लखनऊः सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट से तो लोग त्रस्त हैं ही. वहीं इससे ज्यादा भाजपा राज की गलत नीतियों की जनता शिकार हो रही है. बेरोजगारी और आर्थिक मार से मध्यम वर्ग के लोग बुरी तरह पीड़ित हैं. छोटे व्यापारियों को कोई मदद न मिलने से उनका कारोबार नहीं चल रहा है. डीजल-पेट्रोल की बढ़ती मंहगाई से जनसामान्य के साथ किसानों को भी चोट पहुंच रही है.
डीजल-पेट्रोल का बढ़ रहा रेट
अखिलेश ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग रोज बढ़ रहे हैं. 7 जून से 18 जून 2020 तक 12 दिनों के अंदर पेट्रोल के दाम 4.58 रुपये और डीजल के दाम 4.96 रुपये बढ़ गए हैं. क्रूड ऑयल के दामों में उतार चढ़ाव के आधार पर तेल कम्पनियां बाजार के दाम तय करती हैं पर आश्चर्यजनक यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने पर भी भारत में दाम घटते नहीं. इसमें एक बड़ा कारण भाजपा सरकार द्वारा भारी टैक्स लगाना भी है.
किसान आर्थिक संकट में
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी से किसान सबसे ज्यादा परेशानी झेल रहा है. कृषि यंत्र, डीजल-पेट्रोल से चलते हैं. सब्जी की फसल, खेत, बगीचे, फूलों में भी किसान पानी नहीं लगा पा रहे हैं. किसान की आमदनी का कोई रास्ता नहीं निकल रहा है. किसान के ट्रैक्टर तथा अन्य परिवहन साधन पेट्रोल-डीजल की मंहगाई के चलते खड़े हैं. किसान की मूलभूत आवश्यकता की अनदेखी कर भाजपा सरकार उसे गहरे आर्थिक संकट में धकेल रही है.
छोटे व्यापारी परेशान
सपा मुखिया के मुताबिक लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद होने से सामान की बिक्री नहीं हुई और आमदनी नहीं हुई. पुरानी उधारी भी नहीं निबटाई जा सकी. इसके अलावा बिजली, दुकान-गोदाम का किराया, कर्मचारियों का वेतन, फोन आदि के खर्च तो उसे हरहाल में उठाने ही हैं. भाजपा सरकार ने बंदी अवधि के दौरान के बिजली बिल, बैंक लोन पर ब्याज माफ नहीं किया, छोटे व्यापारी को फिर से बिजनेस चलाने के लिए कोई आर्थिक मदद भी नहीं दी गई. अखिलेश यादव ने राहत पैकेज पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का राहत पैकेज उनके लिए है जो पहले से बैंकों का धन लूटकर बैठे हैं. गरीब, किसान, छोटा व्यापारी भाजपा सरकार की किसी प्राथमिकता में नहीं आते हैं.