कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में दो जातियों का प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. सेवरही विकास खण्ड के अहिरौलीदान के वर्तमान ग्राम प्रधान व प्रधान पति के खिलाफ कोर्ट के हस्तक्षेप से धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया. जिसके बाद पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है.
ग्राम सभा अहिरौली दान निवासी मिथलेश कुमार पुत्र शैलेन्द्र मोहन ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुशीनगर, पडरौना में वाद संख्या 1064/2021 पर 156/3 के तहत दिनांक 25 जुलाई 2021 को लिखित शिकायतीपत्र देकर बताया था कि हमारे ही गांव के मिना देवी पत्नी प्रदीप गोड़ ने वर्ष 2019 में जाति प्रमाण पत्र आवेदन संख्या 191890030037545 पर आवेदन किया था जो दिनांक 9 मार्च 2019 को अनुसूचित जाती प्रमाण पत्र संख्या 594194004124 से प्राप्त किया और पुनः 2021 में अपने पति प्रदीप के सह पर अपने मायके ग्राम महुआ बुजुर्ग तहसील देवरिया सदर व जिला देवरिया से आवेदन संख्या 21190030024952 पर मिना देवी पुती प्रयाग गोड़ के नाम से आवेदन जनजाती प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था जिस पर दिनांक 22 फरवरी 2021 को अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र संख्या 601115000350 पर प्राप्त किया.
जो न्याय संगत नहीं है एक ही व्यक्ति के जाती प्रमाण पत्र पर 2 जनपद से अलग-अलग तथ्यों को छिपाकर कूटरचित, धोखाधड़ी से बनवा कर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचन हुई है जबकी 2005 में मिना देवी पत्नी प्रदीप गोड ने ग्राम पंचायत सदस्य में अनुसूचित जाति से सदस्य निर्वाचित हुई थी. मिना देव पत्नी प्रदीप गोड़ के द्वारा तहसीलदार देवरिया सदर को तथ्य छुपाकर कूटरचित, धोखाधड़ी से फर्जी जनजाती प्रमाण पत्र बनवा गया है. जहां कोर्ट के आदेश पर शनिवार को थाना तरयासुजान पर मुकदमा संख्या 36/2022 धारा 419,420,467,468,471 दर्ज कर पुलिस अग्रिम कार्रवाई में जुटी हुई है.
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