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केजीएमयू में अब 24 घंटे होगा बच्चों का ऑपरेशन - operation of children will be done KGMU

केजीएमयू में अब 24 घंटे हो सकेगा बच्चों का ऑपरेशन. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग (Department of Pediatric Surgery) के प्रमुख डॉ. जेडी रावत के मुताबिक विभाग में अब तक एक ही ओटी थी.

केजीएमयू के डॉक्टर
केजीएमयू के डॉक्टर
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Published : Dec 29, 2021, 10:28 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू में अब बच्चों का ऑपरेशन 24 घंटे हो सकेगा. इसके लिए विभाग में इमरजेंसी ओटी शुरू हो गई है. कुलपति ने बुधवार को लोकार्पण कर मरीजों को इसकी सौगात दी. केजीएमयू में बुधवार को पीडियाट्रिक सर्जरी डे मनाया गया. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जेडी रावत के मुताबिक विभाग में अब तक एक ही ओटी थी. ऐसे में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ऑपरेशन के लिए कई बार इंतजार करना पड़ता था. अब दूसरी ओटी इमरजेंसी मरीजों के लिए बनाई गई है. ऐसे में गंभीर बच्चों का किसी भी समय इलाज किया जा सकेगा.


इस दौरान डॉ. पंकज अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल की किताबों का हिन्दी में अनुवाद जरूरी नहीं है. मेडिकल की भाषा को अंग्रेजी में ही पढ़ाएं. बस पढ़ाते समय शिक्षक हिन्दी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें. इससे बच्चों को मेडिकल की कठिन पढ़ाई आसान लगेगी. हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले छात्र भी अच्छे डॉक्टर बन सकेंगे. विभाग के डॉ. नर सिंह वर्मा ने कहा कि तकनीक का पढ़ाई में इस्तेमाल होना चाहिए. ऑडियो-विजुअल से बच्चों को अधिक समझाया जा सकता है. इसके अलावा केस के आधार पर पढ़ाई होनी चाहिए.

इसे भी पढ़ेंः केजीएमयू में पैरामेडिकल स्टॉफ और कर्मचारियों की हड़ताल, मरीजों का हाल बेहाल

इस मौके पर कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने विभाग के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया. डॉ. एसके सिंह अवार्ड रेजिडेंट डॉ. शिबू अवस्थी को दिया गया. साथ ही इस साल विभाग में हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को भी सम्मानित किया गया.

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लखनऊ : केजीएमयू में अब बच्चों का ऑपरेशन 24 घंटे हो सकेगा. इसके लिए विभाग में इमरजेंसी ओटी शुरू हो गई है. कुलपति ने बुधवार को लोकार्पण कर मरीजों को इसकी सौगात दी. केजीएमयू में बुधवार को पीडियाट्रिक सर्जरी डे मनाया गया. पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. जेडी रावत के मुताबिक विभाग में अब तक एक ही ओटी थी. ऐसे में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को ऑपरेशन के लिए कई बार इंतजार करना पड़ता था. अब दूसरी ओटी इमरजेंसी मरीजों के लिए बनाई गई है. ऐसे में गंभीर बच्चों का किसी भी समय इलाज किया जा सकेगा.


इस दौरान डॉ. पंकज अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल की किताबों का हिन्दी में अनुवाद जरूरी नहीं है. मेडिकल की भाषा को अंग्रेजी में ही पढ़ाएं. बस पढ़ाते समय शिक्षक हिन्दी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें. इससे बच्चों को मेडिकल की कठिन पढ़ाई आसान लगेगी. हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले छात्र भी अच्छे डॉक्टर बन सकेंगे. विभाग के डॉ. नर सिंह वर्मा ने कहा कि तकनीक का पढ़ाई में इस्तेमाल होना चाहिए. ऑडियो-विजुअल से बच्चों को अधिक समझाया जा सकता है. इसके अलावा केस के आधार पर पढ़ाई होनी चाहिए.

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इस मौके पर कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने विभाग के मेधावी छात्रों को सम्मानित किया. डॉ. एसके सिंह अवार्ड रेजिडेंट डॉ. शिबू अवस्थी को दिया गया. साथ ही इस साल विभाग में हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्रों को भी सम्मानित किया गया.

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