लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार ने दीपावली के सारे उत्साह और उल्लास पर पानी फेर दिया है. नौजवानों का भविष्य भाजपा की नीतियों के कारण अनिश्चितता के भंवर में चला गया है. नौकरी नहीं, रोजगार नहीं फिर त्योहार की उमंग कहां? आवश्यक खाद्य वस्तुओं के भाव आसमान छू रहे हैं. लोग त्रस्त हैं. नोटबंदी, जीएसटी और अन्य कुनीतियों के चलते व्यापार बे-रौनक हैं. सब कुछ फीका-फीका है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार और इनका नेतृत्व किसान विरोधी आचरण के लिए कुख्यात है. दीप पर्व पर भी किसान अपनी मांगों को लेकर घर-परिवार से दूर धरना दे रहे हैं. उनके घरों में अंधेरा है. मन में निराशा है. फसल की एमएसपी पर बिक्री तो दूर क्रय केन्द्र ही नहीं खुले हैं. बिचौलिए औने-पौने दामों पर किसानों का धान लूट रहे हैं. खाद के लिए किसान लंबी-लंबी कतारों में दिनभर लगे रहते हैं फिर भी वह नहीं मिलती है. डीएपी, यूरिया और पोटाश खाद महंगी और अनुपलब्ध है.
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की दो ही मांगें हैं. एक एमएसपी की अनिवार्यता और दूसरी तीन काले कृषि कानूनों की वापसी. भाजपा सरकार इनके प्रति संवेदनहीन हैं. उसे किसानों की मौत पर भी लाज नहीं आती. किसानों को न्याय समाजवादी सरकार बनने पर ही मिलेगा. भाजपा ने तो जनसामान्य, किसानों और नौजवानों के भविष्य के सभी रास्ते बंद कर रखे हैं. अब प्रदेशवासी मिलकर सन् 2022 में भाजपा के सत्ता में आने के सभी रास्ते बंद कर देंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आज सत्तातंत्र ने कुनीतियों से जनमानस और किसानों-नौजवानों को हताशा के अंधेरे में ढकेल दिया है. नौकरी नहीं, रोजगार नहीं फिर त्योहार का उत्साह और उमंग कहां? निराशा में डूबी जनता अब इसका करारा जवाब देगी.