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छात्र का अपहरण कर हत्या करने के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास

कन्नौज में आठ साल पहले छात्र की हत्या मामले में अपर सत्र न्यायाधीश जज शिव कुमार तीवारी ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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अपर सत्र न्यायाधीश
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Published : Jul 13, 2022, 8:52 PM IST

कन्नौज: जनपद में करीब आठ साल पहले छात्र का अपहरण कर हत्या करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) जज शिव कुमार तिवारी ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जबकि एक आरोपी का कानपुर के हैलट अस्पताल में इलाज चलने के कारण सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी है. अदालत ने उसका फैसला सुरक्षित रख लिया है. जबकि एक आरोपी नाबालिग होने पर उसका मामला जुनेवाइल कोर्ट में चला गया है.

जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि उमर्दा ब्लॉक क्षेत्र के दिसरापुर गांव निवासी सर्वेश यादव प्राथमिक विद्यालय कटरी गंगपुर में प्रधानाध्यक के पद पर तैनात थे. वह परिवार के साथ सदर कोतवाली क्षेत्र के तिर्वा रोड स्थित धीराताल के पास रहते थे. उनकी पत्नी सुमन यादव दिसरापुर गांव की प्रधान रह चुकी है. उनका छोटा बेटा ऋषि उर्फ आशू शहर के कन्हैयालाल सरस्वती विद्या मंदिर में हाईस्कूल का छात्र था. 25 नवंबर 2014 को उसका दोस्त सलेमपुर गांव निवासी स्कूल जाने के लिए बुला ले गया था. इसके बाद दोस्त ने ही ऋषि का सलेमपुर तारा बांगर निवासी मोहित दुबे, संजय चौहान, सिपाही ठाकुर मोहल्ला निवासी विजय यादव और चौहट्टा मोहल्ला निवासी अंकित पांडेय के साथ मिलकर अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर अंकित के घर पर ऋषि को बंधक बना लिया.

यह भी पढ़ें- कोर्ट ने घटना के 25 साल बाद चोरी के आरोपी को सुनाई तीन साल कैद की सजा, एक आरोपी की हो चुकी है मौत

उसी दिन शाम को अपहरणकर्ताओं ने पिता सर्वेश यादव के फोन पर ऋषि को छोड़ने के एवज में 12 लाख रुपये की फिरौती मांगी. जिसके बाद पीड़ित पिता ने सदर कोतवाली पुलिस से मामले की शिकायत की. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छात्र की तलाश शुरू कर दी. लेकिन पकड़े जाने के डर से अपहरणकर्ताओं ने छात्र की हत्या कर दी. ठकुराना मोहल्ला में अंकित पांडेय के घर के पास एक हाता में हांथ-पैर बंधे हुए ऋषि का शव मिला था. पुलिस ने जांच पड़ताल में नाबालिग दोस्त, संजय चौहान, मोहित दुबे, अंकित पांडेय और विजय यादव द्वारा घटना को अंजाम देने की बात सामने आई थी. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) जज शिवकुमार तिवारी ने चारों आरोपियों को बीते गुरुवार को दोषी करार दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को जज ने अंकित पांडेय, मोहित दुबे और विजय यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि चौथे आरोपी संजय चौहान की सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी. आरोपी का कानपुर के हैलट अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिसके चलते कोर्ट ने उसका फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया कि कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 364 Aमें आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये, धारा 302 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये, धारा 120B में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये और धारा 201 में पांच वर्ष सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग करार दिया है, जिसके चलते उसका मामला जुनेवाइल कोर्ट में चल रहा है. बताया कि सभी आरोपी जुआ और बीयर की लत थी. रुपये की जरूरत पड़ने पर घटना को अंजाम दिया था. संजय यादव ने छात्र का स्कूल बैग और कपड़े छिपाए थे. जबकि विजय यादव ने अपने मोबाइल से छात्र के परिजन से फिरौती मांगी थी. मोहित दुबे ने ऋषि की हत्या की थी और अंकित पांडेय ने शव को ठिकाने लगाया था. जबकि ऋषि को उसका नाबालिग दोस्त घर से बुला ले गया था.

