ETV Bharat / state

कुछ ऐसा है केशव प्रसाद मौर्य का गृह जनपद, बाढ़ के मौसम में भी शहर में पड़ता है सूखा

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में पानी की किल्लत से किसानों की फसल सूखी जा रही है. जिले में नहरें तो हैं लेकिन उनमें पानी का नामो-निशान नहीं है. नेता लोग किसानों से वादे तो कर देते हैं लेकिन उस पर अमल नहीं करते हैं.

author img

By

Published : Sep 3, 2019, 11:07 PM IST

पानी की किल्लत.

कौशाम्बी: गंगा-यमुना दो नदियों के बीच बसा कौशांबी जिले का किसान अपने खेतों में पानी के बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. जिले में नहरों की कमी नहीं है. हर तरफ नहरों का जाल बिछा हुआ है लेकिन फिर भी किसानों की फसल बिना पानी के सूख रही है. सूखी नहरों को देख यही कहा जा सकता है कि नहरों में नेताओं के सियासी वादों का पानी बह रहा है और किसानों की फसल सूख रही है.

पानी की किल्लत से बढ़ रही किसानों की दिक्कतें.

नहरों में पड़ा पानी का अकाल-

बाढ़ के समय में भी जिले की नहरों में पानी का अकाल पड़ा हुआ है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की नहरों का हाल देखकर हर कोई हैरान है. यहां की सबसे प्रमुख नहर निचली रामगंगा और जोगापुर पंप कैनाल नहर में दो दशक से पानी नहीं आया है. दोनों नहरे फतेहपुर जिले की सीमा से निकलती हैं. नहर विभाग के कागजों में हर साल सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिया जाता है. वहीं हकीकत में जिले की दोनों प्रमुख नहरों में बड़ी-बड़ी घास और खरपतवार सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. बाढ़ के इस दौर में भी नहरें सूखी पड़ीं हैं. साफ जाहिर होता है कि जिले के अफसर और नेता इन नहरों में पानी लाना ही नहीं चाहते.

सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया था-

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 अप्रैल 2018 को कौशांबी दौरे पर पहुंचे. सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया. लोगों को उम्मीद जगी कि प्रदेश सरकार इस विषय में कुछ करेगी. प्रदेश सरकार ने नहरों को पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास तो कर दिया पर एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहरों में पानी नहीं आ सका. अधिकारियों द्वारा इसका कारण परियोजनाओं के लिए धन आवंटन न हो पाना बताया जा रहा है. सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जगदीश लाल के मुताबिक धन आवंटन के बाद नहरों के पम्पों का पुनः स्थापित करने का काम किया जा सकता है, जिसके बाद ही नहरों में पानी लाया जा सकता है.

सूखी पड़ी नहरो के संबंध में सांसद विनोद सोनकर ने इसके लिए पूरी तरीके से पूर्व की सरकारों को दोषी करार दिया. उन्होंने कहा कि अटल सरकार द्वारा नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई थी. अगर यह काम पूर्व की सरकार द्वारा समय से पूरा किया गया होता तो आज देश बाढ़ से नहीं जूझ रहा होता और न ही नहरें सूखी होतीं. जल समस्या पर प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणाओं की बात पर उन्होंने बताया कि इसके लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजना की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी धन आवंटन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह सवाल पूर्ववर्ती सरकारों से पूछा गया होता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता.
विनोद सोनकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीजेपी अनुचित मोर्चा

कौशाम्बी: गंगा-यमुना दो नदियों के बीच बसा कौशांबी जिले का किसान अपने खेतों में पानी के बूंद-बूंद के लिए तरस रहा है. जिले में नहरों की कमी नहीं है. हर तरफ नहरों का जाल बिछा हुआ है लेकिन फिर भी किसानों की फसल बिना पानी के सूख रही है. सूखी नहरों को देख यही कहा जा सकता है कि नहरों में नेताओं के सियासी वादों का पानी बह रहा है और किसानों की फसल सूख रही है.

पानी की किल्लत से बढ़ रही किसानों की दिक्कतें.

नहरों में पड़ा पानी का अकाल-

बाढ़ के समय में भी जिले की नहरों में पानी का अकाल पड़ा हुआ है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की नहरों का हाल देखकर हर कोई हैरान है. यहां की सबसे प्रमुख नहर निचली रामगंगा और जोगापुर पंप कैनाल नहर में दो दशक से पानी नहीं आया है. दोनों नहरे फतेहपुर जिले की सीमा से निकलती हैं. नहर विभाग के कागजों में हर साल सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिया जाता है. वहीं हकीकत में जिले की दोनों प्रमुख नहरों में बड़ी-बड़ी घास और खरपतवार सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं. बाढ़ के इस दौर में भी नहरें सूखी पड़ीं हैं. साफ जाहिर होता है कि जिले के अफसर और नेता इन नहरों में पानी लाना ही नहीं चाहते.

सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया था-

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 अप्रैल 2018 को कौशांबी दौरे पर पहुंचे. सीएम योगी ने नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया. लोगों को उम्मीद जगी कि प्रदेश सरकार इस विषय में कुछ करेगी. प्रदेश सरकार ने नहरों को पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास तो कर दिया पर एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहरों में पानी नहीं आ सका. अधिकारियों द्वारा इसका कारण परियोजनाओं के लिए धन आवंटन न हो पाना बताया जा रहा है. सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जगदीश लाल के मुताबिक धन आवंटन के बाद नहरों के पम्पों का पुनः स्थापित करने का काम किया जा सकता है, जिसके बाद ही नहरों में पानी लाया जा सकता है.

