जौनपुरः ग्रेपलिंग कुश्ती की खिलाड़ी नम्रता यादव का जौनपुर के अपने गांव तियरा पहुंचने पर भव्य स्वागत हुआ. नम्रता ने रूस में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. बेटी की इस कामयाबी पर पूरा गांव खुश है. हालांकि वो 53 किलो भार वर्ग में पोलैंड की खिलाड़ी से रोचक मुकाबले में हार गई थी. लेकिन कांस्य पदक जीतकर नम्रता ने लोगों का दिल जीत लिया है.
जिले के शाहगंज तहसील के खुटहन ब्लॉक के तियरा के अमरनाथ यादव की 22 साल की बेटी नम्रता का आज क्षेत्र के वासियों ने बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया. साढ़े तीन साल की उम्र में पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जिसके बाद वो मछलीशहर के नेवढ़िया गांव जहां नम्रता का ननिहाल है वहीं अपने मां के साथ रहती थी.
नम्रता ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसके कोच मनोज यादव और गांव वालों के सहयोग से वो इस मुकाम तक पहुंची है. वो इसके लिए सबका शुक्रिया अदा करती है. आपको बता दें कि बेहद गरीब होने की वजह से नम्रता के सामने इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए पैसे का संकट आ गया था. नम्रता यादव की आर्थिक मदद के लिए कई लोग सामने आ गये. जिससे जौनपुर की ये बेटी प्रतियोगिता में शामिल हो पायी.
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नम्रता के कोच और सराययूसुफ निवासी मनोज यादव बताते हैं कि नम्रता यादव अभी 22 साल की है. मूल रूप से खुटहन ब्लॉक के तियरा गांव की निवासी है. उनके पिता अमरनाथ यादव की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई थी. साढ़े तीन साल की उम्र में ही मां अनीता के साथ ननिहाल मछलीशहर के बरईपार स्थित नेवढिया गांव में रह रही है.