कानपुर: यूपी सरकार की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का रविवार को कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए निधन हो गया. बुखार की शिकायत पर उन्होंने अपना कोविड-19 कराया था. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था. रविवार सुबह उनके निधन की खबर आई तो पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई.
पार्टी के लिए बड़ी क्षति
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि उन्होंने बचपन से कमल रानी वरुण को देखा है. वह जमीन से जुड़ी हुई नेता थीं. गरीबों और महिलाओं की लड़ाई में उन्होंने अपना बहुत योगदान दिया है. पार्षद से अपनी राजनैतिक सफर की शुरुआत करते हुए वह दो बार सांसद बनीं, उसके बाद विधायक भी बनीं और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री तक का सफर तय किया. राज्यमंत्री नीलिमा कटियार ने कहा कि कमल रानी वरुण का जाना पार्टी के लिए बड़ी क्षति है. उनके जाने से हम सब लोग टूट गए हैं. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि अब वे हमारे बीच में नहीं हैं.
भैरव घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
कमल रानी वरुण का पार्थिव शरीर राजधानी लखनऊ से सबसे पहले उनके कानपुर स्थित आवास कानपुर के बर्रा- 4 पहुंचा, जहां मौजूद परिजनों ने दूर से ही पुष्प अर्पित कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की. इसके बाद उनका शव कानपुर के भैरव घाट ले जाया गया. यहां पर विद्युत शवदाह में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया. भैरव घाट पर उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जिले के भाजपा नेता, क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री नीलिमा कटियार मौजूद रहीं. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान सभी ने कैबिनेट मंत्री को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.