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जापान की तरह कानपुर में अनोखा और खूबसूरत पार्क, पांच टन पुराने टायरों से बने स्कल्पचर दिखाएंगे मानव जीवन की यात्रा - human evolution park kanpur

आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी के विशेषज्ञों ने पांच टन पुराने टायरों को खपाकर एक पार्क तैयार किया है. यह पार्क मानव जीवन की यात्रा का संदेश देगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 6:23 PM IST

कानपुर: रचनात्मकता का एक शानदार उदाहरण देखना है, तो आप कानपुर के फूलबाग पहुंच जाइए. यहां नगर निगम के अफसरों ने डिजाइंस कंपनी के विशेषज्ञों संग ऐसा पार्क तैयार किया है, जहां के स्कल्पचर मानव जीवन की यात्रा को दर्शाएंगे. आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी के विशेषज्ञों ने इन स्कल्पचर को पांच टन पुराने टायरों को खपाकर तैयार किया है. सोचिए अगर इतनी संख्या में पुराने टायरों को जलाया जाता तो कितनी हानिकारक गैंसे वातावरण में फैलतीं. लेकिन, अब शहर के 60 लाख लोग इस नए तरह के पार्क को देखेंगे.

टायरों से बच्चों के लिए तैयार किए गए झूले.
टायरों से बच्चों के लिए तैयार किए गए झूले.

प्रमुख सचिव औद्योगिक स्थापना मनोज सिंह गुरुवार शाम को इस पार्क का उद्घाटन करेंगे और फिर पार्क को जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इंक्यूबेटेड कंपनी की संस्थापक वैशाली ने बताया कि पिछले साल इसी तरह का एक पार्क मोतीझील में बनाया था. हालांकि, कंपनी को कुछ नया करके दिखाना था तो फूलबाग में ऐसा पार्क बनाया जो मानव जीवन की यात्रा का संदेश देगा.

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पुराने टायरों से बने झूले कानपुर पार्क में
इसे भी पढ़े-अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन के लिए ट्रस्ट और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बनाई रणनीति
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पार्क में लगे मोर आकृति वाले झूले.

50 लाख रुपये कंपनी ने किया खर्च: शहर के फूलबाग में बने इस अनोखे पार्क को बनाने में कंपनी की ओर से करीब 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. वहीं, टायरों से बने उपकरणों वाला अनूठा जिम भी पार्क के अंदर है. इतना ही नहीं, यहां जो झूले बनाए गए हैं, उनमें हर किसी एक वन्यजीव की आकृति बनी है. इस आकृति को देखने से बच्चों का झूला झूलते समय रोमांच दोगुना हो जाएगा. वैशाली ने लोगों से अपील की है कि वह इस पार्क को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं. इस तरह का पार्क केवल जापान में बना है, जहां अधिकतर आकृतियां टायरों पर आधारित हैं.

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टायर से बनाया गया कछुआ.

हर जिले में पुराने टायरों से पार्क बनाने की योजना: वैशाली बताती हैं कि नगर निगम से उन्हें पांच टन पुराने टायर मिले थे. इन पांच टन टायरों से करीब एक टन टायर जैसा मिश्रण तैयार किया गया. इसके बाद 20 से अधिक स्कल्पचर बनाए गए. उन्होंने कहा कि उनकी योजना है कि सूबे के सभी जिलों में पुराने टायरों से पार्क को तैयार किया जाए.

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टायर से बनी मगमच्छ की स्लाइड

यह भी पढ़े-आवासीय विद्यालय में सहपाठियों ने छात्र के साथ किया कुकर्म, पिता ने दर्ज कराया मुकदमा

कानपुर: रचनात्मकता का एक शानदार उदाहरण देखना है, तो आप कानपुर के फूलबाग पहुंच जाइए. यहां नगर निगम के अफसरों ने डिजाइंस कंपनी के विशेषज्ञों संग ऐसा पार्क तैयार किया है, जहां के स्कल्पचर मानव जीवन की यात्रा को दर्शाएंगे. आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कंपनी के विशेषज्ञों ने इन स्कल्पचर को पांच टन पुराने टायरों को खपाकर तैयार किया है. सोचिए अगर इतनी संख्या में पुराने टायरों को जलाया जाता तो कितनी हानिकारक गैंसे वातावरण में फैलतीं. लेकिन, अब शहर के 60 लाख लोग इस नए तरह के पार्क को देखेंगे.

टायरों से बच्चों के लिए तैयार किए गए झूले.
टायरों से बच्चों के लिए तैयार किए गए झूले.

प्रमुख सचिव औद्योगिक स्थापना मनोज सिंह गुरुवार शाम को इस पार्क का उद्घाटन करेंगे और फिर पार्क को जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इंक्यूबेटेड कंपनी की संस्थापक वैशाली ने बताया कि पिछले साल इसी तरह का एक पार्क मोतीझील में बनाया था. हालांकि, कंपनी को कुछ नया करके दिखाना था तो फूलबाग में ऐसा पार्क बनाया जो मानव जीवन की यात्रा का संदेश देगा.

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पुराने टायरों से बने झूले कानपुर पार्क में
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पार्क में लगे मोर आकृति वाले झूले.

50 लाख रुपये कंपनी ने किया खर्च: शहर के फूलबाग में बने इस अनोखे पार्क को बनाने में कंपनी की ओर से करीब 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. वहीं, टायरों से बने उपकरणों वाला अनूठा जिम भी पार्क के अंदर है. इतना ही नहीं, यहां जो झूले बनाए गए हैं, उनमें हर किसी एक वन्यजीव की आकृति बनी है. इस आकृति को देखने से बच्चों का झूला झूलते समय रोमांच दोगुना हो जाएगा. वैशाली ने लोगों से अपील की है कि वह इस पार्क को किसी तरह का नुकसान न पहुंचाएं. इस तरह का पार्क केवल जापान में बना है, जहां अधिकतर आकृतियां टायरों पर आधारित हैं.

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टायर से बनाया गया कछुआ.

हर जिले में पुराने टायरों से पार्क बनाने की योजना: वैशाली बताती हैं कि नगर निगम से उन्हें पांच टन पुराने टायर मिले थे. इन पांच टन टायरों से करीब एक टन टायर जैसा मिश्रण तैयार किया गया. इसके बाद 20 से अधिक स्कल्पचर बनाए गए. उन्होंने कहा कि उनकी योजना है कि सूबे के सभी जिलों में पुराने टायरों से पार्क को तैयार किया जाए.

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टायर से बनी मगमच्छ की स्लाइड

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