ETV Bharat / state

सपा नेता की RTI से निकली किसान की परिभाषा, मोदी सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप

गोरखपुर में युवा समाजवादी नेता काली शंकर की आरटीआई से किसान कौन है इसकी परिभाषा क्या है, ये खुलकर स्पष्ट हो गयी है. उन्होंने आरटीआई लगाकर पूछा था कि किसान कौन है.

author img

By

Published : Dec 13, 2020, 9:04 AM IST

सपा नेता की RTI से निकली किसान की परिभाषा
सपा नेता की RTI से निकली किसान की परिभाषा

गोरखपुरः सपा नेता कालीशंकर की आरटीआई से किसान कौन है, इसकी परिभाषा स्पष्ट हो गयी है. सपा नेता ने भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से इसकी जानकारी मांगी थी. जिसके जबाव में जानकारी मिली कि राष्ट्रीय किसान नीति, 2007 के मुताबिक एक व्यक्ति जो सक्रिय तौर पर आर्थिक और आजिविका की गतिविधियों के लिए फसल उत्पादन करता है, वो किसान कहलाते हैं. इसमें भू-जोत, खेती, कृषि मजदूर, बाटईदार, पॉल्ट्री और पशु पालक, मधुमक्खी पालक, बागवानी, चरवाहे, गैर व्यावसायिक बागान मालिक शामिल हैं, जो खेती के साथ ही संग्रहण का भी काम करते हैं. इसके साथ ही माइनर और नॉन टिंबर फॉररेस्ट प्रोड्यूस का इस्तेमाल और बिक्री करने वाले भी किसान हैं.

किसानों के साथ हो रहा भेद-भाव

सपा नेता की RTI का जवाब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अवर सचिव कमल अरोड़ा ने दिया है. किसान की परिभाषा जानकर सपा नेता ने कहा कि देश के किसानों के साथ भेद-भाव हो रहा है. ऐसा केंद्र की मोदी सरकार कर रही है. उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि अगर किसान की परिभाषा सही है तो क्यों 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत केवल कृषि भूमिधारित किसानों को ही पात्र माना गया है. किसानों के साथ ये भेदभाव किसानों का सम्मान नहीं है. उन्होंने मोदी सरकार से मांग की है कि इसके तहत सभी भूमिहीन किसानों, मुर्गी पालकों, पशु पालकों, मछुआरों, माली और चरवाहों को भी इसका लाभ दिया जाये. इसके साथ ही उन्होंने प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारत के हरित क्रांति के जनक एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में सौंपी गई रिपोर्ट में बताये गये सुझावों को पूरे तरीके से लागू करने की मांग की है.
एसएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट में जिक्र
काली शंकर ने कहा है कि वह सरकार से मांग करते हैं कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के तहत साल 2007 में प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में सौंपी गई ‘किसानों की राष्ट्रीय नीति’ में ‘किसान’ शब्द की परिभाषा के मुताबिक आने वाले सभी किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये वार्षिक का सम्मान दिया जाये.

गोरखपुरः सपा नेता कालीशंकर की आरटीआई से किसान कौन है, इसकी परिभाषा स्पष्ट हो गयी है. सपा नेता ने भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से इसकी जानकारी मांगी थी. जिसके जबाव में जानकारी मिली कि राष्ट्रीय किसान नीति, 2007 के मुताबिक एक व्यक्ति जो सक्रिय तौर पर आर्थिक और आजिविका की गतिविधियों के लिए फसल उत्पादन करता है, वो किसान कहलाते हैं. इसमें भू-जोत, खेती, कृषि मजदूर, बाटईदार, पॉल्ट्री और पशु पालक, मधुमक्खी पालक, बागवानी, चरवाहे, गैर व्यावसायिक बागान मालिक शामिल हैं, जो खेती के साथ ही संग्रहण का भी काम करते हैं. इसके साथ ही माइनर और नॉन टिंबर फॉररेस्ट प्रोड्यूस का इस्तेमाल और बिक्री करने वाले भी किसान हैं.

किसानों के साथ हो रहा भेद-भाव

सपा नेता की RTI का जवाब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अवर सचिव कमल अरोड़ा ने दिया है. किसान की परिभाषा जानकर सपा नेता ने कहा कि देश के किसानों के साथ भेद-भाव हो रहा है. ऐसा केंद्र की मोदी सरकार कर रही है. उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर मांग की है कि अगर किसान की परिभाषा सही है तो क्यों 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के तहत केवल कृषि भूमिधारित किसानों को ही पात्र माना गया है. किसानों के साथ ये भेदभाव किसानों का सम्मान नहीं है. उन्होंने मोदी सरकार से मांग की है कि इसके तहत सभी भूमिहीन किसानों, मुर्गी पालकों, पशु पालकों, मछुआरों, माली और चरवाहों को भी इसका लाभ दिया जाये. इसके साथ ही उन्होंने प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारत के हरित क्रांति के जनक एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में सौंपी गई रिपोर्ट में बताये गये सुझावों को पूरे तरीके से लागू करने की मांग की है.
एसएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट में जिक्र
काली शंकर ने कहा है कि वह सरकार से मांग करते हैं कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' के तहत साल 2007 में प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में सौंपी गई ‘किसानों की राष्ट्रीय नीति’ में ‘किसान’ शब्द की परिभाषा के मुताबिक आने वाले सभी किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये वार्षिक का सम्मान दिया जाये.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.