ETV Bharat / state

सरकारें बदलती रहीं, नहीं बदली कुल्हनामऊ कचरा निस्तारण प्लांट की किस्मत - कुल्हनामऊ कचरा निस्तारण प्लांट

तमाम दावों के बाद भी जमीनी स्तर पर खास बदलाव नजर नहीं आ रहा है. जौनपुर जिले में कचरा निस्तारण के लिए बन रहा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट दस साल में भी नहीं बन सका. मायावती सरकार में शुरू हुआ कार्य अब भी अधूरा है.

कूड़ा निस्तारण प्लांट
कूड़ा निस्तारण प्लांट
author img

By

Published : Dec 20, 2020, 10:29 PM IST

जौनपुरः कुल्हनामऊ में बन रहे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का शिलान्यास 9 नवंबर 2011 को मौजूदा नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन के हाथों संपन्न हुआ था. 12 करोड़ 20 लाख की लागत से बसपा शासनकाल में शुरू निर्माण कार्य को 2 वर्षों में पूरा होना था, लेकिन 10 वर्ष पूरे होने को हैं अभी भी प्लांट शुरू नहीं हो सका है.

सूखे कचरे का होगा निस्तारण
बक्सा थाना क्षेत्र के कुल्हनामऊ में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का उद्घाटन 2011 में बसपा के शासनकाल में किया गया था, जिसका उद्देश्य शहर में पैदा हो रहे करीब 80 से 90 टन सूखे कचरे का निस्तारण करना था. 2012 में सत्ता परिवर्तन हुआ और समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई, लेकिन सपा सरकार के 5 साल के कार्यकाल में भी काम पूरा नहीं हुआ. सपा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2017 में बीजेपी की सरकार बनी, तब भी इधर ध्यान नहीं दिया गया.

कचरा निस्तारण प्लांट.

12 एकड़ में बन रहा प्लांट
12 करोड़ 20 लाख की लागत से बनने वाले इस प्लांट को नगर पालिका परिषद के यूआईडीएसएमएमटी योजना के तहत बनना था. इससे शहर में रोजाना पैदा हो रहे करीब 80 से 90 टन सूखे कचरे का निस्तारण करना था. इस प्लांट को करीब 12 एकड़ जमीन में शुरू किया गया. प्लांट का उद्घाटन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन ने 9 नवंबर 2011 को किया. शहर से निकलने वाले कूड़े को नदियों और तालाबों के किनारे फेंका जाता था, जिससे लोगों को बीमारियां होने का खतरा ज्यादा था. इसी उद्देश्य से इस प्लांट की नींव रखी गई थी.

बदल चुकी हैं मशीनें
प्लांट के शिलान्यास के कुछ महीनों बाद ही प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सत्ता आ गई. 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्लांट राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो गया. प्लांट में रखीं अधिकतर मशीनें खराब हो गईं. इन मशीनों के स्थान पर अब दूसरी मशीनें लगाई गई हैं, जिससे प्लांट बनाने का काम चल रहा है.

पैसे की कमी बनी वजह
इस प्लांट की कार्यदायी संस्था पहले सीएनडीएस संस्था हुआ करती थी. वर्तमान समय में एटूजेड द्वारा काम कराया जा रहा है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का कार्य पैसों की कमी के कारण धीमी गति से चला. कार्यदायी संस्था बदलते और अन्य कारणों से कई बार काम में रुकावटें भी आईं. कार्यदायी संस्था के इंजीनियर गुरप्रीत सिंह के अनुसार अभी तक प्लांट का सिर्फ 75 फीसदी ही कार्य पूरा हो सका है. पैसे की कमी के चलते काम धीमी गति से हो रहा है, अगर पैसा समय से मिल जाए तो 2 से तीन महीनों के भीतर कार्य पूरा हो सकता है.

जल्द हो सकता है काम पूरा
आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव के अनुसार सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कई दिक्कतें थीं, अब वह खत्म हो गई हैं. प्लांट निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, जो कार्यदायी संस्था को दे दी गई है. मंत्री के अनुसार जल्द ही कचरा निस्तारण का कार्य शुरू हो जाएगा. बहरहाल इतनी ढिलाई के बाद भी शहर की जनता इस प्लांट के शुरू होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि इसके निर्माण के बाद शहर के कचरे को सड़क और नदियों के किनारे नहीं फेंकना पड़ेगा.

