हमीरपुरः खूनी हाईवे के नाम से मशहूर एनएच-34 पर बेतरतीब चलने वाले वाहनों से होने वाली दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं. मंगलवार को जिला अस्पताल से बेटे का इलाज कराकर मां के साथ वापस लौट रहे युवक की बाइक को बेतवा पुल के पास तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी. इसके चलते सड़क में गिरी दादी व नाती की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई.
ललपुरा थानाक्षेत्र के बहदीना-अछपुरा ग्राम पंचायत के डाड़ीपुर मजरा निवासी रामबाबू उर्फ रामू बाइक से अपने तीन वर्षीय बेटे बराती उर्फ गोलू का इलाज कराने 55 वर्षीय मां रामजानकी के साथ जिला अस्पताल आया था. यहां से इलाज कराने के बाद वह शाम को वापस लौट रहा था. जैसे ही वह बेतवा पुल के निकट बने हुनमान मंदिर के पास हाईवे पर पहुंचा, तभी सामने से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी.
टक्कर लगते ही गोलू और रामजानकी ट्रक की ओर गिर गईं जिससे ट्रक ने दोनों को कुचल दिया. वहीं रामू के हल्की चोटें आईं. घटना के बाद चालक ट्रक छोड़कर मौके से भाग निकला. सूचना पर पहुंची पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया व शव को कपड़े से ढंकना-समेटना शुरू कर दिया.
हालांकि मौके पर पहुंचे मृतकों के स्थानीय रिश्तेदारों ने इसका विरोध किया व परिजनों के आने तक रुकने की मांग की. इन लोगों को समझाकर किसी तरह पुलिस ने शवों को समेटकर उन्हें हाईवे किनारे रखवा दिया. पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराना चाहती थी लेकिन रिश्तेदारों ने इसे मोर्चरी नहीं ले जाने दिया.
सूचना पर पहुंचे नगर पालिका अध्यक्ष कुलदीप निषाद ने समझाने की कोशिश की लेकिन सभी ने परिजनों के आने तक शव न ले जाने की मांग की. करीब तीन घंटे बाद परिजनों के पहुंचते ही आक्रोशित लोगों ने पुलिस से शव छीनकर हाईवे जाम कर दिया. इससे करीब आधे घंटे तक हाईवे पर आवागमन रुक गया.
वहीं, मृतका रामजानकी के पति श्यामसुंदर को चेयरमैन व पुलिस ने समझाकर शव मोर्चरी में रखवाने की बात कह कार्रवाई का आश्वासन दिया. इस पर घटना के ढाई घंटे बाद परिजन व रिश्तेदारों ने शव मौके से ले जाने दिया.
बीते 24 घंटे में 8 लोग हुए दुर्घटना का शिकार
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में एनएच-34 पर 8 लोगों की मौतें हो चुकी है. बीती रात एक स्कॉर्पियो व ट्रक की टक्कर में एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत हो गई जबकि सुबह बाइक सवार एक युवक की दुर्घटना में मौत हो गई. एनएच-34 पर मोरम व गिट्टी लदे ओवरलोड ट्रक बेतरतीब चलते हैं जिससे जानमाल का खतरा बना रहता है. यही वजह है कि इस हाईवे पर भारी तादाद में जन हानि होती है. इस कारण यह हाईवे खूनी हाईवे के नाम से मशहूर हो गया है.
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