कौशांबीः रमजान माह के आखिरी जुमा की नमाज जिलेभर की 238 मस्जिदों में अदा कराई गई. अलविदा की नमाज में अकीदतमंदों को अमन की राह पर चलने की नसीहत दी गई. मंझनपुर के जामा मस्जिद में मौलाना कौसर अब्बास रिजवी और करारी के शिया मस्जिद में मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने नमाज अदा कराई. नमाज अदा करने के बाद पेश इमाम और नमाजियों ने मुल्क की सलामती, अमन-चैन और तरक्की की दुआ मांगी. इस दौरान डीएम सुजीत कुमार और एसपी बृजेश श्रीवास्तव भारी फोर्स के साथ भ्रमण करते दिखे.
पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में हर जगह फोर्स तैनात किया गया है. ताकि लोगों को बेहतर सुरक्षा दिया जा सकें. हाईवे और हाईवे स्टेट पर कहीं कोई ट्रैफिक जाम की समस्या न आये. सभी लोग मस्जिद के अंदर ही बैठकर नमाज पढ़ रहे हैं. अलविदा की नमाज के दृष्टिगत पूरे कौशांबी में जहां-जहां मस्जिदों पर नमाज हो रही है. करीब 2500 फोर्स पीएससी और सिविल पुलिस के जवान लगे हुए हैं. ड्रोन से नजर रखी जा रही है.
वहीं, जामा मस्जिद के शाही पेश इमाम कौसर अब्बास रिजवी, सुन्नी जामा मस्जिद के पेश इमाम अकबर मौलाना ने कहा कि रमजान का महीना बड़े ही रहमतों और बरकतों का महीना होता है. इसमें 3 असरे होते हैं. आखिरी असरा काफी अहम और महत्वपूर्ण होता है. इसमें एक रात होती है जो हजार महीनों से बेहतर होती है,जिसे हम शब ए कदर कहते हैं.
नमाज पढ़कर मस्जिद से निकलने के बाद लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी. बता दें कि माह-ए-रमजान के आखिरी जुमा को अलविदा की नमाज कहते हैं. इसके बाद लोगों को ईद के चांद का इंतजार रहता है. लोग ईद की तैयारियों में रमजान की शुरुआत से ही लगे रहते हैं.
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