जालौन: जिले के कोच कोतवाली परिसर में 16 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. इस नरसंहार में सीओ समेत सात पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास के साथ 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई है. दरअसल 1 फरवरी 2004 को कोच कोतवाली परिसर में तत्कालीन इंस्पेक्टर डीडी राठौर ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से तीन लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है.
जालौन के शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 फरवरी 2004 को कोच कोतवाली के अंदर तत्कालीन कोतवाल डीडी सिंह राठौर और उनकी पुलिस टीम ने 3 लोगों की हत्या कर दी थी, जबकि फायरिंग में 4 लोग घायल हो गए थे. इसमें दो सगे भाई महेंद्र निरंजन और सुरेंद्र निरंजन के साथ दयाशंकर झा की मौत हो गई थी.
इस पर मृतक के रिश्तेदार जबर सिंह ने कोतवाली में कोतवाल डीडीएस राठौर उप निरीक्षक, भगवान सिंह उप निरीक्षक, लालमणि गौतम समेत पांच सिपाहियों के खिलाफ हत्या बलवा करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
मामले की 15 साल 16 महीने तक चली सुनवाई के दौरान कोतवाल डीडी सिंह राठौर और सिपाही भगवान दास सोनी की मौत हो गई, जबकि न्यायाधीश ने इस मामले में नामजद 6 पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया.
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शुक्रवार को अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अमित पाल द्वारा सजा सुनाई गई, जिसमें सीओ कर्नलगंज भगवान सिंह जो कानपुर में तैनात हैं, रिटायर्ड हुए उप निरीक्षक लालमणि गौतम समेत पांच पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई गई है.