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कुदरत के सामने प्रशासन लाचार, वाटर प्रूफ टेंट में भी भीग रहे शरणार्थी..

कुशीनगर जिले में नारायणी नदी उफान पर है, जिसकी वजह से स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं. वहीं शासन-प्रशासन द्वारा बनाए गए शरणालय में लोग भीगने पर मजबूर हैं.

नारायणी नदी में आई बाढ़
नारायणी नदी में आई बाढ़
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Published : Aug 29, 2021, 8:12 PM IST

कुशीनगर : जिले में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं हैं. बारिश के कारण जिले की सीमा से होकर जाने वाली नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं वाल्मीकि नगर बैराज से 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी नारायणी नदी में छोड़ा गया है. जिसके कारण कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में कई गांव बाढ़ की चपेट में गए हैं. बाढ़ का पानी घरों में भर जाने से स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं.

नारायणी नदी में आई बाढ़

हालांकि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शरणालय बनाए बनाए गए हैं. शरणालयों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. बाढ़ प्रभावित गांव शिवपुर की रहने वाली महिला लीलावती ने बताया कि शरणालय में खाने-पीने की व्यवस्था है, शौचालय भी मिला है. लीलावती का कहना है कि सरकार नारायणी नदी पर बांध बनवा दे तो उन्हें शरणालय में रहने की आवश्यकता नहीं होगी और उनका परिवार खुशहाल रहेगा. शरणालय कैंप में रह रही महिला चयिति ने बताया कि उन्हें कैंप में खाना तो मिल रहा है. लेकिन उनके घर में जलभराव के कारण अनाज सड़ रहा है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

चयिति का कहना है कि वह बाढ़ खत्म होने का इंतजार कर रहीं हैं, जल्दी ही बाढ़ खत्म हो जाए तो वह अपने घर वापस लौटे. एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है. बढ़े जलस्तर के कारण खड्डा तहसील के 7 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बैराज से पानी डिस्चार्ज होने के बाद उसे गांव तक पहुंचने में 4 से 5 घंटे का समय लगता है. जलस्तर बढ़ने की जानकारी लोगों को दी गई है. इसके लिए अलर्ट जारी किया गया है. बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से लोगों को विस्थापित किया जा रहा है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक गांव के लिए शरणालय की व्यवस्था की गई है. जिसमें 2 बार खाने की व्यवस्था की गई है. जो व्यक्ति शरणालय में नहीं पहुंच पाए हैं उनके लिए खाने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. अब तक 3,000 से अधिक खाने के पैकेट लोगों को बांटे गए हैं. लोगों के रहने के लिए वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

बता दें, कि शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी लोगों की समस्याएं कम नहीं हो रहीं हैं. शरणालय में लोगों को भोजन तो मिल रहा है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण लोग भीगने पर मजबूर हैं. प्रशासन की ओर से शरणालय में जो टेंट लगाया गया है, वह हवा और पानी को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं है. जिसके कारण लोगों को काफी समस्या हो रही है.

कुदरत के सामने प्रशासन लाचार, वाटर प्रूफ टेंट में भी भीग रहे शरणार्थी
कुदरत के सामने प्रशासन लाचार, वाटर प्रूफ टेंट में भी भीग रहे शरणार्थी

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कुशीनगर : जिले में लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दीं हैं. बारिश के कारण जिले की सीमा से होकर जाने वाली नारायणी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं वाल्मीकि नगर बैराज से 4 लाख क्यूसेक से अधिक पानी नारायणी नदी में छोड़ा गया है. जिसके कारण कुशीनगर जिले के खड्डा तहसील क्षेत्र में कई गांव बाढ़ की चपेट में गए हैं. बाढ़ का पानी घरों में भर जाने से स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं.

नारायणी नदी में आई बाढ़

हालांकि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शरणालय बनाए बनाए गए हैं. शरणालयों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की गई है. बाढ़ प्रभावित गांव शिवपुर की रहने वाली महिला लीलावती ने बताया कि शरणालय में खाने-पीने की व्यवस्था है, शौचालय भी मिला है. लीलावती का कहना है कि सरकार नारायणी नदी पर बांध बनवा दे तो उन्हें शरणालय में रहने की आवश्यकता नहीं होगी और उनका परिवार खुशहाल रहेगा. शरणालय कैंप में रह रही महिला चयिति ने बताया कि उन्हें कैंप में खाना तो मिल रहा है. लेकिन उनके घर में जलभराव के कारण अनाज सड़ रहा है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

चयिति का कहना है कि वह बाढ़ खत्म होने का इंतजार कर रहीं हैं, जल्दी ही बाढ़ खत्म हो जाए तो वह अपने घर वापस लौटे. एसडीएम अरविंद कुमार ने बताया कि 4 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति बन गई है. बढ़े जलस्तर के कारण खड्डा तहसील के 7 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. बैराज से पानी डिस्चार्ज होने के बाद उसे गांव तक पहुंचने में 4 से 5 घंटे का समय लगता है. जलस्तर बढ़ने की जानकारी लोगों को दी गई है. इसके लिए अलर्ट जारी किया गया है. बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों से लोगों को विस्थापित किया जा रहा है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक गांव के लिए शरणालय की व्यवस्था की गई है. जिसमें 2 बार खाने की व्यवस्था की गई है. जो व्यक्ति शरणालय में नहीं पहुंच पाए हैं उनके लिए खाने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं. अब तक 3,000 से अधिक खाने के पैकेट लोगों को बांटे गए हैं. लोगों के रहने के लिए वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई है.

बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़
बारिश के कारण नारायणी नदी में आई बाढ़

बता दें, कि शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी लोगों की समस्याएं कम नहीं हो रहीं हैं. शरणालय में लोगों को भोजन तो मिल रहा है. लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण लोग भीगने पर मजबूर हैं. प्रशासन की ओर से शरणालय में जो टेंट लगाया गया है, वह हवा और पानी को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं है. जिसके कारण लोगों को काफी समस्या हो रही है.

कुदरत के सामने प्रशासन लाचार, वाटर प्रूफ टेंट में भी भीग रहे शरणार्थी
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