लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण के संदर्भ में आज (रविवार) टीम-11 के साथ बैठक की. इस दौरान टीम के अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4 दिनों के भीतर अस्पतालों में 14000 नए बेड बढ़ जाएंगे. मुख्यमंत्री ने मीटिंग में कहा कि कोविड संक्रमण से होने वाली हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार सभी मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती है. प्रत्येक जनपद में (नगरीय एवं ग्रामीण) कोविड संक्रमित किसी मरीज के अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क न लिया जाए. अंतिम संस्कार की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ही कराई जाए. प्रशासन सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराए. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से अमल में लाई जाए.
टीम-11 को दिए यह खास निर्देश
1. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 के अधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हमारे चिकित्सा वैज्ञानिक दवाओं के नवीन विकल्पों की खोज में भी संलग्न हैं. हाल ही में जायडस कैडिला कंपनी की एक नई दवा को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने कोविड मरीजों के उपयोग के लिए स्वीकृति दी है. इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाए.
2. हर जरूरतममंद प्रदेशवासी को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जाने की जरूरत है. कोविड की पिछली लहर में महिला स्वयं सहायता समूहों ने इस दिशा में सराहनीय कार्य किया था. इस बार भी इनका सहयोग प्राप्त करें. यह स्वयं सहायता समूहों के स्वावलम्बन की दृष्टि से भी उपयोगी होगा और पर्याप्त मास्क की उपलब्धता भी होगी. मास्क न लगाने वाले जिन लोगों का चालान किया जाए, उन्हें मास्क भी जरूर दें. इसके अलावा गरीब, असहाय परिवारों को निःशुल्क मास्क उपलब्ध कराया जाए. इस संबंध में कार्रवाई तत्काल प्रारंभ की जाए.
3. बीते तीन से चार दिनों के भीतर प्रदेश के विभिन्न जिलों में साढ़े 14 हजार से अधिक बेड बढ़ाए गए हैं. इससे कोविड मरीजों के इलाज में और सुविधा प्राप्त हुई है. इसका और विस्तार किए जाने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग इस दिशा में नवीन विकल्पों को तलाशें और बेड में बढ़ोतरी सुनिश्चित कराएं.
4. प्रदेश में एक भी मरीज को बेड का अभाव नहीं होगा. सभी जिलों में इस संबंध में आवश्यक इंतजाम किए गए हैं. अगर सरकारी अस्पताल में बेड रिक्त नहीं हैं तो निजी चिकित्सालय में इलाज की सुविधा मिले. सरकार नियमानुसार उसका भुगतान करेगी. हर दिन की स्थिति के अनुरूप अतिरिक्त व्यवस्था भी कराई जाए. बेड के अभाव में इलाज से वंचित एक भी मरीज की पीड़ा असह्य है. ऐसी घटनाओं पर संबंधित जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी.
5. टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय कर दी हैं. समस्त जिला प्रशासन निर्धारित दरों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं. किसी भी अस्पताल से यदि अधिक शुल्क लेने की शिकायत मिली तो उनके विरुद्ध महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होनी तय है.
6. आमजन को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए. प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वहां दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक किया जाए. यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए. बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए. सभी जिला प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कराएं.
7. होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमित मरीजों को समय से मेडिकल किट हर हाल में उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल किट में न्यूनतम 07 दिन की समस्त निर्धारित दवाएं होनी चाहिए और उनसे निरन्तर व नियमित संवाद स्थापित किया जाए. कोविड संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाए.
8. रेमडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है. हर दिन लगभग 18,000-20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है. उत्तर प्रदेश की जरूरत को देखते हुए भारत सरकार ने प्रदेश के लिए रेमडेसीवीर इंजेक्शन का आवंटन बढ़ा कर 160,000 कर दिया है. इसके अतिरिक्त विभिन्न निर्माता कंपनियों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए इस जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए.
9. सरकार के किसी भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की कमी नहीं है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. यदि किसी निजी अस्पताल में रेमडेसीवीर की आवश्यकता है तो उसे भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दरों पर मुहैया कराई जाएगी. रेमडेसीवीर की मांग-आपूर्ति-वितरण व्यवस्था की समीक्षा की जाए. इस दवा के वितरण की व्यवस्था पारदर्शी ढंग से हो.
10. टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को अमल में लाते हुए उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य है, जिसने 03 करोड़ 97 लाख कोविड टेस्ट किया है. यह हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है. सभी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुनी किए जाने की जरूरत है. इस संबंध में वित्तीय व्यवस्था की जा चुकी है. टेस्ट क्षमता को दोगुनी करने की कार्रवाई प्राथमिकता के साथ की जाए.
11. हमें यह ध्यान रखना होगा कि इस बार की कोविड लहर पिछली लहर की तुलना में 30 गुनी अधिक संक्रामक है, अतः विशेष सतर्कता जरूरी है. पंचायत चुनावों के दृष्टिगत कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कराया जाए. अनावश्यक भीड़ न हो. पंचायत पोलिंग पार्टियों को मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर के साथ-साथ मेडिकल किट भी मुहैया कराई जाए.
12. विभिन्न राज्यों से प्रदेश आ रहे प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए परिवहन तथा गृह विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि लक्षणविहीन प्रवासी श्रमिकों को न्यूनतम 07 दिन के लिए क्वारन्टीन किया जाए. अस्वस्थ होने की दशा में अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए. परिवहन निगम की बसों को व्यापक स्तर पर सैनिटाइज कराया जाए. प्रदेशव्यापी स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य सतत जारी रहे.
13. कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं. सोशल मीडिया पर एक जैसे संदेश अलग-अलग एकाउंट से प्रसारित किए जा रहे हैं. ऐसे लोगों को चिह्नित कर इनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए.
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14. राज्य निर्वाचन आयोग से अनुरोध करते हुए यह सुनिश्चित कराएं कि पंचायत चुनाव प्रचार में एक साथ कहीं भी तीन से अधिक लोग एकत्रित न हों. दावत, सभाओं आदि पर पूरा प्रतिबंध लगाया जाए.