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सीएसजेएमयू की वार्षिक परीक्षाओं पर फैसला, 12 मई से 11 जिलों के 4 सौ केंद्रों पर होगी परीक्षा

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Published : Apr 27, 2022, 10:03 PM IST

कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक (Vice Chancellor Professor Vinay Pathak) की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान सीएसजेएमयू की वार्षिक परीक्षाओं पर फैसला लिया गया है. जिसमें 12 मई से सीएसजेएमयू की वार्षिक परीक्षाएं होंगी.

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11 जिलों के 4 सौ केंद्रों पर होगी परीक्षा

कानपुरः छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विविद्यालय (सीएसजेएमयू) की वार्षिक परीक्षाएं 12 मई से आयोजित की जाएंगी. विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के करीब साढ़े चार लाख परीक्षाओं में शामिल होंगे. बुधवार को विश्वविद्यालय कैंपस में कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक में ये निर्णय लिया गया. जिसमें 11 जिलों के 4 सौ से अधिक परीक्षा केंद्रों पर स्नातक और परास्नातक के साढ़े चार लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे.

विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन में हुई बैठक में मुख्य परीक्षाओं को सकुशल और नकल विहीन कराये जाने के लिए प्रोफेसर विनय पाठक ने अन्य प्रशासनिक अफसरों संग मंथन किया. समिति के सदस्यों ने तय किया कि सत्र 2021-22 की मुख्य परीक्षाएं 12 मई से आयोजित की जायेंगी. संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक और परास्नातक छात्र-छात्राओं के लिए विषयवार परीक्षा कार्यक्रम जल्द ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा. स्नातक स्तर की परीक्षाओं में सेकेंड और थर्ड ईयर के साथ ही परास्नातक स्तर की परीक्षाओं में फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.

विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाएं 11 जिलों में कराये जाने का फैसला लिया गया है. मौजूदा समय में सात जिले विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, चार जिले लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध किये जा चुके हैं. पूर्व में सीएसजेएमयू से सम्बद्ध होने के चलते इन जिलों के यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा ही पूर्ण की जायेंगी. मुख्य परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय ने 4 सौ से अधिक परीक्षा केंद्र बनाये जाने का प्रस्तावित किया है. इन परीक्षाओं के लिए 84 नोडल सेंटर बनाये गये हैं.

पोस्ट ऑफिस से मिलेंगे प्रश्न पत्रः परीक्षा समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न पत्रों को भारतीय डाक विभाग के सहयोग से भेजा जायेगा. सभी जिलों में प्रधान डाक घर के माध्यम से महाविद्यालयों को प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे. पेपर लीक न हो, इस वजह से इस सत्र में पेपर केंद्रों पर पहुंचाना डाक विभाग के जिम्मे होगा.

सम सेमेस्टर की परीक्षाएं भी प्रकिया में: बैठक में सम सेमेस्टर की परीक्षाओं के संबंध में भी चर्चा की गई. जिसमें तय किया गया कि ये परीक्षाएं नई शिक्षा नीति के तहत आयोजित की जाएंगी. सम सेमेस्टर की परीक्षाओं में पेपर का प्रारूप ऑब्जेक्टिव (बहुविकल्पीय)आधारित होगा. शीघ्र ही इनका कार्यक्रम जारी किया जाएगा.

सीसीटीवी से की जाएगी निगरानी: सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी. इस संबध में केन्द्राध्यक्षों को सूचित भी किया जा रहा है. जिसका कंट्रोल सेन्टर विश्वविद्यालय में बनाया जायेगा. परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी के लिए सीधे केन्द्राध्यक्ष जिम्मेदार होंगे. परीक्षाओं पर सर्विलांस की पैनी नजर रहेगी.

इसे भी पढ़ें- अखिलेश का योगी सरकार पर तंज, मायावती को कब अध्यक्ष बनाएगी बीजेपी ?

परीक्षा समिति की इस बैठक में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, प्रो. सुधांशु पांड्या, प्रो. संजय स्वर्णकार, कूटा अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, वित्त अधिकारी पी.एस. चौधरी, मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा उपस्थित रहे.

कानपुरः छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विविद्यालय (सीएसजेएमयू) की वार्षिक परीक्षाएं 12 मई से आयोजित की जाएंगी. विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के करीब साढ़े चार लाख परीक्षाओं में शामिल होंगे. बुधवार को विश्वविद्यालय कैंपस में कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में परीक्षा समिति की बैठक में ये निर्णय लिया गया. जिसमें 11 जिलों के 4 सौ से अधिक परीक्षा केंद्रों पर स्नातक और परास्नातक के साढ़े चार लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे.

विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन में हुई बैठक में मुख्य परीक्षाओं को सकुशल और नकल विहीन कराये जाने के लिए प्रोफेसर विनय पाठक ने अन्य प्रशासनिक अफसरों संग मंथन किया. समिति के सदस्यों ने तय किया कि सत्र 2021-22 की मुख्य परीक्षाएं 12 मई से आयोजित की जायेंगी. संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक और परास्नातक छात्र-छात्राओं के लिए विषयवार परीक्षा कार्यक्रम जल्द ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा. स्नातक स्तर की परीक्षाओं में सेकेंड और थर्ड ईयर के साथ ही परास्नातक स्तर की परीक्षाओं में फर्स्ट ईयर की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.

विश्वविद्यालय की मुख्य परीक्षाएं 11 जिलों में कराये जाने का फैसला लिया गया है. मौजूदा समय में सात जिले विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं, चार जिले लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध किये जा चुके हैं. पूर्व में सीएसजेएमयू से सम्बद्ध होने के चलते इन जिलों के यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं विश्वविद्यालय द्वारा ही पूर्ण की जायेंगी. मुख्य परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय ने 4 सौ से अधिक परीक्षा केंद्र बनाये जाने का प्रस्तावित किया है. इन परीक्षाओं के लिए 84 नोडल सेंटर बनाये गये हैं.

पोस्ट ऑफिस से मिलेंगे प्रश्न पत्रः परीक्षा समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्न पत्रों को भारतीय डाक विभाग के सहयोग से भेजा जायेगा. सभी जिलों में प्रधान डाक घर के माध्यम से महाविद्यालयों को प्रश्न पत्र भेजे जाएंगे. पेपर लीक न हो, इस वजह से इस सत्र में पेपर केंद्रों पर पहुंचाना डाक विभाग के जिम्मे होगा.

सम सेमेस्टर की परीक्षाएं भी प्रकिया में: बैठक में सम सेमेस्टर की परीक्षाओं के संबंध में भी चर्चा की गई. जिसमें तय किया गया कि ये परीक्षाएं नई शिक्षा नीति के तहत आयोजित की जाएंगी. सम सेमेस्टर की परीक्षाओं में पेपर का प्रारूप ऑब्जेक्टिव (बहुविकल्पीय)आधारित होगा. शीघ्र ही इनका कार्यक्रम जारी किया जाएगा.

सीसीटीवी से की जाएगी निगरानी: सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी. इस संबध में केन्द्राध्यक्षों को सूचित भी किया जा रहा है. जिसका कंट्रोल सेन्टर विश्वविद्यालय में बनाया जायेगा. परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी के लिए सीधे केन्द्राध्यक्ष जिम्मेदार होंगे. परीक्षाओं पर सर्विलांस की पैनी नजर रहेगी.

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परीक्षा समिति की इस बैठक में प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, प्रो. सुधांशु पांड्या, प्रो. संजय स्वर्णकार, कूटा अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, वित्त अधिकारी पी.एस. चौधरी, मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल शर्मा उपस्थित रहे.

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