जौनपुरः तेजी से पैर पसार रहे कोरोना को नियंत्रित कर इसकी जांच में तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिला चिकित्सालयों में ट्रू नेट मशीन लगाई है. इस मशीन के द्वारा डेढ़ घंटे में किसी भी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने का दावा किया गया था. इसी कड़ी में जिले में भी यह मशीन लगाई गई है, जिससे रोजाना करीब 30 सैंपल्स की जांच हो रही है.
इसी मशीन से जिला अस्पताल के एक चिकित्सक डॉ. डी एस यादव की जांच भी कराई गई थी, क्योंकि उनमें कोरोना के लक्षण पाए गए थे. जांच के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई तो पूरे जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया. पूरे अस्पताल परिसर को सील कर दिया गया और यहां तक कि कई दिनों तक सैनिटाइजेशन का कार्य किया गया, लेकिन डॉक्टर का सैंपल पुनः जांच के लिए संजय गांधी मेडिकल कॉलेज लखनऊ को भेजी गई, जहां से उनकी जांच निगेटिव आई.
रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद ट्रू नेट मशीन पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. हालांकि साफ तौर पर अधिकारी कुछ कहने से बच रहे हैं. वहीं वह भी इस बात को दबी जुबान से स्वीकार रहे हैं. ट्रू नेट मशीन पर सैंपल की जांच कर रहे लैब टेक्नीशियन सतीश कुमार पटेल बताते हैं कि इस मशीन के द्वारा डेढ़ घंटे में रिपोर्ट प्राप्त हो रही है. वह ज्यादातर जांच कोविड-19 के मरीजों की हो रही है. हालांकि इसी मशीन से डॉ. डीएस यादव की भी जांच पॉजिटिव पाई गई थी जो बाद में निगेटिव मिली.
इसे भी पढ़ें- पेट भरने के लिए चूहों के बिल से अनाज निकालकर खाने को मजबूर हैं ये लोग
जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके शर्मा ने बताया ट्रू नेट मशीन के द्वारा ही डॉ. डीएस यादव की जांच कराई गई थी जो पॉजिटिव पाई गई. वहीं सैंपल को बाहर जांच के लिए भेजा गया तो बाद में रिपोर्ट निगेटिव आई. उन्होंने कहा कि मशीन ही है, कभी गलत भी हो सकती है.