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कानपुर में पुलिस के हत्थे चढ़े 3 शातिर एटीएम हैकर, 206 एटीएम कार्डों के साथ लाखों रुपये बरामद

एटीएम मशीनों को हैक कर बैकों से ठगी करने वाला अतर्राज्यीय गैंग क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया. अब तक मिले आंकड़ों के मुताबिक ये गैंग बैंकों से 30 से 40 लाख रुपये की ठगी कर चुका है.

पुलिस के हत्थे चढ़े 3 शातिर एटीएम हैकर
पुलिस के हत्थे चढ़े 3 शातिर एटीएम हैकर
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Published : Jul 31, 2021, 5:33 PM IST

कानपुरः जिले में क्राइम ब्रांच की टीम ने बैकों से ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग के तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी जालौन के रहने वाले हैं. इनके पास से बड़ी मात्रा में एटीएम कार्ड और नगदी भी बरामद हुई है. क्राइम ब्रांच ने नौबस्ता थाना क्षेत्र से तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करके मुकदमा पंजीकृत कराया है.

क्राइम ब्रांच ने शनिवार सुबह अभियुक्तों को नौबस्ता चौराहे से दबोच लिया. खुद की घेराबंदी होने की वजह से तीनों अभियुक्त शहर छोड़ने की फिराक में थे. पकड़े गए अभियुक्तों की पहचान जालौन के थाना कालपी निवासी रवि कुमार उम्र 22 साल, प्रमोद कुमार उम्र 25 साल और नंद किशोर उम्र 30 साल के रूप में हुई है. सभी इंटर पास हैं.

पुलिस के हत्थे चढ़े 3 शातिर एटीएम हैकर

पकड़े गए अपराधी किसी के भी नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर उसका एटीएम हासिल कर लेते थे. ये खाते सब्जी वाले, कबाड़ी वाले या फिर कोई भी ऐसा सख्त जिसे पैसे की जरूरत होती थी. हैकर उसे चार से पांच हजार रुपये देकर उसकी डिटेल पर खाता खुलवा लेते थे. खाता खुलने के बाद उसका डेबिट कार्ड पिन कोड सहित ले लेते थे.

206 एटीएम कार्डों के साथ लाखों रुपये बरामद
206 एटीएम कार्डों के साथ लाखों रुपये बरामद

एटीएम से कैश निकालते समय मशीन के कैश शटर को पकड़ कर रखते थे. कैश तो निकलकर आ जाता था. लेकिन शटर से छेड़छाड़ करने से ट्रांजेक्शन डिक्लाइन का मैसेज आ जाता था. उसके बाद बैंक के टोल फ्री नंबर पर बात करके अभियुक्त शिकायत दर्ज करते थे कि बैंक खाते से पैसा कट गया है. लेकिन एटीएम से पैसा नहीं निकला. इसी तरह बैकों द्वारा शिकायत का समाधान करने के क्रम में बैंक द्वारा पैसा रिफंड कर दिया जाता था.

अभियुक्तों के पास कई सारे खाते होने की वजह से डेबिट कार्ड का पिन याद रखने के लिए कार्ड के सीवीसी में एक अंक जोड कर लिख देते थे. जिससे एटीएम का पिन आसानी से याद रहे. इस तरह एटीएम लेने के बाद ये लोग अन्य राज्यों और जिलों में जाकर घटना को अंजाम देते थे. अभियुक्तों द्वारा दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई अभियुक्तों द्वारा दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में वारदातें कर चुके हैं.

इसे भी पढ़ें- रात में आईजी फोन कर लड़की को करते हैं परेशान, पिता ने सीएम योगी से लगाई न्याय की गुहार

क्राइम ब्रांच ने अभियुक्तों के पास से 5,50,000 रुपये नगद, अलग-अलग बैंकों के 206 ATM कार्ड और खातों में 3-4 लाख रुपये के करीब बैंक बैलेंस बरामद किया है. पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह बीते छह महीने से ये काम कर रहे थे. देहात और सूनसान स्थानों पर बने एटीएम को वह अपना निशाना बनाते थे. अब तक की जांच में अभियुक्तों द्वारा करीब 30-40 लाख रुपये बैंकों से ठगी करने का मामला सामने आया है.

कानपुरः जिले में क्राइम ब्रांच की टीम ने बैकों से ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग के तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी जालौन के रहने वाले हैं. इनके पास से बड़ी मात्रा में एटीएम कार्ड और नगदी भी बरामद हुई है. क्राइम ब्रांच ने नौबस्ता थाना क्षेत्र से तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार करके मुकदमा पंजीकृत कराया है.

क्राइम ब्रांच ने शनिवार सुबह अभियुक्तों को नौबस्ता चौराहे से दबोच लिया. खुद की घेराबंदी होने की वजह से तीनों अभियुक्त शहर छोड़ने की फिराक में थे. पकड़े गए अभियुक्तों की पहचान जालौन के थाना कालपी निवासी रवि कुमार उम्र 22 साल, प्रमोद कुमार उम्र 25 साल और नंद किशोर उम्र 30 साल के रूप में हुई है. सभी इंटर पास हैं.

पुलिस के हत्थे चढ़े 3 शातिर एटीएम हैकर

पकड़े गए अपराधी किसी के भी नाम पर फर्जी खाता खुलवाकर उसका एटीएम हासिल कर लेते थे. ये खाते सब्जी वाले, कबाड़ी वाले या फिर कोई भी ऐसा सख्त जिसे पैसे की जरूरत होती थी. हैकर उसे चार से पांच हजार रुपये देकर उसकी डिटेल पर खाता खुलवा लेते थे. खाता खुलने के बाद उसका डेबिट कार्ड पिन कोड सहित ले लेते थे.

206 एटीएम कार्डों के साथ लाखों रुपये बरामद
206 एटीएम कार्डों के साथ लाखों रुपये बरामद

एटीएम से कैश निकालते समय मशीन के कैश शटर को पकड़ कर रखते थे. कैश तो निकलकर आ जाता था. लेकिन शटर से छेड़छाड़ करने से ट्रांजेक्शन डिक्लाइन का मैसेज आ जाता था. उसके बाद बैंक के टोल फ्री नंबर पर बात करके अभियुक्त शिकायत दर्ज करते थे कि बैंक खाते से पैसा कट गया है. लेकिन एटीएम से पैसा नहीं निकला. इसी तरह बैकों द्वारा शिकायत का समाधान करने के क्रम में बैंक द्वारा पैसा रिफंड कर दिया जाता था.

अभियुक्तों के पास कई सारे खाते होने की वजह से डेबिट कार्ड का पिन याद रखने के लिए कार्ड के सीवीसी में एक अंक जोड कर लिख देते थे. जिससे एटीएम का पिन आसानी से याद रहे. इस तरह एटीएम लेने के बाद ये लोग अन्य राज्यों और जिलों में जाकर घटना को अंजाम देते थे. अभियुक्तों द्वारा दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई अभियुक्तों द्वारा दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में वारदातें कर चुके हैं.

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क्राइम ब्रांच ने अभियुक्तों के पास से 5,50,000 रुपये नगद, अलग-अलग बैंकों के 206 ATM कार्ड और खातों में 3-4 लाख रुपये के करीब बैंक बैलेंस बरामद किया है. पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह बीते छह महीने से ये काम कर रहे थे. देहात और सूनसान स्थानों पर बने एटीएम को वह अपना निशाना बनाते थे. अब तक की जांच में अभियुक्तों द्वारा करीब 30-40 लाख रुपये बैंकों से ठगी करने का मामला सामने आया है.

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