सूखी पड़ी नहरो के संबंध में सांसद विनोद सोनकर ने इसके लिए पूरी तरीके से पूर्व की सरकारों को दोषी करार दिया. उन्होंने कहा कि अटल सरकार द्वारा नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई थी. अगर यह काम पूर्व की सरकार द्वारा समय से पूरा किया गया होता तो आज देश बाढ़ से नहीं जूझ रहा होता और न ही नहरें सूखी होतीं. जल समस्या पर प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणाओं की बात पर उन्होंने बताया कि इसके लिए 200 करोड़ रुपये की परियोजना की स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी धन आवंटन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह सवाल पूर्ववर्ती सरकारों से पूछा गया होता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता.
विनोद सोनकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बीजेपी अनुचित मोर्चा

Intro:आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी सियासत और सियासी दल के नेता किसानों के नाम पर किसानों की विकास की सिर्फ वादे करते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है की एक और नदियों का पानी उफान पर है। लोग बाढ़ की वजह से काफी परेशान है। वही गंगा-यमुना दो नदियों के बीच बसा कौशांबी जिले का किसान अपने खेतों के लिए बूंद बूंद पानी को तरस रहा है। ऐसा नहीं कि जिले में नहरों की कमी है। हर तरफ नहरों का जाल बिछा हुआ है लेकिन फिर भी किसानों की फसल बिना पानी सूख रही है। पर बाढ़ के इस दौर पर भी कौशांबी जिले की नहरे सूखी पड़ी हुई हैं। सुखी नहरों को देख यही कहा जा सकता है कि नहरों में नेताओं के सियासी वादों का पानी बह रहा है और किसानों की फसल सूख रही है।


Body:नदियों के उफान पर होने के बावजूद प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशांबी की नहरों का हाल देखकर हर कोई हैरान है। यहां की सबसे प्रमुख नहर निचली रामगंगा व जोगापुर पंप कैनाल नहर में दो दशक से पानी नहीं आया। दोनों नेहरे फतेहपुर जिले की सीमा से निकलती हैं। हैरत की बात तो यह है कि नहर विभाग के कागजों में हर साल सिल्ट सफाई के नाम पर लाखों रुपए निकाल लिया जाता है। जबकि हकीकत में जिले की दोनों प्रमुख नहरों में बड़ी-बड़ी घास व खरपतवार सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं। बाढ़ के इस दौर पर भी यहां किनारे सूखी पड़ी हुई हैं। जिससे साफ जाहिर होता है कि जिले के अफसर और नेता इन नहरों में पानी लाना ही नहीं चाहते। कहने को देश के नेता वह अधिकारी इसी बात का ढिंढोरा हर जगह पीटते हैं कि किसानों के कंधे पर देश की आर्थिक स्थिति का एक बड़ा हिस्सा टिका है। फिर भी किसानों की समस्या का सही तरीके से निवारण नहीं किया जाता है। 4 मई 2014 को लोक सभा चुनाव के पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले के किसानों की दुखती रग नहर में पानी की समस्या को दूर करने का वादा कर वोट बटोर लिया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार विदेश के प्रधानमंत्री बन गए। पर कौशांबी जिले की प्रमुख नहर में पानी नहीं आ पाया। जिससे किसान काफी दुखी हैं।

बाइट-- ओमप्रकाश किसान

उत्तर प्रदेश में बीजेपी कि सरकार बनी और खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 अप्रैल 2018 को कौशांबी दौरे पर पहुंचे। तब उन्होंने कौशांबी जिले के नहरों में जल्द पानी लाने का आश्वासन दिया। लोगों को उम्मीद जगी कि प्रदेश सरकार इस विषय में कुछ करेगी। प्रदेश सरकार ने नहरों को पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ों की परियोजनाओं का शिलान्यास तो कर दिया। पर एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद भी नहरों में पानी नहीं आ सका। अधिकारियों द्वारा इसका कारण परियोजनाओं के लिए धन आवंटन न हो पाना बताया जा रहा है । सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जगदीश लाल के मुताबिक घन आवंटन के बाद नहरों के पम्पो का पुनः स्थापित करने का काम किया जा सकता है जिसके बाद ही नहरों में पानी लाया जा सकता है।

बाइट-- जगदीश लाल अधिशाषी अभियंता सिचाई खंड कौशाम्बी


Conclusion:सूखी पड़ी नहरो के संबंध में जब हमने कौशांबी जिले के सांसद विनोद सोनकर से सवाल किया तो उन्होंने इसके लिए पूरी तरीके से पूर्व की सरकारों को दोषी करार दिया। उन्होंने कहाँ कि अटल सरकार द्वारा नदी जोड़ो अभियान की शुरुआत की गई थी। अगर यह काम पूर्व की सरकार द्वारा समय से पूरा किया गया होता तो आज देश को बाढ़ से नही जूझ रहा होता और न ही नहरे सुखी होती। जब हमने देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणाओं की बात की तो उन्होंने बताया कि इसके लिए 200 करोड़ की परियोजना किसी स्वीकृति मिल चुकी है। जल्दी धन आवंटन किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर यह सवाल पूर्ववर्ती सरकारों से पूछा गया होता तो आज यह दिन देखना नहीं पड़ता।

बाइट-- विनोद सोनकर सांसद कौशाम्बी व राष्ट्रीय अध्यक्ष बीजेपी अनुचित मोर्चा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.