कौशाम्बी: गंगा-यमुना दो नदियों के बीच बसा कौशांबी जिले का किसान अपने खेतों में पानी के बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. जिले में नहरों की कमी नहीं है. हर तरफ नहरों का जाल बिछा हुआ है लेकिन फिर भी किसानों की फसल बिना पानी के सूख रही है. सूखी नहरों को देख यही कहा जा सकता है कि नहरों में नेताओं के सियासी वादों का पानी बह रहा है और किसानों की फसल सूख रही है.
नहरों में पड़ा पानी का अकाल-
बाढ़ के समय में भी जिले की नहरों में पानी का अकाल पड़ा हुआ है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की नहरों का हाल देखकर हर कोई हैरान है. यहां की सबसे प्रमुख नहर निचली रामगंगा और जोगापुर पंप कैनाल नहर में दो दशक से पानी नहीं आया है. दोनों नहरे फतेहपुर जिले की सीमा से निकलती हैं. नहर विभाग के कागजों में हर साल सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिया जाता है. वहीं हकीकत में जिले की दोनों प्रमुख नहरों में बड़ी-बड़ी घास और खरपतवार सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. बाढ़ के इस दौर में भी नहरें सूखी पड़ीं हैं. साफ जाहिर होता है कि जिले के अफसर और नेता इन नहरों में पानी लाना ही नहीं चाहते.
सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया था-
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 अप्रैल 2018 को कौशांबी दौरे पर पहुंचे. सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया. लोगों को उम्मीद जगी कि प्रदेश सरकार इस विषय में कुछ करेगी. प्रदेश सरकार ने नहरों को पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास तो कर दिया पर एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहरों में पानी नहीं आ सका. अधिकारियों द्वारा इसका कारण परियोजनाओं के लिए धन आवंटन न हो पाना बताया जा रहा है. सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जगदीश लाल के मुताबिक धन आवंटन के बाद नहरों के पम्पों का पुनः स्थापित करने का काम किया जा सकता है, जिसके बाद ही नहरों में पानी लाया जा सकता है.
सूखी पड़ी नहरो के संबंध में सांसद विनोद सोनकर ने इसके लिए पूरी तरीके से पूर्व की सरकारों को दोषी करार दिया. उन्होंने कहा कि अटल सरकार द्वारा नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई थी. अगर यह काम पूर्व की सरकार द्वारा समय से पूरा किया गया होता तो आज देश बाढ़ से नहीं जूझ रहा होता और न ही नहरें सूखी होतीं. जल समस्या पर प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणाओं की बात पर उन्होंने बताया कि इसके लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजना की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी धन आवंटन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह सवाल पूर्ववर्ती सरकारों से पूछा गया होता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता.
विनोद सोनकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीजेपी अनुचित मोर्चा