ETV Bharat / state

बार काउंसिल के अध्यक्ष और महामंत्री सस्पेंड, हाइकोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर हुआ एक्शन - PRESIDENT GENERAL SECRETARY SUSPEND

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने अध्यक्ष और सचिव का पंजीकरण 2 माह के लिए निरस्त करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया.

Photo Credit- ETV Bharat
झांसी बार काउंसिल के अध्यक्ष और महामंत्री सस्पेंड (Photo Credit- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 11, 2025, 5:37 PM IST

Updated : Jan 11, 2025, 6:17 PM IST

झांसी: यूपी में झांसी बार काउंसिल के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला और महामंत्री सचिव केपी. श्रीवास्तव पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने बड़ी कार्यवाही की है. दरअसल प्रमोद शिवहरे पूर्व मंत्री जिला अधिवक्ता संघ झांसी ने एक शिकायती पत्र 5 जनवरी 2025 को दिया था. इसमें उन्होंने बार काउंसिल आफ उप्र की तरफ से 23 दिसंबर को आदेश दिए एवं रिट याचिका सं० 27901/2024 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 10 सितंबर को दिए आदेश की अवमानना की.

शिकायत पर यूपी बार काउंसिल ने जांच में यह पाया गया कि जिला अधिवक्ता संघ झांसी का कार्यकाल विगत 29 मई 2024 को समाप्त हो गया है. इसके बाद यूपी बार काउंसिल ने जिला अधिवक्ता संघ झॉसी के अध्यक्ष एवं सचिव को 28 अगस्त को चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन दोनों ने चुनाव नहीं कराया.

10 अगस्त को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भी जिला अधिवक्ता संघ झांसी के अध्यक्ष एवं सचिव को तत्काल अपना चार्ज एल्डर्स कमेटी को हस्तान्तरण करने एवं एल्डर्स कमेटी को 15 दिनों के अन्दर चुनाव प्रक्रिया शुरु करने तथा सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया 2 माह में पूरा करने का आदेश पारित किया गया. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जिला अधिवक्ता संघ झांसी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला एवं सचिव केपी श्रीवास्तव ने चुनाव न कराकर न्यायालय एवं यूपी बार काउंसिल उप्र की तरफ से पारित आदेशों की लगातार अवहेलना की.

इसके बाद भी बार काउंसिल आफ उप्र ने दिनांक 23 दिसंबर को जिला अधिवक्ता संघ झाँसी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला एवं सचिव के.पी. श्रीवास्तव को अन्तिम अवसर प्रदान करते हुए उन्हें निर्देशित किया, कि वे तत्काल अपना चार्ज एल्डस कमेटी को हस्तान्तरित कर दे नहीं उनके विरूद्ध अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा-35 के अन्तर्गत विधिक कदाचार का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध बार काउंसिल आफ उप्र द्वारा मजबूरन अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जाएगी.

जल्द चुनाव कराने के निर्देश : वहीं पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए बार काउंसिल ऑफ उप्र के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जांच और समस्त दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि जिला अधिवक्ता संघ झॉसी का कार्यकाल खत्म हो चुका है. और झांसी जिला बार संघ के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ल एवं सचिव केपी श्रीवास्तव ने लगातार उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश बार संघ के आदेशों की अवहेलना की है. जिसके लिए दोनों पर कार्रवाई के लिए बोर्ड की आगामी बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाने के लिए सचिव को निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही साथ चन्द्रशेखर शुक्ल, अध्यक्ष एवं केपी श्रीवास्तव सचिव जिला अधिवक्ता संघ झांसी को कदाचार का दोषी मानते हुए, इनका अधिवक्ता पंजीकरण 2 माह हेतु निलंम्बित किया जाता है. इसके अलावा जिला अधिवक्ता संघ झाँसी के एल्डर्स कमेटी के अध्यक्ष को निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल जिला अधिवक्ता संघ का चार्ज ग्रहण करते हुए 1 माह के अन्दर चुनाव कराकर यूपी बार काउंसिल को नये कार्यकारिणी की सूची भेजें. नहीं तो उक्त जिला अधिवक्ता संघ झांसी का सम्बद्धीकरण यूपी बार काउंसिल से समाप्त कर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ें : कुशीनगर में बेकरी कारोबारी के ठिकानों पर आयकर विभाग की रेड, 48 घंटे से जांच जारी

