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हरदोई: जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह, प्रशासन बेसुध

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला अस्पताल आवारा पशुओं का आरामगाह बनता जा रहा है. अस्पताल के वार्ड के बरामदे में आवारा पशु पंखे के नीचे बैठकर आराम फरमाते नजर आ रहे हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीजों के तीमारदार पशुओं को खाना डालते हैं इसलिए वहां आवारा पशुओं की संख्या बढ़ जाती है.

जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह.
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Published : Aug 22, 2019, 4:47 PM IST

हरदोई: मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करने वाला जिला अस्पताल अब आवारा पशुओं का आरामगाह बनकर रह गया है. वार्ड में कुत्ते और आवारा गोवंश पंखे के नीचे आराम फरमाते नजर आते हैं. इन पशुओं को हटाने के लिए अस्पताल प्रशासन कोई भी कदम नहीं उठा रहा है.

जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह.

पढ़ें: सड़कों पर घूम रहे गोवंशीय पशु, प्रशासन नहीं हो रहा सख्त

जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह

  • वार्ड के बरामदे में आवारा पशु पंखे के नीचे बैठकर आराम फरमाते नजर आए.
  • रैन बसेरे के अंदर भी एक आवारा पशु को देखा गया.
  • जिला अस्पताल की इस अव्यवस्था से मरीज और तीमारदार हलकान हैं.
  • वहीं अस्पताल प्रशासन मरीजों के तीमारदारों पर इसका ठीकरा फोड़ रहा है.

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार खाना लाते हैं और खाना खाने के बाद जानवरों के लिए खाना डाल देते हैं. इसकी वजह से अस्पताल के अंदर आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने लगती है.

-डॉ. ए के शाक्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

हरदोई: मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करने वाला जिला अस्पताल अब आवारा पशुओं का आरामगाह बनकर रह गया है. वार्ड में कुत्ते और आवारा गोवंश पंखे के नीचे आराम फरमाते नजर आते हैं. इन पशुओं को हटाने के लिए अस्पताल प्रशासन कोई भी कदम नहीं उठा रहा है.

जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह.

पढ़ें: सड़कों पर घूम रहे गोवंशीय पशु, प्रशासन नहीं हो रहा सख्त

जिला अस्पताल बना आवारा पशुओं का आरामगाह

  • वार्ड के बरामदे में आवारा पशु पंखे के नीचे बैठकर आराम फरमाते नजर आए.
  • रैन बसेरे के अंदर भी एक आवारा पशु को देखा गया.
  • जिला अस्पताल की इस अव्यवस्था से मरीज और तीमारदार हलकान हैं.
  • वहीं अस्पताल प्रशासन मरीजों के तीमारदारों पर इसका ठीकरा फोड़ रहा है.

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार खाना लाते हैं और खाना खाने के बाद जानवरों के लिए खाना डाल देते हैं. इसकी वजह से अस्पताल के अंदर आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने लगती है.

-डॉ. ए के शाक्य, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

Intro:स्लग--हरदोई का जिला अस्पताल बना आवारा गोवंश और कुत्तों की आरामगाह

एंकर--यूपी के हरदोई जिले में मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का दावा करने वाला जिला अस्पताल अब आवारा सांड और कुत्तों की आरामगाह बनकर रह गया है आलम यह है कि वार्ड में कुत्ते और आवारा गोवंश पंखे के नीचे आराम फरमाते रहते हैं और किसी मरीज को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं लेकिन इन्हें ना तो कोई हटाने वाला है और ना ही किसी जिम्मेदार की इन पर नजर पड़ती है लिहाजा इस अव्यवस्था से मरीज और तीमारदार हलकान है हालांकि इस मामले में जिम्मेदार अफसरों का तर्क निराला ही है जिम्मेदार अफसर इस अव्यवस्था का ठीकरा मरीजों के तीमारदारों पर ही फोड़ रहे हैं।


Body:vo--उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में वार्ड के बरामदे में आवारा सांड और कुत्तों के पंखे के नीचे बैठकर आराम फरमाने की यह तस्वीरें जिला अस्पताल के जनरल वार्ड की हैं जहां आप साफ़ देख सकते हैं कि किस तरह से बरामदे में पंखा चल रहा है और उस पंखे के नीचे निराश्रित सांड और कुत्ते आराम कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तस्वीर टीवी वार्ड के बाहर की है जहां मरीज और तीमारदार बैठे हैं और कुत्ते भी उनके आसपास दौड़कर पहुंच जाते हैं मरीजों के तीमारदार उन्हें भगाने का प्रयास करते हैं लेकिन वह भागने को तैयार नहीं तीसरी तस्वीर रैन बसेरे की है जहां मरीजों के तीमारदारों के लिए बेड पड़े हुए हैं लेकिन रैन बसेरे के अंदर दाखिल होते ही एक सांड पर नजर जाती है जो अंदर बैठा हुआ है और ऊपर दो पंखे चल रहे हैं ऐसे में यह आवारा सांड और कुत्ते लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं और लोगों को कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।लेकिन स्वास्थ्य महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है और अजीबोगरीब तर्क देने में जुटा है जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि जिला अस्पताल में मरीज के तीमारदार जानवरों के खाने के लिए रोटी डाल देते हैं जिसकी वजह से आवारा सांड और कुत्ते इकटठे हो जाते हैं।
बाइट--डॉ एके शाक्य मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल हरदोई


Conclusion:voc--ऐसे में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एके शाक्य का बयान बचकाना भी है और तर्कहीन भी उनका कहना है कि जिला अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदार खाना लाते हैं और खाना खाने के बाद जानवरों के लिए खाना डाल देते हैं जिसकी वजह से कुत्तों और सांडों की संख्या बढ़ जाती है अगर इनकी बात मान भी ली जाए तो यह किसी के गले उतरने लायक नहीं अब इन्हें कौन समझाए कि वार्ड में पंखे के नीचे बैठकर कुत्तों और सांडों के आराम करने और रैन बसेरे में इंसानों की जगह सांडों के पंखे के नीचे आराम करने की तस्वीरें खुद-ब-खुद जिला अस्पताल के अफसरों के दावों की हकीकत बयां कर रही हैं।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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