कुशीनगर: जनपद में मरीजों का नाश्ता और भोजन सहित अन्य मदों की रकम अपने निजी बैंक खाते में मंगाने के मामले में डीएम के आदेश पर हुई जांच में एमओआईसी (प्रभारी चिकित्साधिकारी) आरोपी पाए गए हैं. इसके बाद सीडीओ ने डीएम को रिपोर्ट सौंपकर सरकारी धनराशि संबंधित एमओआईसी के वेतन से वसूली कराते हुए संबंधित सभी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की है.
गौरतलब है कि एनएचएम से प्रसूताओं को दिए जाने वाले नाश्ते, भोजन की धनराशि तीन साल पहले जिले के एमओआईसी अपने निजी खाते में मंगाकर निकासी कर लिए थे. मीडिया ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था. इसके बाद विभागीय ऑडिट में मामला पकड़ में आने पर मिशन निदेशक ने डीएम को संबंधित से रिकवरी कराते हुए कार्यवाही के लिए निर्देश दिए थे. डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ से पूरे प्रकरण की जांच कराई.
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सीडीओ ने जांच पूरी कर डीएम को रिपोर्ट भेजकर सरकारी धन को संबंधित एमओआईसी के वेतन से वसूली कराते हुए इन सभी एमओआईसी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए सिफारिश की है. बताया जा रहा है कि इसके पहले भी तीन बार अलग-अलग हुई जांच में गड़बड़ी सामने आई थी. इस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की गई थी.
वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेश पटारिया ने कहा कि एनएचएम का धन अपने निजी खाते में मंगाने के मामले में डीएम के निर्देश पर सीडीओ की तरफ से जांच की गई है. जानकारी मिली है कि सीडीओ की जांच में सभी एमओआईसी सरकारी धन अपने निजी खाते में मंगाने के लिए दोषी पाए गए है. इसके बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की संस्तुति की है.
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