जौनपुरः कुल्हनामऊ में बन रहे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का शिलान्यास 9 नवंबर 2011 को मौजूदा नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन के हाथों संपन्न हुआ था. 12 करोड़ 20 लाख की लागत से बसपा शासनकाल में शुरू निर्माण कार्य को 2 वर्षों में पूरा होना था, लेकिन 10 वर्ष पूरे होने को हैं अभी भी प्लांट शुरू नहीं हो सका है.

सूखे कचरे का होगा निस्तारण
बक्सा थाना क्षेत्र के कुल्हनामऊ में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का उद्घाटन 2011 में बसपा के शासनकाल में किया गया था, जिसका उद्देश्य शहर में पैदा हो रहे करीब 80 से 90 टन सूखे कचरे का निस्तारण करना था. 2012 में सत्ता परिवर्तन हुआ और समाजवादी पार्टी की सरकार बन गई, लेकिन सपा सरकार के 5 साल के कार्यकाल में भी काम पूरा नहीं हुआ. सपा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2017 में बीजेपी की सरकार बनी, तब भी इधर ध्यान नहीं दिया गया.

कचरा निस्तारण प्लांट.

12 एकड़ में बन रहा प्लांट
12 करोड़ 20 लाख की लागत से बनने वाले इस प्लांट को नगर पालिका परिषद के यूआईडीएसएमएमटी योजना के तहत बनना था. इससे शहर में रोजाना पैदा हो रहे करीब 80 से 90 टन सूखे कचरे का निस्तारण करना था. इस प्लांट को करीब 12 एकड़ जमीन में शुरू किया गया. प्लांट का उद्घाटन वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष दिनेश टंडन ने 9 नवंबर 2011 को किया. शहर से निकलने वाले कूड़े को नदियों और तालाबों के किनारे फेंका जाता था, जिससे लोगों को बीमारियां होने का खतरा ज्यादा था. इसी उद्देश्य से इस प्लांट की नींव रखी गई थी.

बदल चुकी हैं मशीनें
प्लांट के शिलान्यास के कुछ महीनों बाद ही प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सत्ता आ गई. 2012 में सत्ता परिवर्तन के बाद यह प्लांट राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो गया. प्लांट में रखीं अधिकतर मशीनें खराब हो गईं. इन मशीनों के स्थान पर अब दूसरी मशीनें लगाई गई हैं, जिससे प्लांट बनाने का काम चल रहा है.

पैसे की कमी बनी वजह
इस प्लांट की कार्यदायी संस्था पहले सीएनडीएस संस्था हुआ करती थी. वर्तमान समय में एटूजेड द्वारा काम कराया जा रहा है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का कार्य पैसों की कमी के कारण धीमी गति से चला. कार्यदायी संस्था बदलते और अन्य कारणों से कई बार काम में रुकावटें भी आईं. कार्यदायी संस्था के इंजीनियर गुरप्रीत सिंह के अनुसार अभी तक प्लांट का सिर्फ 75 फीसदी ही कार्य पूरा हो सका है. पैसे की कमी के चलते काम धीमी गति से हो रहा है, अगर पैसा समय से मिल जाए तो 2 से तीन महीनों के भीतर कार्य पूरा हो सकता है.

जल्द हो सकता है काम पूरा
आवास एवं शहरी नियोजन राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव के अनुसार सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कई दिक्कतें थीं, अब वह खत्म हो गई हैं. प्लांट निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, जो कार्यदायी संस्था को दे दी गई है. मंत्री के अनुसार जल्द ही कचरा निस्तारण का कार्य शुरू हो जाएगा. बहरहाल इतनी ढिलाई के बाद भी शहर की जनता इस प्लांट के शुरू होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि इसके निर्माण के बाद शहर के कचरे को सड़क और नदियों के किनारे नहीं फेंकना पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.