ETV Bharat / state

जुलूस ए मोहम्मदी से दिया जाएगा देश में अमन चैन का संदेश, बैठक में बनी रणनीति

जुलूस ए मोहम्मदी के लिए जुलूस और जलसे की तैयारियों को लेकर शुक्रवार उलमा, प्रशासन के साथ तंजीमों की बैठक हुई. इस दौरान मुफ्ती इरफान मियां ने 11 रबी उल अव्वल के अवसर पर पुख्ता इंतजामात करने की मांग रखी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 9:31 PM IST

Updated : Sep 22, 2023, 9:42 PM IST

लखनऊ : 12 रबी उल अव्वल के जलसों और जुलूस की तैयारियों के संबंध में ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन की ओर से उलमा, प्रशासन के साथ तंजीमों की बैठक हुई. बैठक में डीसीपी वेस्ट राहुल राज ने कहा कि लखनऊ हमेशा से अमन व अमान का गवाह रहा है. शहर में तमाम पर्व तमाम मज़हब के लोग मिलकर अच्छे माहौल में पर्व मनाते हैं और एक दूसरे का भी सड़कों पर निकल के इस्तकबाल करते हैं. उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह जुलूस और जलसे में जि़ला पुलिस को सहयोग रहेगा.


इससे पहले मुफ्ती अबुल इरफ़ान मियां फिरंगी महली ने कहा कि 11 रबी उल अव्वल 27 सितंबर को शहर के मुख्तलिफ इलाकों में खासतौर से दरगाह हज़रत मखदूम शाहमीना शाह की दरगाह निशातगंज में बड़े पैमाने पर मिलाद उन नबी की महफिलें आयोजित होती हैं. जिसमें बड़ी तादाद में शिरकत करते हैं. इन जगहों पर पुख्ता इंतजामात किए जाएं. जुलूस ए मोहम्मदी के सिलसिले में उन्होंने कहा कि ये जुलूस शहर का कदीम और तारीखी जुलूस है. इसमें बिना तफरीक मजहब ओ मिल्लत तमाम फरज़नदाने तौहीद इश्क ए रसूल में सरशाद होकर बहुत बड़ी तादाद में अपने-अपने इलाकों से पूरे जोश ओ जज्बे के साथ दरगाह हज़रत मखदूम शाह मीना शाह पहुंच कर भारी तादाद में शिरकत करते हैं. इसलिए सभी अंजुमनों के रास्ते के लिए ड्रोन कैमरे लगाए जाएं.


एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव सिन्हा ने कहा कि लखनऊ में बहुत अर्से से हमें खिदमत करने का मौका मिला है और हम देखते आए हैं कि रबी उल अव्वल के जुलूस का भी इस्तकबाल सभी लोग करते हैं. अवाम को सहूलियत मुहैया कराने के संबंध से जिला पुलिस की तैयारियां जा रही हैं. इकबाल हाशमी ने कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी कोई नया जुलूस नहीं, बल्कि बहुत कदीम जुलूस है. जिसमें सभी वर्ग के लोग शिरकत करते हैं और प्यार मोहब्बत का पैगाम आम किया जाता है. अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस जुलूस ए मोहम्मदी में पुर अमन तरीके से शिरकत करें और गंगा जमुनी तहजी़ब को कायम रखें और उस को बढ़ावा मिले. किसी मरीज या एंबुलेंस या परेशान हाल व्यक्ति दिखे तो उसकी बढ़-चढ़कर मदद करें,.

इस मौके पर डॉ. एहसान उल्लाह उपाध्यक्ष, शेख शाकिर अली मीनाई उपाध्यक्ष, सैयद अहमद नदीम सेक्रेटरी, मौलाना अफ्फान अतीक फिरंगी महली, सैय्यद राशिद मेराज लीगल एडवाइजर, तारीक हाशमी सचिव, सैय्यद रूफी रिजवी, मौलाना शकील निजामी, मौलाना शम्स तबरेज, एडवोकेट फै़जान फिरंगी महली, सुनील शर्मा एसीपी चौक, एसओ चौक जि़ला इंतेजामियां और जिम्मेदारान खासतौर से मौजूद रहे.

