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गजब है यूपी; पाकिस्तानी महिला 9 साल करती रही सरकारी टीचर की नौकरी, अब सस्पेंड और मुकदमा - PAKISTANI WOMAN TEACHER IN BAREILLY

शुमायला खान पर आरोप है कि उसने फर्जी जन्म और निवास प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी.

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बरेली में पाकिस्तानी महिला सरकारी टीचर. (Photo Credit; ETV Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 17, 2025, 2:02 PM IST

Updated : Jan 17, 2025, 5:13 PM IST

बरेली: यूपी के बरेली जनपद में बड़ा मामला सामने आया है. यहां पर एक पाकिस्तान की रहने वाली महिला सरकारी टीचर बन गई. उसने फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 2015 में सहायक अध्यापक की नौकरी पा ली. जांच में जब इस बात का खुलासा हुआ तो 9 साल बाद यानी अक्टूबर 2024 में उसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया. अब इस मामले में महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

खंड शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने बर्खास्त सहायक अध्यापक शुमायला खान के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. शुमायला खान पर आरोप है कि उसने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी.

पाकिस्तानी महिला के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में बताते एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र और बीएसए संजय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

जिलाधिकारी बरेली रविन्द्र कुमार से एक गोपनीय शिकायत की गई थी. जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच कराई गई. जांच में खुलासा हुआ कि रामपुर सदर एसडीएम ने शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र खारिज कर दिया है. इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था.

एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि उनके कार्यालय से जारी बताया जा रहा सामान्य निवास प्रमाणपत्र की जांच करके रिपोर्ट दें. एसडीएम की जांच में साफ हुआ कि शुमायला का यह प्रमाणपत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छुपाई गईं. शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है.

जांच में सामने आया था कि शुमायला खान ने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी एक निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. सत्यापन में यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. बरेली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, उप जिलाधिकारी, सदर, रामपुर ने पुष्टि की कि शुमायला खान पाकिस्तानी नागरिक है और उसका प्रस्तुत किया गया प्रमाण पत्र अमान्य है.

इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को सहायक अध्यापक पद से निलंबित कर दिया. फिर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने 10 जनवरी 2025 को थानाध्यक्ष फतेहगंज पश्चिमी को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. शिकायत में कहा गया है कि शुमायला खान ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त कर सरकारी सेवा में कार्य किया, जो दंडनीय अपराध है.

बीएसए संजय सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक शुमायला ने फर्जी दस्तावेजों से 2015 में बरेली में नौकरी हासिल की थी. वह तभी से प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थी. इतने साल से वह लाखों रुपए वेतन के रूप में ले चुकी थीं. अब उसे नियुक्ति तिथि से पद से हटा दिया गया है. एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि थाना फतेहगंज पश्चिमी में पाकिस्तान की महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ेंः बिहार से सपा नेता को आया ऑनर किलिंग का फोन; बोला-'मैं अपनी भतीजी को काटूंगा, क्या तुम अपने भतीजे को काटोगे'

बरेली: यूपी के बरेली जनपद में बड़ा मामला सामने आया है. यहां पर एक पाकिस्तान की रहने वाली महिला सरकारी टीचर बन गई. उसने फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे 2015 में सहायक अध्यापक की नौकरी पा ली. जांच में जब इस बात का खुलासा हुआ तो 9 साल बाद यानी अक्टूबर 2024 में उसे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया. अब इस मामले में महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

खंड शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने बर्खास्त सहायक अध्यापक शुमायला खान के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. शुमायला खान पर आरोप है कि उसने फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी.

पाकिस्तानी महिला के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में बताते एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र और बीएसए संजय सिंह. (Video Credit; ETV Bharat)

जिलाधिकारी बरेली रविन्द्र कुमार से एक गोपनीय शिकायत की गई थी. जिसके बाद पूरे प्रकरण की जांच कराई गई. जांच में खुलासा हुआ कि रामपुर सदर एसडीएम ने शुमायला खान का निवास प्रमाण पत्र खारिज कर दिया है. इस मामले में विभाग ने उसके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था.

एसडीएम सदर रामपुर से अपेक्षा की गई थी कि उनके कार्यालय से जारी बताया जा रहा सामान्य निवास प्रमाणपत्र की जांच करके रिपोर्ट दें. एसडीएम की जांच में साफ हुआ कि शुमायला का यह प्रमाणपत्र त्रुटिपूर्ण है, इसे बनवाने में जानकारी छुपाई गईं. शुमायला वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक है.

जांच में सामने आया था कि शुमायला खान ने नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी एक निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. सत्यापन में यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. बरेली के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार, उप जिलाधिकारी, सदर, रामपुर ने पुष्टि की कि शुमायला खान पाकिस्तानी नागरिक है और उसका प्रस्तुत किया गया प्रमाण पत्र अमान्य है.

इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को सहायक अध्यापक पद से निलंबित कर दिया. फिर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने 10 जनवरी 2025 को थानाध्यक्ष फतेहगंज पश्चिमी को प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. शिकायत में कहा गया है कि शुमायला खान ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त कर सरकारी सेवा में कार्य किया, जो दंडनीय अपराध है.

बीएसए संजय सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक शुमायला ने फर्जी दस्तावेजों से 2015 में बरेली में नौकरी हासिल की थी. वह तभी से प्राथमिक विद्यालय माधौपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थी. इतने साल से वह लाखों रुपए वेतन के रूप में ले चुकी थीं. अब उसे नियुक्ति तिथि से पद से हटा दिया गया है. एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि थाना फतेहगंज पश्चिमी में पाकिस्तान की महिला के खिलाफ संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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Last Updated : Jan 17, 2025, 5:13 PM IST
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