ETV Bharat / state

जौनपुर: इस चीरघर में खुले में होता है शव का पोस्टमार्टम

जनपद का चीरघर बदहाल अवस्था में है. दो कमरे वाले इस चीरघर में लाशों को रखने के लिए कोई इंतजाम नही है. कोई भी शव आता है तो इनका पोस्टमार्टम खुले में ही किया जाता है. अक्सर मिलने वाली लावारिश लाशों के कारण पोस्टमार्टम हाउस से बदबू भी आती है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामजी पांडे
author img

By

Published : Feb 1, 2019, 1:35 PM IST

जौनपुर: हर जिले में एक चीरघर होता है लेकिन जनपद का चीरघर बदहाल अवस्था में है. दो कमरों वाले चीरघर में लाशों को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. कोई भी लाश पोस्टमार्टम के लिए आती है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है. ऐसी हालत में कुछ खराब लाशों से बदबू भी आती है जिसके कारण लोगों का खड़ा होना भी दूभर हो जाता है. वहीं इस चीरघर में शव का पोस्टमार्टम भी खुले में किया जाता है जो इन नियमों के खिलाफ भी है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामजी पांडे

undefined


दो कमरों में चल रहे चीरघर की हालत ठीक नहीं है. यहां हर रोज 4 से 5 लाशों का पोस्टमार्टम होता है लेकिन इन लाशों को रखने के लिए इन कमरों में जगह नहीं बची है. दोनों कमरों में विसरा भरा हुआ है .वहीं, कोई भी शव आता है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है और इन का पोस्टमार्टम भी खुले आसमान के नीचे ही किया जाता है. बता दें कि, किसी भी पोस्टमार्टम हाउस के लिए एसी कमरे से लेकर फ्रीज़र तक होने चाहिए जिससे शव को उसमें सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन जौनपुर में ऐसा नहीं है. अक्सर मिलने वाली लावारिस लाशों के कारण पोस्टमार्टम हाउस से बदबू भी आती है. यहां पोस्टमार्टम कराने आने वाले मृतक के परिजन अपने साथ शव को ही नहीं ले जाते बल्कि साथ में कुछ बीमारी भी ले जाते हैं।


इस बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम जी पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि जिले का चीरघर दो कमरों में चल रहा है. इसकी हालत ठीक नहीं है. नया चीरघर मेडिकल कालेज में स्वीकृत बनाया जाएगा. इसके लिए ₹4,500,000 का बजट स्वीकृत भी हो चुका है. यह चीरघर पूर्णतया आधुनिक होगा जिसमें एसी कमरे से लेकर सब तरह की व्यवस्था होगी.

जौनपुर: हर जिले में एक चीरघर होता है लेकिन जनपद का चीरघर बदहाल अवस्था में है. दो कमरों वाले चीरघर में लाशों को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं है. कोई भी लाश पोस्टमार्टम के लिए आती है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है. ऐसी हालत में कुछ खराब लाशों से बदबू भी आती है जिसके कारण लोगों का खड़ा होना भी दूभर हो जाता है. वहीं इस चीरघर में शव का पोस्टमार्टम भी खुले में किया जाता है जो इन नियमों के खिलाफ भी है.

जानकारी देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रामजी पांडे

undefined


दो कमरों में चल रहे चीरघर की हालत ठीक नहीं है. यहां हर रोज 4 से 5 लाशों का पोस्टमार्टम होता है लेकिन इन लाशों को रखने के लिए इन कमरों में जगह नहीं बची है. दोनों कमरों में विसरा भरा हुआ है .वहीं, कोई भी शव आता है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है और इन का पोस्टमार्टम भी खुले आसमान के नीचे ही किया जाता है. बता दें कि, किसी भी पोस्टमार्टम हाउस के लिए एसी कमरे से लेकर फ्रीज़र तक होने चाहिए जिससे शव को उसमें सुरक्षित रखा जा सके. लेकिन जौनपुर में ऐसा नहीं है. अक्सर मिलने वाली लावारिस लाशों के कारण पोस्टमार्टम हाउस से बदबू भी आती है. यहां पोस्टमार्टम कराने आने वाले मृतक के परिजन अपने साथ शव को ही नहीं ले जाते बल्कि साथ में कुछ बीमारी भी ले जाते हैं।


इस बारे में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम जी पांडे से बात की तो उन्होंने बताया कि जिले का चीरघर दो कमरों में चल रहा है. इसकी हालत ठीक नहीं है. नया चीरघर मेडिकल कालेज में स्वीकृत बनाया जाएगा. इसके लिए ₹4,500,000 का बजट स्वीकृत भी हो चुका है. यह चीरघर पूर्णतया आधुनिक होगा जिसमें एसी कमरे से लेकर सब तरह की व्यवस्था होगी.

Intro:प्लान स्टोरी


जौनपुर।।1feb।। हर जिले में एक चीरघर होता है लेकिन जौनपुर का चीरघर बदहाल अवस्था में है । दो कमरों में चीरघर संचालित है लेकिन यहां पर लाशों को रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। चीरघर के दो कमरों में विसरा भरा हुआ है जिसके कारण यहां लाशों की रखने के लिए जगह ही नहीं है। कोई भी लाश पोस्टमार्टम के लिए आती है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है। ऐसी हालत में कुछ खराब लाशों से बदबू भी आती है जिसके कारण लोगों का खड़ा होना भी दूभर हो जाता है। वहीं इस चीरघर में शव का पोस्टमार्टम भी खुले में किया जाता है जो इन नियमों के खिलाफ भी है।


Body:वीओ- जौनपुर जिले का चीरघर बदहाल अवस्था में है। दो कमरों में चल रहे चीर घर की हालत ठीक नहीं है। यहां हर रोज 4 से 5 लाशों का पोस्टमार्टम होता है लेकिन इन लाशों को रखने के लिए इन कमरों में जगह नहीं बची है । दोनों कमरों में विसरा भरा हुआ है वही कोई भी शव आता है तो उसे खुले में ही रखना पड़ता है और इन का पोस्टमार्टम भी खुले आसमान के नीचे ही किया जाता है। किसी भी पोस्टमार्टम घर के लिए एसी कमरे से लेकर फ्रीज़र होने चाहिए जिसके कारण शव को उसमें सुरक्षित रखा जा सके लेकिन जौनपुर में ऐसा नहीं है। अक्सर मिलने वाली लावारिस लाशों के कारण पोस्टमार्टम हाउस से बदबू भी आती है। वहीं स्वास्थ्य के ढंग से भी ठीक नहीं है। यहां पोस्टमार्टम कराने आने वाले मृतक के परिजन अपने शव को ही नहीं ले जाते बल्कि साथ में कुछ बीमारी भी ले जाते हैं।


Conclusion:जौनपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राम जी पांडे ने बताया जिले का चीरघर दो कमरों में चल रहा है ।इन कमरों में विशरा भरा हुआ है जिसकी हालत ठीक नहीं है। जिले के लिए नया चीरघर स्वीकृत हो चुका है। यह मेडिकल कॉलेज में बनाया जाना है । इसके लिए ₹4500000 स्वीकृत भी हो चुका है। यह चीरघर पूर्णतया आधुनिक होगा जिसमें एसी कमरे से लेकर सब तरह की व्यवस्था होगी।

बाइट- डॉ राम जी पांडे -सीएमओ जौनपुर

Dharmendra singh
jaunpur
9044681067
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.