जौनपुर: राजस्थान की तर्ज पर जौनपुर के किसान अब बड़े पैमाने पर सरसों की खेती करने लगे हैं. यह बदलाव पिछले एक साल में हुआ है. गेहूं और धान की फसल को आवारा पशु ज्यादा नुकसान पहुंचाते थे. मल्हनी और खुटहन क्षेत्र में किसान सबसे ज्यादा सरसों की खेती कर रहे हैं. आवारा पशु सरसों की खेती को कम नुकसान पहुंचाते हैं. इसी वजह से किसान सरसों की खेती को करना ज्यादा फायदेमंद मान रहे हैं.
खास बातें
- राजस्थान की तर्ज पर किसानों ने बड़े पैमाने पर सरसों की खेती शुरू की है.
- गेहूं और धान की फसल को लगातार आवारा पशु नुकसान पहुंचाते रहते हैं.
- परेशान किसानों ने सरसों की खेती करने का फैसला लिया है.
- आवारा पशु सरसों की खेती को बहुत कम नुकसान पहुंचाते हैं.
- किसान सरसों की खेती को ज्यादा फायदेमंद मान रहे हैं.
जिले में इन दिनों खेतों में सरसों खूब लहलहा रही है. अचानक से किसानों ने गेहूं और धान की खेती की जगह सरसों की खेती करना ज्यादा फायदेमंद माना है. इस खेती में कम लागत और पानी के साथ ज्यादा मुनाफा होता है, उपज भी अच्छी होती है. बीते एक साल से सरसों का मूल्य भी बढ़ रहा है. इसलिए किसान अब इस खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.
पहले गेहूं और धान की खेती कर रहे थे, लेकिन आवारा पशुओं के कारण काफी नुकसान हुआ. जब से सरसों की खेती शुरू की है, इस खेती में बहुत फायदा हुआ है. अब पशु इस खेती को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं और ज्यादातर किसान सरसों उगा रहे हैं.
अमिता प्रसाद, किसान