कानपुर : शहर में अब नगर निगम और सेंट्रल यूपी गैस लिमिटेड (सीयूजीएल) के अफसर मिलकर देश का सबसे बड़ा बायोगैस संयंत्र स्थापित करेंगे. नीदरलैंड की तकनीक पर आधारित उक्त बायोगैस संयंत्र जल्द ही बनकर तैयार होगा. इस मामले को लेकर नगर निगम व सीयूजीएल के बीच समझौता हुआ है. शुक्रवार देर शाम नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन व सीयूजीएल के वाणिज्यिक निदेशक सुनील बेंस ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. दोनों ही विभागों के अफसरों के बीच तय हुआ, कि आगामी दो माह में इसका काम शुरू हो जाएगा. मार्च 2025 तक इसे पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा, इसके बाद इस प्लांट की मदद से कूड़े को बायोगैस में तब्दील किया जाएगा.
पीएम मोदी से प्रेरित होकर लगाएंगे बायोगैस संयंत्र : नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने बताया कि 'बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरणा लेकर ही कवायद शुरू हुई. उन्होंने कहा कि यह परियोजना सीधे बायो-अर्थव्यस्था को प्रोत्साहित करने व प्रदेश में लोगों के लिए हरी व गुणवत्ता वाली ऊर्जा की सतत उपलब्धता में मददगार बनेगी. केंद्र सरकार ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो का जो लक्ष्य तय किया है उसमें हर दिन पर्यावरण में 20500 किलोग्राम कार्बन डाइ आक्साइड कम करेगी, जो हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी कदम साबित होगा. नगर आयुक्त ने कहा, कि इस बायोगैस संयंत्र के संचालन से दूषित जल का निष्कासन व बाहरी जल का उपयोग नहीं होगा. इसमें हम कंपोस्ट खाद तक तैयार कर सकते हैं.