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कन्नौज: जनपद में करीब आठ साल पहले छात्र का अपहरण कर हत्या करने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) जज शिव कुमार तिवारी ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 35 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. जबकि एक आरोपी का कानपुर के हैलट अस्पताल में इलाज चलने के कारण सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी है. अदालत ने उसका फैसला सुरक्षित रख लिया है. जबकि एक आरोपी नाबालिग होने पर उसका मामला जुनेवाइल कोर्ट में चला गया है.

जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि उमर्दा ब्लॉक क्षेत्र के दिसरापुर गांव निवासी सर्वेश यादव प्राथमिक विद्यालय कटरी गंगपुर में प्रधानाध्यक के पद पर तैनात थे. वह परिवार के साथ सदर कोतवाली क्षेत्र के तिर्वा रोड स्थित धीराताल के पास रहते थे. उनकी पत्नी सुमन यादव दिसरापुर गांव की प्रधान रह चुकी है. उनका छोटा बेटा ऋषि उर्फ आशू शहर के कन्हैयालाल सरस्वती विद्या मंदिर में हाईस्कूल का छात्र था. 25 नवंबर 2014 को उसका दोस्त सलेमपुर गांव निवासी स्कूल जाने के लिए बुला ले गया था. इसके बाद दोस्त ने ही ऋषि का सलेमपुर तारा बांगर निवासी मोहित दुबे, संजय चौहान, सिपाही ठाकुर मोहल्ला निवासी विजय यादव और चौहट्टा मोहल्ला निवासी अंकित पांडेय के साथ मिलकर अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर अंकित के घर पर ऋषि को बंधक बना लिया.

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उसी दिन शाम को अपहरणकर्ताओं ने पिता सर्वेश यादव के फोन पर ऋषि को छोड़ने के एवज में 12 लाख रुपये की फिरौती मांगी. जिसके बाद पीड़ित पिता ने सदर कोतवाली पुलिस से मामले की शिकायत की. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर छात्र की तलाश शुरू कर दी. लेकिन पकड़े जाने के डर से अपहरणकर्ताओं ने छात्र की हत्या कर दी. ठकुराना मोहल्ला में अंकित पांडेय के घर के पास एक हाता में हांथ-पैर बंधे हुए ऋषि का शव मिला था. पुलिस ने जांच पड़ताल में नाबालिग दोस्त, संजय चौहान, मोहित दुबे, अंकित पांडेय और विजय यादव द्वारा घटना को अंजाम देने की बात सामने आई थी. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) जज शिवकुमार तिवारी ने चारों आरोपियों को बीते गुरुवार को दोषी करार दिया था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को जज ने अंकित पांडेय, मोहित दुबे और विजय यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि चौथे आरोपी संजय चौहान की सजा पर सुनवाई नहीं हो सकी. आरोपी का कानपुर के हैलट अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिसके चलते कोर्ट ने उसका फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया कि कोर्ट ने तीनों आरोपियों को धारा 364 Aमें आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये, धारा 302 में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये, धारा 120B में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये और धारा 201 में पांच वर्ष सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

वहीं, जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी को सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग करार दिया है, जिसके चलते उसका मामला जुनेवाइल कोर्ट में चल रहा है. बताया कि सभी आरोपी जुआ और बीयर की लत थी. रुपये की जरूरत पड़ने पर घटना को अंजाम दिया था. संजय यादव ने छात्र का स्कूल बैग और कपड़े छिपाए थे. जबकि विजय यादव ने अपने मोबाइल से छात्र के परिजन से फिरौती मांगी थी. मोहित दुबे ने ऋषि की हत्या की थी और अंकित पांडेय ने शव को ठिकाने लगाया था. जबकि ऋषि को उसका नाबालिग दोस्त घर से बुला ले गया था.

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