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Holi 2023 में भगवा रंग में सराबोर होंगे बच्चे, बूढ़े और जवान, हर्बल अबीर-गुलाल की बिक्री ने पकड़ी रफ्तार - होली का त्योहार

उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 25 साल से रंग बनाने वाले प्रमोद का दावा है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार अच्छा कारोबार होगा. शहर के नयागंज व हटिया में भगवा रंग की जबर्दस्त बिक्री शुरू हो गई है. हर्बल अबीर-गुलाल की मांग ने भी जोर पकड़ा है.

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Published : Mar 1, 2023, 10:45 PM IST

होली के रंगों पर कानपुर से ईटीवी भारत संवाददाता दीपेंद्र द्विवेदी की खास रिपोर्ट.

कानपुर: होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा...ओ रंग बरसे... बस कुछ दिन बाद ही इन गानों पर लोग झूमते-गाते दिख रहे होंगे, तो वहीं एक दूसरे के चेहरे-माथे पर अबीर-गुलाल लगाते भी. यह उल्लास और उमंग हो भी क्यों न, क्योंकि रंगों का त्योहार होली है. हर साल की तरह इस पर्व पर रंगों का कारोबार जमकर हो, इसके लिए रंग कारोबारियों ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

कानपुर के प्रमुख बाजारों में शुमार नयागंज व हटिया बाजार भी पूरी तरीके से सज गया है. वहीं इस त्योहार को मनाने में कहीं न कहीं लोगों के अंदर एक डर होता है कि वह जिन रंगों का उपयोग कर रहे हैं, उससे उनकी त्वचा को नुकसान न हो जाए, इसके लिए बाजार में हर्बल रंगों की मांग व बिक्री जबर्दस्त है. ऐसे में हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बीते 25 वर्षों से हर्बल गुलाल बना रहे हैं. हम बात कर रहे हैं कानपुर शहर के गंगापुर निवासी प्रमोद जयसवाल की, जिन्होंने आरारोट की मदद से हर्बल रंग तैयार किए हैं. उनका दावा है कि इन रंगों के प्रयोग से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा.

दो दशक से अधिक समय से रगों से जुड़े हैं: ईटीवी भारत संवाददाता से खात बातचीत में प्रमोद जायसवाल ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम रहा है और वह इसे कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं. वह दो दशक से अधिक समय से रंगों से जुड़े हैं. इस बार भी उन्होंने होली के त्योहार के चलते पूरी तैयारियां कर ली हैं. उदास होकर बताते हैं कि कोविड के दौर में इतना नुकसान हुआ कि जमापूंजी भी नहीं बच सकी. लेकिन, इस साल उन्हें बाजार से काफी अच्छी मात्रा में आर्डर मिला है, जिससे लग रहा है कि बीते सालों के नुकसान की भरपाई कर सकेंगे और परिवार का पालन-पोषण बेहतर ढंग से कर पाएंगे.

यूपी में योगी की सरकार तो बढ़ी भगवा रंग की डिमांड: प्रमोद जायसवाल का कहना है, कि इस बार उन्हें भगवा रंग का काफी अच्छा खासा आर्डर मिला है, जिसको लेकर उन्होंने भारी मात्रा में भगवा रंग भी तैयार किया है. उनका ऐसा कहना है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जिसको लेकर इस बार बाजार में भगवा रंग की मांग सबसे ज्यादा है. इसलिए लोग इस बार भगवा रंग की होली खेलना पसंद करेंगे. वहीं इसको लेकर उन्होंने भगवा रंग का गुलाल काफी अच्छी मात्रा में तैयार कर लिया है. इसके अलावा भी उन्होंने कई रंग के गुलाल तैयार किए हैं.

प्रमोद जायसवाल का कहना है कि उनके द्वारा जो गुलाब तैयार किया जा रहा है, इसको तैयार करने में उनको 50 रुपए प्रति किलो की लागत लग रही है. वहीं मार्केट में यह गुलाल लोगों को 55 से ₹60 प्रति किलो में मिलेगा. इसके अलावा उनके द्वारा तैयार किया गया ये गुलाल तैयार हटिया व नयागंज समेत अन्य बाजारों में पहुंचेगा. उसके बाद वहां से सूबे के अन्य शहरों तक रंग पहुंचता है.

