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कानपुर :राष्ट्रीय पक्षी मोर के शव को ग्रामीणों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ किया अंतिम संस्कार

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Published : Jun 9, 2019, 8:11 PM IST

यूपी सहित भारत के कई हिस्से गर्मी और लू के थपेड़ों से जूझ रहे हैं. कानपुर में भी पारा आसमान को छू रहा है, जिसके चलते इंसान और बेजुबान पशु-पक्षी गर्मी के चपेट में हैं. जिले के जलाशय सूख चुके हैं, जिसके चलते पानी न मिलने के कारण पक्षियों की मौतों के मामले सामने आ रहे हैं.

कानपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत.


कानपुर: भीषण गर्मी के चलते सैकड़ों गांव में तालाब और कुएं सूख गए हैं, जिसके कारण इंसान और बेजुबान पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सजेती थानाक्षेत्र के कनैरा गांव से सामनें आया. यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की पानी नहीं मिलने के कारण मौत हो गई. ग्रामीणों ने मोर की मौत की खबर पुलिस को दी, जिसमें पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं ग्रामीणों ने विधि-विधान से मोर के शव को दफनाया.

कानपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत.


बेजुबान तोड़ रहे दम...

  • कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में गर्मी के चलते तालाब और झीलें पूरी तरह से सूख गई हैं.
  • ग्रामीण किसी तरह पेजयल की व्यवस्था कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, पर बेजुबान पानी के चलते दम तोड़ रहे हैं.
  • पानी नहीं मिलने के कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई.
  • पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने हिन्दू रिति रिवाज से मोर के शव को दफनाया.

ग्रामीण राजेंद्र अवस्थी ने बताया कि देश में राष्ट्रीय पक्षी मोर विपुल्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं. हमनें अपना धर्म निभाया. अब सरकार को इन्हें बचाने के लिए आगे आना होगा. गर्मी आते ही तलाबों और अन्य स्थलों में जलापूर्ति की व्यवस्था करानी होगी. राजेंद्र कहते हैं, कि पिछले 40 साल से हम वन्यजीव जन्तु और पक्षु-पक्षीयों के संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं.


कानपुर: भीषण गर्मी के चलते सैकड़ों गांव में तालाब और कुएं सूख गए हैं, जिसके कारण इंसान और बेजुबान पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सजेती थानाक्षेत्र के कनैरा गांव से सामनें आया. यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की पानी नहीं मिलने के कारण मौत हो गई. ग्रामीणों ने मोर की मौत की खबर पुलिस को दी, जिसमें पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं ग्रामीणों ने विधि-विधान से मोर के शव को दफनाया.

कानपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत.


बेजुबान तोड़ रहे दम...

  • कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में गर्मी के चलते तालाब और झीलें पूरी तरह से सूख गई हैं.
  • ग्रामीण किसी तरह पेजयल की व्यवस्था कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, पर बेजुबान पानी के चलते दम तोड़ रहे हैं.
  • पानी नहीं मिलने के कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई.
  • पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने हिन्दू रिति रिवाज से मोर के शव को दफनाया.

ग्रामीण राजेंद्र अवस्थी ने बताया कि देश में राष्ट्रीय पक्षी मोर विपुल्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं. हमनें अपना धर्म निभाया. अब सरकार को इन्हें बचाने के लिए आगे आना होगा. गर्मी आते ही तलाबों और अन्य स्थलों में जलापूर्ति की व्यवस्था करानी होगी. राजेंद्र कहते हैं, कि पिछले 40 साल से हम वन्यजीव जन्तु और पक्षु-पक्षीयों के संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं.

Intro:राष्ट्रीय पक्षी मोर के शव को ग्रामीणों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ दफनाया

प्यास के चलते मोर की हुई थी मौत, पुलिस की मौजूदगी में ग्रामीणों ने विधि-विधान से शव को दफनाने के बाद 11 पंडितपों को कराया भोज।


कानपुर। भीषण गर्मी के चलते दोआब के सैकड़ों गांव में तालाब और कुएं सूख गए हैं। जिसके कारण इंसान और बेजुबान पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सजेती व चांदपुर थानाक्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव कनैरा में सामनें आया। यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की पानी नहीं मिलने के कारण मौत हो गई। ग्रामीणों ने दोनों थानों की पुलिस को सूचना दी। चांदपुर पुलिस मौके पर पहुंची। राष्ट्रीय पक्षी के जनाजे में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। गांव के किसान ने विधि-विधान से उसके शव को दफनाया और फिर 11 पंडितों को भोज करा पुण्य कमाया।





Body:बेजुबान तोड़ रहे दम 

घाटमपुर और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में गर्मी के चलते तालाब और झीलें पूरी तरह से सूख गई हैं। ग्रामीण किसी तरह पेजयल की व्यवस्था कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। पर बेजुबान पानी के चलते दम तोड़ रहे हैं। चांदपुर थानाक्षेत्र के कनैरा मयचक गांव में पानी नहीं मिलने के कारण राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई। उसका शव खेत में पड़ा लिया। गांव के राजेद्र अवस्थी (किसान) की जब मोर के शव पर पड़ी तो उन्होंने ग्रामीणों की इसकी जानकारी दी। विशम्भर पटेल, पप्पू उमराम, छोटे कश्यम मनीष, गंगा साहू, कल्लू सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस की मौजूदगी में राजेंद्र अवस्थी ने हिन्दू रिति रिवाज से राष्ट्रीय पक्षी मोर के शव को दफनाए जाने की बात कही। ग्रामीणों के ने राष्ट्रीय पक्षी के शव की यात्रा निकाली। पूरे गांव में भ्रमण के बाद शव को बाहर पीपल के पेड के नीचे रखा गया। इस बीच विशम्भर पटेल, छोटे कश्यप कल्लू सिंह ने एक गड्डा खोदा। इसके बाद सभी ने मोर के शव को दफना दिया। इस बीच गांव में किसी के घर में चूल्हे नहीं जले। शव दफनाए जाने के बाद ग्रामीणों ने स्नान किया और फिर पंडितों को बुलाया।

  गांव के बाहर मंदिर के पास ग्रामीणों ने चंदा कर 11 ब्रम्हणों को भोज कराया। हर एक को दान में नए वस्त्र और दक्षिणा दी। राजेंद्र अवस्थी ने बताया कि देश में राष्ट्रीय पक्षी मोर विपुल्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। हमनें अपना धर्म निभाया अब सरकार को इन्हें बचाने के लिए आगे आना होगा। गर्मी आते ही तलाबों और अन्य स्थलों में जलापूर्ति की व्यवस्था करानी होगी। राजेंद्र कहते हैं कि पिछले 40 साल से हम वन्यजीव जन्तु और पक्षु-पक्षीयों के संरक्षण के लिए अभियान चला रहे हैं।

रजनीश दीक्षित
कानपुर ।


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