकारें सतह पर मौजूद जल के प्रबंधन पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन भूजल प्रबंधन की ओर किसी का ध्यान नहीं है. इसकी अनदेखी करने से सबसे ज्यादा खतरे सामने आने वाले हैं. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नहरें हैं. इसके बावजूद भूजल का दोहन भी यहां सबसे ज्यादा हो रहा है.
जन सहभागिता के आधार पर 85 तालाबों को पुनर्जीवित किया है. उत्तर प्रदेश में तालाब विकास प्राधिकरण बनाए जाने चाहिए.
संजय सिंह , सचिव,परमार्थ सामाजिक संगठन
उत्तर प्रदेश की 8 नदियों को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है. इससे नदियों के जल का प्रयोग बढ़ेगा और भूगर्भ जल पर हमारी आश्रिता कम होगी.
धर्मपाल सिंह, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल मंत्री