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कानपुर देहातः एक कोरोना का जुल्म, दूजे तूफान का सितम

यूपी के जनपद कानपुर देहात में इस वर्ष कोरोना की वजह से जहां दो महीन से ज्यादा लॉकडाउन रहा, तो वहीं आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से आम की फसलों को नुकसान हुआ. आम की फसल के साथ ही साथ अन्य फसलों के उत्पादन में कमी हुई है.

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आम को पैक करते किसान.
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Published : Jun 11, 2020, 11:41 AM IST

कानपुर देहातः जनपद के गजनेर क्षेत्र में आम किसान और व्यापारियों पर प्रकृति और कोरोना वायरस की दोहरी मार पड़ी है. इस वर्ष कोरोना की वजह से जहां दो महीन से ज्यादा लॉकडाउन रहा तो वहीं आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से आम की फसलों को नुकसान हुआ. आंधी के चलते जहां आम आधे से ज्यादा गिर गए. वहीं लॉकडाउन के चलते बचे हुए आम समय से मंडी नहीं पहुंच सके.

आम की फसल को नुकसान.

आम व्यापारियों का कहना है कि इस साल आम की फसल बहुत ही खराब हो गई है. इस वजह से कई किसान परेशान तो कई किसान बीमार हो गए हैं. किसानों का कहना है कि आंधी ने आम को नुकसान पहुंचाया था. वहीं रही सही कसर तीन बार हुई ओलावृष्टि ने पूरी कर दी.

किसानों का कहना है कि जो बचे हुए आम हैं वह सड़ रहे हैं. अगर मंडी तक पहुंचा भी दिया जा रहा है तो खरीदने वाले बहुत कम हैं. किसान औने-पौने दाम में बेचकर घर वापस आ जाते हैं. उनका कहना है कि इस बार मुनाफा तो नहीं बल्कि लागत ही निकल आए यही बहुत बड़ी बात है.

इसे भी पढ़ें- कानपुर: वकील पर अपने चैंबर में नाबालिग से रेप करने का आरोप, मुकदमा दर्ज

बता दें कि पिछले दिनों बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा था. आंधी के कारण आम की 60 फीसद फसल को नुकसान हुआ. तेज धूप के बाद अचानक तापमान में हो रहे गिरावट का असर सब्जियों के साथ ही उड़द-मूंग की फसल पर भी पड़ा. इससे फसलों में कीट लगने से फसल बर्बाद हो गई. बारिश के कारण उड़द और मूंग के उत्पादन में भी गिरावट आई है.

कानपुर देहातः जनपद के गजनेर क्षेत्र में आम किसान और व्यापारियों पर प्रकृति और कोरोना वायरस की दोहरी मार पड़ी है. इस वर्ष कोरोना की वजह से जहां दो महीन से ज्यादा लॉकडाउन रहा तो वहीं आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से आम की फसलों को नुकसान हुआ. आंधी के चलते जहां आम आधे से ज्यादा गिर गए. वहीं लॉकडाउन के चलते बचे हुए आम समय से मंडी नहीं पहुंच सके.

आम की फसल को नुकसान.

आम व्यापारियों का कहना है कि इस साल आम की फसल बहुत ही खराब हो गई है. इस वजह से कई किसान परेशान तो कई किसान बीमार हो गए हैं. किसानों का कहना है कि आंधी ने आम को नुकसान पहुंचाया था. वहीं रही सही कसर तीन बार हुई ओलावृष्टि ने पूरी कर दी.

किसानों का कहना है कि जो बचे हुए आम हैं वह सड़ रहे हैं. अगर मंडी तक पहुंचा भी दिया जा रहा है तो खरीदने वाले बहुत कम हैं. किसान औने-पौने दाम में बेचकर घर वापस आ जाते हैं. उनका कहना है कि इस बार मुनाफा तो नहीं बल्कि लागत ही निकल आए यही बहुत बड़ी बात है.

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बता दें कि पिछले दिनों बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा था. आंधी के कारण आम की 60 फीसद फसल को नुकसान हुआ. तेज धूप के बाद अचानक तापमान में हो रहे गिरावट का असर सब्जियों के साथ ही उड़द-मूंग की फसल पर भी पड़ा. इससे फसलों में कीट लगने से फसल बर्बाद हो गई. बारिश के कारण उड़द और मूंग के उत्पादन में भी गिरावट आई है.

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