लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण विसंगति मामले को लेकर अभ्यार्थियों ने रविवार को लखनऊ में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर मुलाकात की. अभ्यार्थियों का कहना है कि उपमुख्यमंत्री ने नियुक्ति को लेकर आश्वाशन दिया है.
डिप्टी सीएम ने कहा, किसी के साथ अन्नाय नहीं होगा
69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यार्थी लगातार संघर्ष कर रहे हैं. अभ्यार्थी नियुक्ति होने की उम्मीद को लेकर लखनऊ के ईको गार्डन में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस सिलसिले में अभ्यार्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से रविवार को लखनऊ स्थित उनके आवास पर जाकर मुलाकात की. अभ्यार्थियों ने बताया के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मामले को सुनने के बाद सकारात्मक आश्वासन दिया है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर सरकार गंभीर है और यह मामला कोर्ट में भी चल रहा है. कोर्ट का जैसा दिशा निर्देश मिलेगा, तत्काल उसका पालन किया जाएगा. उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सभी लोग सकारात्मक रहें, किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, सभी को न्याय मिलेगा.
आरोप, आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अमरेंद्र पटेल ने उपमुख्यमंत्री को बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित-पिछड़े वर्ग के अभ्यार्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था. जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित-पिछड़े वर्ग के अभ्यार्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका. हमारी मांग है की सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें.