कौशांबीः जिला कारागार से रिहा बंदियों की वापसी न होने से जेल और पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. जेल अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर बंदियों को वापस जेल में भेजने की बात कही है. वहीं पुलिस अब ऐसे बंदियों की तलाश कर रही है.
कोरोना काल में छोड़े गए थे कैदी
कोरोना काल के दौरान कौशांबी जिला कारागार से कुल 19 बंदियों को 24 सप्ताह की पैरोल पर रिहा किया गया था. रिहाई का समय पूरा होने के बाद अब तक 6 बंदी ही जेल वापस लौटे हैं, लेकिन 13 बंदी अब तक जिला कारागार में पैरोल की अवधि खत्म होने के बाद वापस नहीं आए हैं. इनमें कौशांबी के 10 और प्रयागराज के 3 बंदी शामिल हैं.
कैदियों की तलाश में प्रशासन
ऐसे में जेल और पुलिस प्रशासन की मुसीबत बढ़ गई है. विशेष सचिव प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक कारागार को पत्र भेज तीन दिन के भीतर पैरोल पर छोड़े गए बंदियों की वापसी कराने का फरमान जारी किया है. यह फरमान जारी होते ही पुलिस प्रशासन अब पैरोल पर छोड़े गए बंदियों को खोजने में जुट हुआ है.
नहीं हाजिर होने पर होंगे भगोड़ा घोषित
कौशांबी जिला जेल में हाजिर न होने वाले 13 बंदियों को जेल वापस भेजने के लिए जेल अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है. यदि यह बंदी जेल वापस नहीं आते हैं तो नियमानुसार पुलिस इनकी रिपोर्ट जेल अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक को प्रेषित करेगी. जिसके बाद इन्हें भगोड़ा घोषित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद के मुताबिक बंदियों की वापसी के लिए पुलिस अधीक्षक के माध्यम से संबधित थानेदारों को पत्र भेजा जा चुका है. यदि बंदी जल्द ही वापसी नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करते हुए भगोड़ा घोषित कर कार्रवाई किया जाएगा.