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नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के खिलाफ STF सख्त, खुफिया विभाग संग जारी है पड़ताल - ईटीवी भारत यूपी न्यूज

नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े की जांच लगातार जारी है. अब इस केस में एसटीएफ के साथ खुफिया विभाग ने भी गिरफ्तार लोगों के इतिहास को खंगालना शुरू कर दिया है.

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नौकरी दिलाने का झांसा
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Published : May 1, 2022, 3:41 PM IST

कुशीनगर : पूर्व में योगी सरकार में कद्दावर मंत्री की भूमिका में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और उसके चार अन्य साथियों की हुई गिरफ्तारी के बाद मामले से जुड़े अन्य लोगों की कुंडली खंगालने का काम शुरु हो गया है. कहा जाता है कि एसटीएफ के साथ अब खुफिया विभाग ने भी गिरफ्तार लोगों के इतिहास का पता लगाना शुरू कर दिया है.

दरअसल, तीन दिन पूर्व प्रदेश मुख्यालय की एसटीएफ इकाई द्वारा लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक फर्जीवाड़े का खुलासा किया. इस संबंध में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई. इनमें मुख्य सरगना के तौर पर पूर्व में यूपी सरकार में श्रम मंत्री और जिले की पडरौना सीट से विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के निजी सचिव अरमान खान का नाम भी सामने आया. उसका साथी अमित राव सहित गिरोह से जुड़े तीन अन्य युवकों को भी गंभीर साक्ष्यों के साथ दबोचा गया. इन सभी पर जरुरतमंदों को झांसे में लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर भारी भरकम रकम वसूलने का आरोप है.

यह भी पढ़ें- अलीगढ़ में बेकाबू ट्रक ने राहगीरों को रौंदा, 3 की मौत, कई जख्मी

सूचना के मुताबिक पीड़ितों की शिकायत के बाद जमीनी पड़ताल कर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. बताया जाता है कि पकड़े गए लोगों के राजनीतिक रसूख को देखते हुए स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सूत्रों की मानें तो सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोगों के बारे में भी विस्तार से पता लगाया जा रहा है.

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कुशीनगर : पूर्व में योगी सरकार में कद्दावर मंत्री की भूमिका में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और उसके चार अन्य साथियों की हुई गिरफ्तारी के बाद मामले से जुड़े अन्य लोगों की कुंडली खंगालने का काम शुरु हो गया है. कहा जाता है कि एसटीएफ के साथ अब खुफिया विभाग ने भी गिरफ्तार लोगों के इतिहास का पता लगाना शुरू कर दिया है.

दरअसल, तीन दिन पूर्व प्रदेश मुख्यालय की एसटीएफ इकाई द्वारा लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे एक फर्जीवाड़े का खुलासा किया. इस संबंध में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई. इनमें मुख्य सरगना के तौर पर पूर्व में यूपी सरकार में श्रम मंत्री और जिले की पडरौना सीट से विधायक रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के निजी सचिव अरमान खान का नाम भी सामने आया. उसका साथी अमित राव सहित गिरोह से जुड़े तीन अन्य युवकों को भी गंभीर साक्ष्यों के साथ दबोचा गया. इन सभी पर जरुरतमंदों को झांसे में लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर भारी भरकम रकम वसूलने का आरोप है.

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सूचना के मुताबिक पीड़ितों की शिकायत के बाद जमीनी पड़ताल कर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. बताया जाता है कि पकड़े गए लोगों के राजनीतिक रसूख को देखते हुए स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सूत्रों की मानें तो सत्ताधारी दल से जुड़े कुछ लोगों के बारे में भी विस्तार से पता लगाया जा रहा है.

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