हरदोई: जिले में समाजसेवियों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. दरअसल घर के मुखिया रामदास की बीते शनिवार को सर्पदंश से मौत हो गई थी. 5 साल पहले मां की भी मौत हो गई थी. दोनों की मौत के बाद बच्चे बेसहारा हो गए. इससे घास-फूस की झोपड़ी में रहने को मजबूर इन 4 बच्चों के सामने खाने की भी समस्या हो गई. ऐसे में समाज के लोगों ने इन बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया है. किसी ने इन बच्चों को राशन दिया तो किसी ने पैसे और किसी ने ईंट की व्यवस्था कर दी.
समाजसेवियों की पहल के बाद लोग आगे आए हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से इन्हें अब तक कोई मदद नहीं मिली है. 10 साल से भी कम उम्र के इन बच्चों के सामने भरण-पोषण की समस्या आ खड़ी हुई है.
- हरदोई में सर्पदंश से रामदास की मौत के बाद उनके चार बच्चे बेसहारा हो गए.
- ऐसे में स्थानीय लोग बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं.
- इलाके के लोगों ने बच्चों को राशन और पैसे देकर मदद की है.
- वहीं बच्चे प्रशासन से भी मदद की उम्मीद कर रहे हैं.
कछौना विकासखंड इलाके के कुकुही गांव निवासी सुजीत ने बताया कि हम चार भाई-बहन अपने पिता के साथ झोपड़ी डालकर रहते थे. करीब पांच साल पहले मेरी मां की मौत हो गई थी. वहीं बीते शनिवार को पिता रामदास झोपड़ी में चारपाई डालकर लेटे थे. इसी दौरान एक जहरीले सांप ने उन्हें डस लिया. पिता को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कछौना ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
रामदास की मौत के बाद उनके बच्चों, बेटे सुजीत, संदीप, शुभम और बेटी मोहिनी के सामने रोजी-रोटी की भी समस्या हो गई. ऐसे में इलाके के लोग बेसहारा बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं. बता दें कि व्यापार मंडल की तरफ से बच्चों को 50 किलो आटा, चावल समेत अन्य सामग्री और 51 सौ रुपये उपलब्ध कराए गए. वहीं एक भट्ठा मालिक वारिश मियां ने इन्हें एक ट्राली ईंट दी है. इसी के साथ बेसहारा बच्चों की मदद के लिए कई लोग भी आगे आए हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन कब इन बेसहारा बच्चों की सुध लेता है.