कन्नौज: प्रशासनिक संवेदनहीनता के चलते कन्नौज में एक बुजुर्ग दिव्यांग का परिवार घर छोड़कर ग्रामीणों की दया पर जीवन काट रहा है. बारिश में इस दिव्यांग बुजुर्ग का कच्चा मकान ढह गया. इसके बाद किसी ग्रामीण ने दया दिखाते हुए उन्हें अपनी झोपड़ी दे दी. जवान बेटी और पत्नी के साथ अच्छे दिन का इंतजार कर रहे इस दिव्यांग की दास्तां झकझोर देने वाली है.
बारिश से बेघर, दूसरे के यहां कर रहे गुजर-बसर
कन्नौज जिले के सदर ब्लॉक के आकिलपुर गांव में 70 वर्षीय दिव्यांग करुणा शंकर दुबे को कुछ साल पहले पैरालिसिस हो गया था, जिससे उनके शरीर का एक हिस्सा बेकार हो गया. इसके बाद वह मानसिक रूप से भी कमजोर हो गए. पत्नी ने उनका छोटा सा खेत बंटाई पर उठा दिया और खुद पत्नी खेतों में मजदूरी करने लगी. बंटाई और मजदूरी की रकम से वह किसी तरह पति का इलाज और घर का खर्च चला रही थीं.
दरअसल कुछ दिन पहले तेज बारिश में करुणाशंकर का कच्चा मकान ढह गया, जिसमें वे दब गए. किसी तरह ग्रामीणों ने उनकी जान बचाई. घर टूटा तो किसी ग्रामीण ने दया दिखाते हुए अपनी झोपड़ी रहने को दे दी. बदन पर बिना कपड़े के अपनी जिंदगी गुजारने वाले इस दिव्यांग बुजुर्ग को अब तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम उनका हाल जानने पहुंची तो अपना दर्द बयां करते ही उनकी आंखों से आंसू छलक आए.