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सीएम योगी ने की महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा

शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की.

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सीएम योगी ने की महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा
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Published : Dec 10, 2019, 9:12 PM IST

गोरखपुर: शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में जब देश तमाम तरह के संक्रमण की स्थिति से गुजर रहा था, उस दौरान गोरक्षपीठ के संत दिग्विजय नाथ जी महाराज ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का गठन किया था.

उन्होंने कहा कि यह संस्था मौजूदा समय में पूर्वांचल में तमाम शैक्षणिक संस्थानों का एक बड़ा समूह बनकर शिक्षा के हर क्षेत्र में अलख जगा रही है. योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही आयोजित था. इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि थीं.

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का समारोह.
उन्होंने यह भी कहा कि गोरक्षपीठ को किसी निजी संस्था द्वारा प्रदेश में पहला महिला डिग्री कॉलेज खोलने का जहां श्रेय हासिल है, वहीं तकनीकी क्षेत्र में भी इसी संस्था ने निजी क्षेत्र में पहला पॉलिटेक्निक कॉलेज खोला था. उन्होंने कहा कि जब गोरखपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही थी तो स्थान और संसाधनों की कमी को गोरक्षपीठ ने अपने दो महाविद्यालय दान में देकर पूरा किया. उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजय नाथ जानते थे कि देश बहुत दिनों तक गुलाम नहीं रहने वाला और आने वाली जरूरतों से भी वह वाकिफ थे, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने गोरखपुर के योगदान को आगे बढ़ाया.
योगी आदित्यनाथ मौजूदा समय में गोरक्षपीठ के महंत हैं तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्था के मुखिया. इस संस्था के अधीन कुल 42 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं. यहां करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं और करीब डेढ़ हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिवर्ष शैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन 4 से 10 दिसंबर के बीच चलता है. इसमें जो सफल होता है उसे एक भव्य समारोह के मंच से सम्मानित किया जाता है. ऐसे ही कार्यक्रम में सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा की.

ये भी पढ़ें: गोरखपुर: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'गिफ्ट सिटी' में MMMTU भी निभा रहा अहम रोल

गोरखपुर: शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में जब देश तमाम तरह के संक्रमण की स्थिति से गुजर रहा था, उस दौरान गोरक्षपीठ के संत दिग्विजय नाथ जी महाराज ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का गठन किया था.

उन्होंने कहा कि यह संस्था मौजूदा समय में पूर्वांचल में तमाम शैक्षणिक संस्थानों का एक बड़ा समूह बनकर शिक्षा के हर क्षेत्र में अलख जगा रही है. योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही आयोजित था. इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि थीं.

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का समारोह.
उन्होंने यह भी कहा कि गोरक्षपीठ को किसी निजी संस्था द्वारा प्रदेश में पहला महिला डिग्री कॉलेज खोलने का जहां श्रेय हासिल है, वहीं तकनीकी क्षेत्र में भी इसी संस्था ने निजी क्षेत्र में पहला पॉलिटेक्निक कॉलेज खोला था. उन्होंने कहा कि जब गोरखपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही थी तो स्थान और संसाधनों की कमी को गोरक्षपीठ ने अपने दो महाविद्यालय दान में देकर पूरा किया. उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजय नाथ जानते थे कि देश बहुत दिनों तक गुलाम नहीं रहने वाला और आने वाली जरूरतों से भी वह वाकिफ थे, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने गोरखपुर के योगदान को आगे बढ़ाया.
योगी आदित्यनाथ मौजूदा समय में गोरक्षपीठ के महंत हैं तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्था के मुखिया. इस संस्था के अधीन कुल 42 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं. यहां करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं और करीब डेढ़ हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिवर्ष शैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन 4 से 10 दिसंबर के बीच चलता है. इसमें जो सफल होता है उसे एक भव्य समारोह के मंच से सम्मानित किया जाता है. ऐसे ही कार्यक्रम में सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा की.

ये भी पढ़ें: गोरखपुर: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट 'गिफ्ट सिटी' में MMMTU भी निभा रहा अहम रोल

Intro:गोरखपुर। शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में जब देश तमाम तरह के संक्रमण की स्थिति से गुजर रहा था उस दौरान गोरक्षपीठ के संत दिग्विजय नाथ जी महाराज ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का गठन किया। उन्होंने कहा कि यह संस्था शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसी मशाल जलाई है जो मौजूदा समय में पूर्वांचल में तमाम शैक्षणिक संस्थानों का एक बड़ा समूह बनकर शिक्षा के हर क्षेत्र में अलख जगा रहा है। योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे और यह कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही आयोजित था। इसमें प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि पहुंची हुई थी।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ को किसी निजी संस्था द्वारा प्रदेश में पहला महिला डिग्री कॉलेज खोलने का जहां श्रेय हासिल है वही तकनीकी क्षेत्र में भी इसी संस्था ने निजी क्षेत्र में पहला पॉलिटेक्निक कॉलेज खोला था। योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि जब गोरखपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही थी तो स्थान और संसाधनों की कमी को गोरक्षपीठ ने अपने दो महाविद्यालय दान में देकर पूरा किया। उन्होंने कहा कि महंत दिग्विजय नाथ जानते थे कि देश बहुत दिनों तक गुलाम नहीं रहने वाला और आने वाली जरूरतों से भी वह वाकिफ थे इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने गोरखपुर के योगदान को आगे बढ़ाया।

बाइट--योगी आदित्यनाथ, सीएम यूपी


Conclusion:योगी आदित्यनाथ मौजूदा समय में गोरक्षपीठ के महंत है तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्था के मुखिया। इस संस्था के अधीन कुल 42 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित है जहां पर करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं और करीब डेढ़ हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिवर्ष शैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन 4 से 10 दिसंबर के बीच चलता है। इसमें जो सफल होता है उसे एक भव्य समारोह के मंच से सम्मानित किया जाता है। ऐसे ही कार्यक्रम में सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा की।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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