कानपुर : भैया, मेरा अपहरण हो गया है. इन्हें 40 हजार रुपये दे दो, वरना ये लोग मुझे मार डालेंगे. ठठिया कन्नौज निवासी सूरजभान ने जैसे ही यह वॉयस मैसेज अपने भाई उदयभान को भेजा, तो एक पल के लिए वह हक्का-बक्का रह गए. आनन-फानन में पहले घर पर पिता रामशरन राठौर को जानकारी दी. पिता ने शहर के रावतपुर थाना में बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई. मामले की गंभीरता को देखते हुए रावतपुर व स्वाट टीम के पुलिसकर्मियों ने सूरजभान की तलाश शुरू कर दी. भाई उदयभान ने यूपीआई के माध्यम से 40 हजार रुपये की राशि सूरजभान को भेज दी. हालांकि, जब पुलिस ने सर्विलांस व साइबर सेल की मदद से सूरजभान को तलाशा तो इस किडनैपिंग केस का असली गुनहगार वह खुद निकला.
इस पूरे मामले पर डीसीपी पश्चिम विजय ढुल ने बताया कि 'सूरजभान कानपुर के काकादेव में किराए पर कमरा लेकर सिविल सेवा समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था. उसने कई कंपनियों से इंटरनेट की मदद द्वारा 40 हजार रुपये का लोन ले लिया था. लोन की रकम चुकाने के लिए उसने अपहरण की साजिश रची. जिसका समय के साथ पर्दाफाश कर दिया गया. अब सूरजभान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जबकि इस साजिश को खोलने वाली टीम के लिए 25 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा हुई है.'
रामपुर में मिली लोकेशन, सारे साक्ष्य भी सामने आए : उन्होंने बताया कि 'पुलिस लगातार सूरजभान के मोबाइल नंबर को ट्रेस कर रही थी. सूरजभान ने 28 मई को घर पर बताया था कि वह यूपीएससी की परीक्षा देने लखनऊ जा रहा है. 27 मई की रात में ही सूरजभान ने अपने भाई को अपने अपहरण की सूचना दी. उसके बाद, जैसे-जैसे सूरजभान ने अपने मोबाइल का प्रयोग किया, वैसे-वैसे सर्विलांस की मदद से सूरजभान तक पुलिस पहुंच गई. अंतत: रामपुर रेलवे स्टेशन के पास से सूरजभान को पुलिस ने बरामद किया और फिर कानपुर लाकर जेल भेज दिया.'