लखनऊः आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को बने हुए 4 साल पूरे हो गए हैं. इन 4 वर्षों में इस एक्सप्रेसवे पर अबतक करीब 2400 सड़क हादसे हो चुके हैं और इन दुर्घटनाओं में करीब 250 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन अभी तक सड़क हादसे रोकने के लिए यूपीडा की तरफ से पर्याप्त उपाय नहीं किये जा सके.
सड़क दुर्घटना रोकने में फेल साबित हो रहे अधिकारी
पिछले चार वर्षों में जो घटनाएं हुई हैं उनसे भी अधिकारी सबक लेते हुए दिखाई नहीं देते हैं, जिससे इस एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे कम से कम हों और लोगों की जानें बचाई जा सकें. सड़क सुरक्षा को लेकर पिछले कई साल से काम करने वाले शुभम सोती फाउंडेशन के अध्यक्ष आशुतोष सोती कहते हैं कि सड़क दुर्घटना के पीछे लापरवाही ही है. चाहे चालक के स्तर पर हो या उपाय न होने को लेकर. पेट्रोलिंग बढ़ाकर और नाइट्रोजन हवा की व्यवस्था सुनिश्चित कराने से सड़क हादसे कम किए जा सकते हैं.
ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण की जरूरत
शुभम सोती फाउंडेशन के अध्यक्ष आशुतोष सोती कहते हैं कि ओवरस्पीडिंग को नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए. एक्सप्रेस-वे के किनारे वाहनों के रुकने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. इसके लिए पेट्रोलिंग को और बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे फास्ट और रश ड्राइविंग करने वाले लोगों को मौके पर ही पकड़कर जुर्माना लगाया जा सके. उन्हें कुछ घंटे के लिए रोककर जुर्माना लगाया जाए, जिससे फिर वह इस प्रकार की गलत ड्राइविंग न करें.
CCTV से हो ओवरस्पीडिंग पर नियंत्रण
शुभम सोती फॉउंडेशन के अध्यक्ष आशुतोष सोती कहते हैं कि सीसीटीवी कैमरे के साथ ही आईटीएमएस सिस्टम के माध्यम से भी ओवरस्पीडिंग को नियंत्रित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए. सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करके तत्काल कार्रवाई की जरूरत है सिर्फ चालान घर भेज देने से काम नहीं चलेगा. इसपर गम्भीरता से काम करने की आवश्यकता है.
जागरूकता अभियान भी चलाने की जरूरत
सड़क सुरक्षा के जानकार आशुतोष सोती कहते हैं कि यातायात के नियमों का पालन करने को लेकर आगरा एक्सप्रेसवे के आस-पास पर्याप्त मात्रा में जागरूकता का अभाव रहता है. जागरूकता वाले स्लोगन या अन्य किसी प्रकार से सड़क दुर्घटनाएं रोकने को लेकर इंतजाम नजर नहीं आते. इस पर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है.