ये भी पढ़ेंः बाहुबली माफिया अतीक अहमद के घर आज भी तैनात हैं पांच वफादार, जो भूख प्यास से तड़प रहे

होली के रंगों पर कानपुर से ईटीवी भारत संवाददाता दीपेंद्र द्विवेदी की खास रिपोर्ट.

कानपुर: होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा...ओ रंग बरसे... बस कुछ दिन बाद ही इन गानों पर लोग झूमते-गाते दिख रहे होंगे, तो वहीं एक दूसरे के चेहरे-माथे पर अबीर-गुलाल लगाते भी. यह उल्लास और उमंग हो भी क्यों न, क्योंकि रंगों का त्योहार होली है. हर साल की तरह इस पर्व पर रंगों का कारोबार जमकर हो, इसके लिए रंग कारोबारियों ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है.

कानपुर के प्रमुख बाजारों में शुमार नयागंज व हटिया बाजार भी पूरी तरीके से सज गया है. वहीं इस त्योहार को मनाने में कहीं न कहीं लोगों के अंदर एक डर होता है कि वह जिन रंगों का उपयोग कर रहे हैं, उससे उनकी त्वचा को नुकसान न हो जाए, इसके लिए बाजार में हर्बल रंगों की मांग व बिक्री जबर्दस्त है. ऐसे में हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बीते 25 वर्षों से हर्बल गुलाल बना रहे हैं. हम बात कर रहे हैं कानपुर शहर के गंगापुर निवासी प्रमोद जयसवाल की, जिन्होंने आरारोट की मदद से हर्बल रंग तैयार किए हैं. उनका दावा है कि इन रंगों के प्रयोग से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा.

दो दशक से अधिक समय से रगों से जुड़े हैं: ईटीवी भारत संवाददाता से खात बातचीत में प्रमोद जायसवाल ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम रहा है और वह इसे कई वर्षों से करते चले आ रहे हैं. वह दो दशक से अधिक समय से रंगों से जुड़े हैं. इस बार भी उन्होंने होली के त्योहार के चलते पूरी तैयारियां कर ली हैं. उदास होकर बताते हैं कि कोविड के दौर में इतना नुकसान हुआ कि जमापूंजी भी नहीं बच सकी. लेकिन, इस साल उन्हें बाजार से काफी अच्छी मात्रा में आर्डर मिला है, जिससे लग रहा है कि बीते सालों के नुकसान की भरपाई कर सकेंगे और परिवार का पालन-पोषण बेहतर ढंग से कर पाएंगे.

यूपी में योगी की सरकार तो बढ़ी भगवा रंग की डिमांड: प्रमोद जायसवाल का कहना है, कि इस बार उन्हें भगवा रंग का काफी अच्छा खासा आर्डर मिला है, जिसको लेकर उन्होंने भारी मात्रा में भगवा रंग भी तैयार किया है. उनका ऐसा कहना है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जिसको लेकर इस बार बाजार में भगवा रंग की मांग सबसे ज्यादा है. इसलिए लोग इस बार भगवा रंग की होली खेलना पसंद करेंगे. वहीं इसको लेकर उन्होंने भगवा रंग का गुलाल काफी अच्छी मात्रा में तैयार कर लिया है. इसके अलावा भी उन्होंने कई रंग के गुलाल तैयार किए हैं.

प्रमोद जायसवाल का कहना है कि उनके द्वारा जो गुलाब तैयार किया जा रहा है, इसको तैयार करने में उनको 50 रुपए प्रति किलो की लागत लग रही है. वहीं मार्केट में यह गुलाल लोगों को 55 से ₹60 प्रति किलो में मिलेगा. इसके अलावा उनके द्वारा तैयार किया गया ये गुलाल तैयार हटिया व नयागंज समेत अन्य बाजारों में पहुंचेगा. उसके बाद वहां से सूबे के अन्य शहरों तक रंग पहुंचता है.

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