गोरखपुर: जिले के पुलिसकर्मी जनता की हिफाजत के साथ ही उन्हें खून देकर भी उनकी जान बचा रहे हैं. ऐसे वीर बहादुर पुलिसकर्मियों में कई ने कोरोनाकाल में लोगों को मदद पहुंचाई है. ताजा मामला राहुल सिंह नाम के एक सिपाही से जुड़ा है, जो राजघाट थाने पर तैनात है. उन्हें पुलिस मित्र के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक मरीज को खून की आवश्यकता की सूचना जैसे ही मिली, उन्होंने उस सूचना को पढ़ने के तत्काल बाद मरीज के परिजनों से संपर्क किया. मरीज के परिजन खलीलाबाद में मौजूद थे. उन्हें सिटी ब्लड बैंक में खून देने के लिए बुलाया. जिससे उस मरीज की जान बच सकी.
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पुलिस मित्र एप से होती है लोगों की मदद
ऐसे पुलिसकर्मी के जज्बे को लोगों ने सलाम किया है. जिनसे उनका कोई रिश्ता तो नहीं है पर संकट के समय में वह पीड़ित के लिए भगवान बनकर मदद के लिए आते हैं. ऐसी मदद को ही इंसानियत का दर्जा दिया जाता है. पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों को खून देकर उनकी जान बचाने के लिए किया जा रहा महत्वपूर्ण योगदान काबिले तारीफ है. ऐसे पुलिसकर्मियों को अधिकारियों द्वारा लगातार सम्मानित भी किया जा रहा है. जिससे उनके हौसले बुलंद रहे और वह देश-प्रदेश की सुरक्षा में अपने जीवन को न्योछावर करने के साथ ही अपना खून देकर भी नागरिकों की रक्षा करते रहें.
लोगों को दे रहे हैं मदद
ऐसी ही मदद पुलिस को उनके बदनाम चेहरे से भी बाहर निकलती है. अक्सर पुलिस पर लोगों को सताने और मारने-पीटने का भी आरोप लगता है. कई ऐसे वीडियो वायरल होते हैं, जो पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हैं और इंसानियत को भी शर्मसार करते हैं, लेकिन गोरखपुर में ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा सिपाही अब तक सामने आ चुके हैं जो पुलिस मित्र ऐप के जरिए मदद मांगने वालों को खून देने से लेकर दवा तक भी घर पहुंचा देते हैं. हॉस्पिटल से लेकर एंबुलेंस तक की भी व्यवस्था नौजवान पुलिसकर्मी कर रहे हैं, जिससे अन्य पुलिसकर्मी भी प्रोत्साहित हों.