मेरठः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को आईआईएमटी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतार मुख्य अतिथि शामिल हुए. दीक्षांत समारोह में युवाओं को गोल्ड मेडल पहनाकर उत्साहवर्धन किया. इस दौरान दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए मोटिवेट किया. इस दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं फिसल कर राजनीति में आ गया और फिर हर-हर गंगे. भले ही में राजनीति में हूं लेकिन शिक्षक रहा हूं.
मंच से छात्रों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि दीक्षांत समारोह एक छात्र के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव होता है. भारतीय युवाओं को खुद को साबित करने के लिए किसी डिग्री या पद की आवश्यकता नहीं है, भारतीय युवाओं में प्रतिभा है. सकारात्मक सोच के साथ ईश्वर की कृपा से युवा आगे बढ़ें. आप वृत को जितना बड़ा करते जाएंगे, उसकी परिधि भी उतनी ही बढ़ती जाएगी. ऐसे में युवा अपना मन बड़ा करें. रक्षामंत्री ने कहा कि मेरठ ने आजादी के बाद शिक्षा के क्षेत्र में पहचान बनाई है.
Speaking at the convocation ceremony of IIMT University in Meerut. https://t.co/9X8mXmqZZP
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 11, 2025
स्वामी विवेकानंद भारत के पहले ग्लोबल यूथः राजनाथ सिंह छात्रों को संबोधित करते हुए बोले आपके द्वारा देखे गये सपने, नई सोच आपको नई पहचान दिलाने का काम करेंगे. स्वामी विवेकानंद सही मायनों में भारत के पहले ग्लोबल यूथ थे. युवाओं में उन्होंने दृढ़ विश्वास जागृत करने का काम किया था. स्वामी विवेकानंद की जयंती से पूर्व उन्होंने युवाओं को उनसे जुड़े कई प्रसंग सुनाकर उनका कॉन्फिडेंस बढ़ाया. विदेश में जाकर स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जहां दुनिया के सताए हुए लोगों को शरण दिया है.
आज भारत को गौर से सुनता है विश्वः राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है. दुनिया में सबसे शक्तिशाली 2047 में भारत होगा, दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती. पहले इंटरनेशनल पर भारत बोलता था तो गंभीरता से नहीं लेते थे. आज भारत जब इंटरनेशनल फोरम पर बोलता है तो दुनिया गौर से सुनती है और हमारी बातों को आत्मसात करती है. रक्षा के मामले में भारत तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है. 2014 से पहले हम बड़े पैमाने पर तोप गोले मिसाइल खरीदते थे. लेकिन आज हम अपने लिए तो बना ही रहे हैं साथ ही एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं.
भारत में स्ट्रांग विल पावरः राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा नौजवान सपने देखने से डरता था. लेकिन सपनों को पूरा करने के लिए विदेश जाने के लिए चार्म रखता था. आज भारत में स्ट्रांग विल पावर देखने को मिल रही है. ये फेक्ट है कि वैश्विक स्तर पर तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप में भारत ने जगह बनाई है. युवाओं से मुखातिब होते हुए कहा कि आपके पास अगर टैलेंट, विजन और बदलाव लाने की तड़प है तो आप चाहे वह पा सकते हैं. जो बातें हमें बचपन में हमारे माता-पिता और गुरुजनों ने सिखाई है, उसे कभी नहीं भूलना चाहिए. ईश्वर में विश्वास, प्रयासों के प्रति विश्वास रखें. राजनाथ सिंह ने वैज्ञानिक आधार पर बच्चों को बताया कि ईश्वर कहां है. उदाहरण दिया कि जब एक पिता अपने छोटे से बच्चे को ऊपर उछालता है तो यही विश्वास है, ईश्वर का करिश्मा होता है.
भारत में 6जी लाने की प्रक्रिया जारीः रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि फाइव जी भारत के लिए अवसर लेकर आया है. चीन और अमेरिका के बाद भारत में सबसे ज्यादा यूजर्स हैं. मोदी के नेतृत्व में 6 जी के आने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है. हताशा और निराशा कभी पास नहीं आनी चाहिए. सबसे बड़ी चीज जो आगे बढ़ने से रोक सकती है, वह आपकी कमजोर विल पावर है. जिंदगी में असफलता हासिल हो निराश मत होना, कोशिश हमेशा जारी रखना.
हजारों साल पहले सुश्रुत ने बताया दिया था मलेरिया का कारणः राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व में भारत के गौरवशाली इतिहास को पर्याप्त जगह नहीं दी गई. यही वजह है कि भारत के महापुरुष और विद्वान अपने ज्ञान के आधार पर जिस निष्कर्ष पर पहुंचकर साबित कर चुके थे. पूरे दावे से कह सकते हैं कि पूर्व में विज्ञान, तकनीकी, भूगोल, अंतरिक्ष विज्ञान सहित सभी क्षेत्रों में उन्हें उच्च स्तर का ज्ञान प्राप्त था. पश्चिमी देश मलेरिया की वजह गंध को मानते थे, जबकि हमारे सुश्रुत ने हजारों साल पहले बता दिया था कि इसकी वजह मच्छर हैं. न्यूटन से एक हजार साल पहले भारत के ऋषि ब्रह्मगुप्त ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत को प्रतिपादित कर दिया था.