तालीम हासिल करना हर छोटे-बड़े पर फर्ज

जश्न ए ईद मिलादुन्नबी का आगाज़ हाफिज शकील निजा़मी की किरात से हुआ और जामिया बहरुल उलूम फिरंगीमहल के उस्ताद मौलाना आसिफ साहब और मौलाना हबीब ने नात ख्वानी का नज़राना पेश किया. मौलाना अफ्फान फिरंगी महली जनरल सेक्रेटरी इदारा ए शर‌इया फिरंगी महल ने फरमाया कि जब हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जहूर का वक्त करीब आया तो रात जा रही थी और सुबह आ रही थी. पीर का दिन था सैयदा आमना फरमाती आती हैं कि मैंने एक मुक्तसर जमात को आसमान से उतरते देखा जिनके पास तीन सफेद झंडे थे उस जमात में एक झंडा खाने काबा की छत पर लगाया और एक मशरिक में और एक मगरिब में नसब किया उस निस्बत से हम माहे रबीउल अव्वल के मौके पर झंडे लगाने का एहतमाम करते हैं.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.
सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.


मौलाना अफ्फान ने कहा कि आप लोग भी अपने घरों को साफ और सुथरा रखें और सजाएं व संवारे और घर की छतों पर झंडे लगाएं, खुशियां मनाएं, महफिले मिलाद शरीफ का एहतमाम करें ताकि अल्लाह और उसके रसूल की रज़ा हासिल हो जाए. मौलाना ने फरमाया कि हमारे रसूल ने तालीम के ऊपर बहुत ज़ोर दिया यहां तक कि कहा कि तालीम हासिल करने के लिए अगर चीन भी जाना पड़े तो जाएं, जबकि उस वक्त चीन का कोई वजूद भी न था. लिहाजा हम सबको तालीम के ऊपर पूरी तवज्जो देनी चाहिए. चाहे उसके लिए एक वक्त फाका क्यों न करना पड़े तो भी किया जाए, मगर तालीम में किसी प्रकार की कोई कोताही मुनासिब नहीं है. जलसे में खास तौर पर मोहम्मदी मिशन के उपाध्यक्ष सैयद इकबाल हाशमी, डॉ. एहसानुल्लाह, जनरल सेक्रेटरी सैयद अहमद नदीम, एडवोकेट सैयद राशिद मेराज, ज्वाइंट सेक्रेट्री तारिक हाशमी, कारी शकील निजा़मी, मौलाना मुदस्सिर, मौलाना सद्दाम हुसैन, मौलाना शहजाद, एडवोकेट फैजा़न फिरंगी महली ने शिरकत की.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.
सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया


या हुसैन की सदाओं के बीच अंजुमन गुंचाए मजलूमिया की इमामबाड़ा अबुतालिब हसन पुरिया में चल रही सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम की जियारत के बाद समापन हो गया. अलविदायी मजलिस को मौलाना बाकिर अली जैदी ने खिताब किया. मजलिस का आगाज कारी हबीब आलम ने संचालन इमरान अख्तर और अजहर हुसैन ने किया. मजलिस के बाद शबीहों की जियारत कराई गई. जिसमें हजरत अब्बास (अ.स.) के अलम, ताबूत, हजरत अली असगर (अ.स.) का झूला, इमाम हुसैन (अ.स.) की सवारी का प्रतीक जुलजनाह था. जिसे देखकर अजादारों की सिसकियां बंध गईं. इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे या हुसैन लिखे काले झंडे व अलम लिए नजर आए. इस मौके पर तर्बरूक भी बांटा गया.

शब्बेदारी में अंजुमनों ने गुंचाए मजलूमिया के शायर एजाज जैदी द्वारा दी गई तरहा की पंक्ति 'मातमे शब्बीर का सूरज कभी डूबा नहीं" पर अपने सलाम पेश किए. जिसे सुनकर अजादारों ने खूब दाद दी. अंजुमनों से नौहें को सुनकर अजादारों ने खूब गिरया किया. अलविदायी मजलिस के बाद अंजुमन इमामिया मुम्बई, काजमिया आबिदया, गुलामाने हुसैन, मकसदे हुसैनी, सद्र मातम शाईन शुजा, कायम आले इबा, फातेह फुरात, गुलजारे पंजतन, रौनके दीने इस्लाम आदि ने नौहे व सलाम पढ़े.

इराक से आयी मश्क से पिलाया पानी

कर्बला के तपते रेगिस्तान में जब सब मासूम बच्चे प्यास से तड़प रहे थे तो हजरत अब्बास (अ.स.) से अपनी भतीजी शहजादी हजरत सकीना (स.अ.) सहित अन्य मासूम बच्चों की प्यास देखी नहीं गई. वह पानी लेने नहरे फुरात गए थे. जब वह मश्क में पानी भर कर लौट रहे थे तो दुश्मनों ने उनपर तीरों-तलवारों से हमला कर दिया. जिससे मश्क का सारा पानी बह गया था व सारे बच्चे प्यासे रह गये थे.

