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उजड़ गए 42 आशियाने, आंसू बयां कर रहे कटान पीड़ितों का दर्द

लखीमपुर के मझरी अहिराना गांव में शारदा नदी के कटान ने ऐसी तबाही मचायी कि यहां एक महीने के अंदर 42 घर पानी में समा गए. ये परिवार अब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. एक महीना गुजरने के बाद भी इनको अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है.

sharda river floodwater lakhimpur kheri
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Published : Jul 28, 2021, 12:08 PM IST

लखीमपुर खीरी: जिले में शारदा नदी के कटान से एक गांव में काफी नुकसान हुआ. ईटीवी भारत की टीम ने इस गांव का दौरा किया और शारदा की तबाही का दंश झेल रहे लोगों का दर्द जानने की कोशिश की. गांव के लोगों को सरकारी मदद की दरकार है लेकिन सरकार की ओर से उनको एक महीना गुजरने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची मझरी अहिराना गांव में शारदा नदी के कटान के पीड़ितों का हाल जानने

लखीमपुर खीरी जिले की निघासन तहसील के मझरी अहिराना गांव में शारदा नदी के पानी ने कहर बरपाया. शारदा नदी के तांडव के कारण पिछले एक महीने में यहां के 42 घर और खेती की जमीन नदी में समा गए. यहां 58 साल की जानकी देवी की तीन एकड़ जमीन भी शारदा नदी ने लील ली थी और अब उनका मकान भी शारदा नदी में समा गया. अब न इनके पास सिर छिपाने के लिए कोई छत है और न ही कोई सहारा.

मझरी अहिराना गांव में कटान से परेशान लोग
मझरी अहिराना गांव में कटान से परेशान लोग

मझरी अहिराना गांव की रहने वाली रामरति का दर्द भी जानकी देवी जैसा ही है. इनका घरद्वार भी नदी के बहाव में कट गया. एक झटके में नदी उनकी पूरी गृहस्ती अपने साथ ले गयी. अब परिवार के सभी लोग खुले आसमान में सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं. शारदा नदी के बहाव के कारण जब पहला घर गिरा था, तब से ही गांव वाले अफसरों से मदद की गुहार लगा रहे थे. एक एक करके 42 घर नदी में समा गए लेकिन गांव के लोगों का हाल ना तो अफसर जानने आए, ना ही नेता. एक महीने बाद अब अधिकारी गांव पहुंचे हैं, जो अब पीड़ितों की सूची बनाकर मुआवजा देने की बात कह रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा, बस और ट्रक की टक्कर में 18 की मौत

चीनी का कटोरा कहे जाने वाले खीरी जिले में गन्ने के हरे भरे खेतों के बीच बसा मझरी अहिराना गांव भी खुशहाल हुआ करता था. लेकिन यहां शारदा नदी ने ऐसी तबाही मचायी कि एक महीने में मझरी गांव के 42 घर शारदा नदी की कटान की भेंट चढ़ गए. यहां करीब सौ एकड़ से ज्यादा खेती वाली जमीन भी नदी में समा चुकी है. अब देखना ये है कि गांव के लोगों तक सरकारी मदद कब तक पहुंच पाएगी.

लखीमपुर खीरी: जिले में शारदा नदी के कटान से एक गांव में काफी नुकसान हुआ. ईटीवी भारत की टीम ने इस गांव का दौरा किया और शारदा की तबाही का दंश झेल रहे लोगों का दर्द जानने की कोशिश की. गांव के लोगों को सरकारी मदद की दरकार है लेकिन सरकार की ओर से उनको एक महीना गुजरने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली.

ईटीवी भारत की टीम पहुंची मझरी अहिराना गांव में शारदा नदी के कटान के पीड़ितों का हाल जानने

लखीमपुर खीरी जिले की निघासन तहसील के मझरी अहिराना गांव में शारदा नदी के पानी ने कहर बरपाया. शारदा नदी के तांडव के कारण पिछले एक महीने में यहां के 42 घर और खेती की जमीन नदी में समा गए. यहां 58 साल की जानकी देवी की तीन एकड़ जमीन भी शारदा नदी ने लील ली थी और अब उनका मकान भी शारदा नदी में समा गया. अब न इनके पास सिर छिपाने के लिए कोई छत है और न ही कोई सहारा.

मझरी अहिराना गांव में कटान से परेशान लोग
मझरी अहिराना गांव में कटान से परेशान लोग

मझरी अहिराना गांव की रहने वाली रामरति का दर्द भी जानकी देवी जैसा ही है. इनका घरद्वार भी नदी के बहाव में कट गया. एक झटके में नदी उनकी पूरी गृहस्ती अपने साथ ले गयी. अब परिवार के सभी लोग खुले आसमान में सड़क के किनारे रहने को मजबूर हैं. शारदा नदी के बहाव के कारण जब पहला घर गिरा था, तब से ही गांव वाले अफसरों से मदद की गुहार लगा रहे थे. एक एक करके 42 घर नदी में समा गए लेकिन गांव के लोगों का हाल ना तो अफसर जानने आए, ना ही नेता. एक महीने बाद अब अधिकारी गांव पहुंचे हैं, जो अब पीड़ितों की सूची बनाकर मुआवजा देने की बात कह रहे हैं.

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चीनी का कटोरा कहे जाने वाले खीरी जिले में गन्ने के हरे भरे खेतों के बीच बसा मझरी अहिराना गांव भी खुशहाल हुआ करता था. लेकिन यहां शारदा नदी ने ऐसी तबाही मचायी कि एक महीने में मझरी गांव के 42 घर शारदा नदी की कटान की भेंट चढ़ गए. यहां करीब सौ एकड़ से ज्यादा खेती वाली जमीन भी नदी में समा चुकी है. अब देखना ये है कि गांव के लोगों तक सरकारी मदद कब तक पहुंच पाएगी.

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