झांसी: यूपी में झांसी बार काउंसिल के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला और महामंत्री सचिव केपी. श्रीवास्तव पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने बड़ी कार्यवाही की है. दरअसल प्रमोद शिवहरे पूर्व मंत्री जिला अधिवक्ता संघ झांसी ने एक शिकायती पत्र 5 जनवरी 2025 को दिया था. इसमें उन्होंने बार काउंसिल आफ उप्र की तरफ से 23 दिसंबर को आदेश दिए एवं रिट याचिका सं० 27901/2024 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 10 सितंबर को दिए आदेश की अवमानना की.

शिकायत पर यूपी बार काउंसिल ने जांच में यह पाया गया कि जिला अधिवक्ता संघ झांसी का कार्यकाल विगत 29 मई 2024 को समाप्त हो गया है. इसके बाद यूपी बार काउंसिल ने जिला अधिवक्ता संघ झॉसी के अध्यक्ष एवं सचिव को 28 अगस्त को चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन दोनों ने चुनाव नहीं कराया.

10 अगस्त को उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने भी जिला अधिवक्ता संघ झांसी के अध्यक्ष एवं सचिव को तत्काल अपना चार्ज एल्डर्स कमेटी को हस्तान्तरण करने एवं एल्डर्स कमेटी को 15 दिनों के अन्दर चुनाव प्रक्रिया शुरु करने तथा सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया 2 माह में पूरा करने का आदेश पारित किया गया. लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी जिला अधिवक्ता संघ झांसी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला एवं सचिव केपी श्रीवास्तव ने चुनाव न कराकर न्यायालय एवं यूपी बार काउंसिल उप्र की तरफ से पारित आदेशों की लगातार अवहेलना की.

इसके बाद भी बार काउंसिल आफ उप्र ने दिनांक 23 दिसंबर को जिला अधिवक्ता संघ झाँसी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ला एवं सचिव के.पी. श्रीवास्तव को अन्तिम अवसर प्रदान करते हुए उन्हें निर्देशित किया, कि वे तत्काल अपना चार्ज एल्डस कमेटी को हस्तान्तरित कर दे नहीं उनके विरूद्ध अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा-35 के अन्तर्गत विधिक कदाचार का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध बार काउंसिल आफ उप्र द्वारा मजबूरन अनुशासनात्मक कार्यवाही कर दी जाएगी.

जल्द चुनाव कराने के निर्देश : वहीं पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए बार काउंसिल ऑफ उप्र के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जांच और समस्त दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि जिला अधिवक्ता संघ झॉसी का कार्यकाल खत्म हो चुका है. और झांसी जिला बार संघ के अध्यक्ष चन्द्रशेखर शुक्ल एवं सचिव केपी श्रीवास्तव ने लगातार उच्च न्यायालय और उत्तर प्रदेश बार संघ के आदेशों की अवहेलना की है. जिसके लिए दोनों पर कार्रवाई के लिए बोर्ड की आगामी बैठक में प्रस्ताव पारित किए जाने के लिए सचिव को निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही साथ चन्द्रशेखर शुक्ल, अध्यक्ष एवं केपी श्रीवास्तव सचिव जिला अधिवक्ता संघ झांसी को कदाचार का दोषी मानते हुए, इनका अधिवक्ता पंजीकरण 2 माह हेतु निलंम्बित किया जाता है. इसके अलावा जिला अधिवक्ता संघ झाँसी के एल्डर्स कमेटी के अध्यक्ष को निर्देशित किया जाता है कि वे तत्काल जिला अधिवक्ता संघ का चार्ज ग्रहण करते हुए 1 माह के अन्दर चुनाव कराकर यूपी बार काउंसिल को नये कार्यकारिणी की सूची भेजें. नहीं तो उक्त जिला अधिवक्ता संघ झांसी का सम्बद्धीकरण यूपी बार काउंसिल से समाप्त कर दिया जायेगा.

यह भी पढ़ें : कुशीनगर में बेकरी कारोबारी के ठिकानों पर आयकर विभाग की रेड, 48 घंटे से जांच जारी

Last Updated : Jan 11, 2025, 6:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.