कानपुर: योगी सरकार में अपराधियों को सजा जरूर मिलती है. यह बात कानपुर में किसान बाबू सिंह आत्महत्या मामले में भी काफी हद तक साबित होते दिख रही है. भले ही कानपुर पुलिस कमिश्नरेट की बड़ी फौज मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशू को अभी तक पकड़ न सकी हो. लेकिन, अब शनिवार को कोर्ट ने आरोपी प्रियरंजन आशू को फरार घोषित कर दिया. इससे अब कानपुर पुलिस जहां आरोपी के खिलाफ धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई कर सकेगी.
वहीं, कानपुर और मैनपुरी में आरोपी के सभी ठिकानों पर मुनादी भी करवाई जाएगी. इस मामले में पुलिस अफसरों का कहना है कि अगर तय समय पर आरोपी ने अब समर्पण नहीं किया तो उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया जाएगा. पुलिस ने अभी तक इस मामले में जहां दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, मुख्य आरोपी प्रियरंजन समेत दो अन्य आरोपी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं.
कोर्ट में आरोपी ने दाखिल की अग्रिम जमानत: इस मामले में जहां एक ओर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों ने मुख्य आरोपी प्रियरंजन के खिलाफ कुर्की की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, आरोपी ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है. हालांकि, पुलिस ने कोर्ट में जानकारी दी कि आरोपी ने जो अस्पताल के दस्तावेज दर्शाए, वह पूरी तरह से फर्जी हैं.
पूर्व सीएम ने इस मामले पर जमकर किया था कटाक्ष: कुछ दिनों पहले शहर आए पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले पर जमकर कटाक्ष किया था और सरकार को आड़े हाथों लिया था. पूर्व सीएम ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा था कि बाबू सिंह आत्महत्या मामले का मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशू दिवाकर एक डिप्टी सीएम के संपर्क में है. साथ ही सरकार का जो बुलडोजर है, उसका पेट्रोल खत्म हो गया है. ऐसे में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है.
वहीं, इस मामले में कानून व्यवस्था के संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि बाबू सिंह आत्महत्या मामले के मुख्य आरोपी प्रियरंजन आशू को कोर्ट ने फरार घोषित कर दिया है. अब, आरोपी के खिलाफ धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई होगी.
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