यह भी पढ़ें : विश्व शांति दिवस : शहर-ए-लखनऊ से विश्व को दिया जा रहा एकता और अमन का पैगाम

उलमा और जिला प्रशासन की मीटिंग में जुलूस ए मदहे सहाबा की तैयारियों पर हुई चर्चा

लखनऊ : 12 रबी उल अव्वल के जलसों और जुलूस की तैयारियों के संबंध में ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन की ओर से उलमा, प्रशासन के साथ तंजीमों की बैठक हुई. बैठक में डीसीपी वेस्ट राहुल राज ने कहा कि लखनऊ हमेशा से अमन व अमान का गवाह रहा है. शहर में तमाम पर्व तमाम मज़हब के लोग मिलकर अच्छे माहौल में पर्व मनाते हैं और एक दूसरे का भी सड़कों पर निकल के इस्तकबाल करते हैं. उन्होंने कहा कि हमेशा की तरह जुलूस और जलसे में जि़ला पुलिस को सहयोग रहेगा.


इससे पहले मुफ्ती अबुल इरफ़ान मियां फिरंगी महली ने कहा कि 11 रबी उल अव्वल 27 सितंबर को शहर के मुख्तलिफ इलाकों में खासतौर से दरगाह हज़रत मखदूम शाहमीना शाह की दरगाह निशातगंज में बड़े पैमाने पर मिलाद उन नबी की महफिलें आयोजित होती हैं. जिसमें बड़ी तादाद में शिरकत करते हैं. इन जगहों पर पुख्ता इंतजामात किए जाएं. जुलूस ए मोहम्मदी के सिलसिले में उन्होंने कहा कि ये जुलूस शहर का कदीम और तारीखी जुलूस है. इसमें बिना तफरीक मजहब ओ मिल्लत तमाम फरज़नदाने तौहीद इश्क ए रसूल में सरशाद होकर बहुत बड़ी तादाद में अपने-अपने इलाकों से पूरे जोश ओ जज्बे के साथ दरगाह हज़रत मखदूम शाह मीना शाह पहुंच कर भारी तादाद में शिरकत करते हैं. इसलिए सभी अंजुमनों के रास्ते के लिए ड्रोन कैमरे लगाए जाएं.


एडीसीपी वेस्ट चिरंजीव सिन्हा ने कहा कि लखनऊ में बहुत अर्से से हमें खिदमत करने का मौका मिला है और हम देखते आए हैं कि रबी उल अव्वल के जुलूस का भी इस्तकबाल सभी लोग करते हैं. अवाम को सहूलियत मुहैया कराने के संबंध से जिला पुलिस की तैयारियां जा रही हैं. इकबाल हाशमी ने कहा कि जुलूस ए मोहम्मदी कोई नया जुलूस नहीं, बल्कि बहुत कदीम जुलूस है. जिसमें सभी वर्ग के लोग शिरकत करते हैं और प्यार मोहब्बत का पैगाम आम किया जाता है. अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस जुलूस ए मोहम्मदी में पुर अमन तरीके से शिरकत करें और गंगा जमुनी तहजी़ब को कायम रखें और उस को बढ़ावा मिले. किसी मरीज या एंबुलेंस या परेशान हाल व्यक्ति दिखे तो उसकी बढ़-चढ़कर मदद करें,.

इस मौके पर डॉ. एहसान उल्लाह उपाध्यक्ष, शेख शाकिर अली मीनाई उपाध्यक्ष, सैयद अहमद नदीम सेक्रेटरी, मौलाना अफ्फान अतीक फिरंगी महली, सैय्यद राशिद मेराज लीगल एडवाइजर, तारीक हाशमी सचिव, सैय्यद रूफी रिजवी, मौलाना शकील निजामी, मौलाना शम्स तबरेज, एडवोकेट फै़जान फिरंगी महली, सुनील शर्मा एसीपी चौक, एसओ चौक जि़ला इंतेजामियां और जिम्मेदारान खासतौर से मौजूद रहे.

तालीम हासिल करना हर छोटे-बड़े पर फर्ज

जश्न ए ईद मिलादुन्नबी का आगाज़ हाफिज शकील निजा़मी की किरात से हुआ और जामिया बहरुल उलूम फिरंगीमहल के उस्ताद मौलाना आसिफ साहब और मौलाना हबीब ने नात ख्वानी का नज़राना पेश किया. मौलाना अफ्फान फिरंगी महली जनरल सेक्रेटरी इदारा ए शर‌इया फिरंगी महल ने फरमाया कि जब हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जहूर का वक्त करीब आया तो रात जा रही थी और सुबह आ रही थी. पीर का दिन था सैयदा आमना फरमाती आती हैं कि मैंने एक मुक्तसर जमात को आसमान से उतरते देखा जिनके पास तीन सफेद झंडे थे उस जमात में एक झंडा खाने काबा की छत पर लगाया और एक मशरिक में और एक मगरिब में नसब किया उस निस्बत से हम माहे रबीउल अव्वल के मौके पर झंडे लगाने का एहतमाम करते हैं.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.
सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.


