जालौन: जिले का कालपी कस्बा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नगरी के रूप में विख्यात है. इसे बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. सांस्कृतिक धरोहरों में से एक कालपी कस्बे में नाग पंचमी के दिन लंका मीनार पर डेढ़ सौ वर्षो से मेला और दंगल लगता चला रहा है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित किर दिया गया.
नागपंचमी पर होती है 180 फीट के नाग और 95 फीट की नागिन की पूजा - jalaun latest news
जालौन जिले का कालपी कस्बे में नागपंचमी के पर्व पर 180 फीट नाग और 95 फीट की नागिन के स्टेचू की पूजा की जाती है. यहां डेढ़ सौ वर्षों से मेला और दंगल लगता चला रहा है लेकिन इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित किया गया है.
नागपंचमी विशेष
जालौन: जिले का कालपी कस्बा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक नगरी के रूप में विख्यात है. इसे बुंदेलखंड का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. सांस्कृतिक धरोहरों में से एक कालपी कस्बे में नाग पंचमी के दिन लंका मीनार पर डेढ़ सौ वर्षो से मेला और दंगल लगता चला रहा है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण सभी कार्यक्रमों को स्थगित किर दिया गया.