मौलाना अफ्फान ने कहा कि आप लोग भी अपने घरों को साफ और सुथरा रखें और सजाएं व संवारे और घर की छतों पर झंडे लगाएं, खुशियां मनाएं, महफिले मिलाद शरीफ का एहतमाम करें ताकि अल्लाह और उसके रसूल की रज़ा हासिल हो जाए. मौलाना ने फरमाया कि हमारे रसूल ने तालीम के ऊपर बहुत ज़ोर दिया यहां तक कि कहा कि तालीम हासिल करने के लिए अगर चीन भी जाना पड़े तो जाएं, जबकि उस वक्त चीन का कोई वजूद भी न था. लिहाजा हम सबको तालीम के ऊपर पूरी तवज्जो देनी चाहिए. चाहे उसके लिए एक वक्त फाका क्यों न करना पड़े तो भी किया जाए, मगर तालीम में किसी प्रकार की कोई कोताही मुनासिब नहीं है. जलसे में खास तौर पर मोहम्मदी मिशन के उपाध्यक्ष सैयद इकबाल हाशमी, डॉ. एहसानुल्लाह, जनरल सेक्रेटरी सैयद अहमद नदीम, एडवोकेट सैयद राशिद मेराज, ज्वाइंट सेक्रेट्री तारिक हाशमी, कारी शकील निजा़मी, मौलाना मुदस्सिर, मौलाना सद्दाम हुसैन, मौलाना शहजाद, एडवोकेट फैजा़न फिरंगी महली ने शिरकत की.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.
सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया.

सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम निकाला गया


या हुसैन की सदाओं के बीच अंजुमन गुंचाए मजलूमिया की इमामबाड़ा अबुतालिब हसन पुरिया में चल रही सालाना शब्बेदारी का अलविदाई अलम की जियारत के बाद समापन हो गया. अलविदायी मजलिस को मौलाना बाकिर अली जैदी ने खिताब किया. मजलिस का आगाज कारी हबीब आलम ने संचालन इमरान अख्तर और अजहर हुसैन ने किया. मजलिस के बाद शबीहों की जियारत कराई गई. जिसमें हजरत अब्बास (अ.स.) के अलम, ताबूत, हजरत अली असगर (अ.स.) का झूला, इमाम हुसैन (अ.स.) की सवारी का प्रतीक जुलजनाह था. जिसे देखकर अजादारों की सिसकियां बंध गईं. इस दौरान छोटे-छोटे बच्चे या हुसैन लिखे काले झंडे व अलम लिए नजर आए. इस मौके पर तर्बरूक भी बांटा गया.

शब्बेदारी में अंजुमनों ने गुंचाए मजलूमिया के शायर एजाज जैदी द्वारा दी गई तरहा की पंक्ति 'मातमे शब्बीर का सूरज कभी डूबा नहीं" पर अपने सलाम पेश किए. जिसे सुनकर अजादारों ने खूब दाद दी. अंजुमनों से नौहें को सुनकर अजादारों ने खूब गिरया किया. अलविदायी मजलिस के बाद अंजुमन इमामिया मुम्बई, काजमिया आबिदया, गुलामाने हुसैन, मकसदे हुसैनी, सद्र मातम शाईन शुजा, कायम आले इबा, फातेह फुरात, गुलजारे पंजतन, रौनके दीने इस्लाम आदि ने नौहे व सलाम पढ़े.

इराक से आयी मश्क से पिलाया पानी

कर्बला के तपते रेगिस्तान में जब सब मासूम बच्चे प्यास से तड़प रहे थे तो हजरत अब्बास (अ.स.) से अपनी भतीजी शहजादी हजरत सकीना (स.अ.) सहित अन्य मासूम बच्चों की प्यास देखी नहीं गई. वह पानी लेने नहरे फुरात गए थे. जब वह मश्क में पानी भर कर लौट रहे थे तो दुश्मनों ने उनपर तीरों-तलवारों से हमला कर दिया. जिससे मश्क का सारा पानी बह गया था व सारे बच्चे प्यासे रह गये थे.

यह भी पढ़ें : विश्व शांति दिवस : शहर-ए-लखनऊ से विश्व को दिया जा रहा एकता और अमन का पैगाम

उलमा और जिला प्रशासन की मीटिंग में जुलूस ए मदहे सहाबा की तैयारियों पर हुई चर्चा

Last Updated : Sep 22, 2023, 9:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.