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गोरखपुरः मनाया गया यौम-ए-पैदाइश का पर्व ईद मिलादुन्नबी, निकला जुलूस-ए-मोहम्मदिया

यूपी के गोरखपुर के पिपराइच इलाके में मोहम्मद साहब की यौम-ए-पैदाइश का जश्न ए ईद मिलादुन्नबी मनाया गया. नाम ए फज्र सुबह सादिक के वक्त परचम कुशाई के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदिया निकाला गया. मरहबा सल्ले अला-रहबा सल्ले अला के नारों से पूरी फिजा गूंज उठी.

मनाया गया ईद मिलादुन्नबी.
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Published : Nov 10, 2019, 12:55 PM IST

गोरखपुरः मुस्लिम कौम के रहनुमा महान सूफी संत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जश्न ए ईद मिलादुन्नबी को मनाया. जनपद के पिपराइच इलाके के विभिन्न गांव में स्थित करीब सभी धार्मिक स्थलों से जुलूस-ए-मोहम्मदिया निकाल कर अमनो अमान का पैगाम दिया गया. इस दौरान मदरसा के तलबा और उनके उस्ताद नजम और नात ए पाक गुनगुनाते रहे. मरहबा सल्ले अला, हुजूर की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा की सदाएं फिजाओं में गूंजती रही.

मनाया गया ईद मिलादुन्नबी.

मनाया गया मोहम्मद साहब का जन्मदिन
अरबी पंचायत के मुताबिक मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म रबि ऊल अव्वल माह की 12 तारीख 571 इस्वी को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था. मोहम्मद साहब (स.अ.) का यौम ए पैदाइश मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है. उनका जन्मदिन बडे़ पर्व के रूप में मनाया जाता है.

पिपराइच कस्बा, मुरेढी गढवां, समस्तपुर मुडिला, बैलों स्थित मदरशा, दारुल उलूम अहल ए सुन्नत अनवारुल उलूम, समदारबुजुर्ग, समदारखुर्द, भटहट कस्बा, अमवा गांव करमहां गांव, अराजी चिलबिलवां, परसौना, तरकुलहां आदि कई गांव से नाम ए फज्र सुबह सादिक के वक्त परचम कुशाई (ध्वजारोहण) के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदिया शानो शौकत से निकाला गया.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुरः कल मनाया जाएगा यौम-ए-पैदाइश का पर्व ईद मिलादुन्नबी

निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदिया
जुलूस को क्षेत्र के प्रमुख चौक चौराहों से घूमाया गया. जुलूस-ए-मोहम्मदिया में मदरसा छात्र-छात्राएं, धर्मगुरु और भारी संख्या में समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

गोरखपुरः मुस्लिम कौम के रहनुमा महान सूफी संत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिन रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जश्न ए ईद मिलादुन्नबी को मनाया. जनपद के पिपराइच इलाके के विभिन्न गांव में स्थित करीब सभी धार्मिक स्थलों से जुलूस-ए-मोहम्मदिया निकाल कर अमनो अमान का पैगाम दिया गया. इस दौरान मदरसा के तलबा और उनके उस्ताद नजम और नात ए पाक गुनगुनाते रहे. मरहबा सल्ले अला, हुजूर की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा की सदाएं फिजाओं में गूंजती रही.

मनाया गया ईद मिलादुन्नबी.

मनाया गया मोहम्मद साहब का जन्मदिन
अरबी पंचायत के मुताबिक मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म रबि ऊल अव्वल माह की 12 तारीख 571 इस्वी को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था. मोहम्मद साहब (स.अ.) का यौम ए पैदाइश मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है. उनका जन्मदिन बडे़ पर्व के रूप में मनाया जाता है.

पिपराइच कस्बा, मुरेढी गढवां, समस्तपुर मुडिला, बैलों स्थित मदरशा, दारुल उलूम अहल ए सुन्नत अनवारुल उलूम, समदारबुजुर्ग, समदारखुर्द, भटहट कस्बा, अमवा गांव करमहां गांव, अराजी चिलबिलवां, परसौना, तरकुलहां आदि कई गांव से नाम ए फज्र सुबह सादिक के वक्त परचम कुशाई (ध्वजारोहण) के बाद जुलूस-ए-मोहम्मदिया शानो शौकत से निकाला गया.

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निकाला गया जुलूस-ए-मोहम्मदिया
जुलूस को क्षेत्र के प्रमुख चौक चौराहों से घूमाया गया. जुलूस-ए-मोहम्मदिया में मदरसा छात्र-छात्राएं, धर्मगुरु और भारी संख्या में समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया.

Intro:गोरखपुर जनपद के पिपराइच इलाके में दोनो आलम के मुख्तार मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की यौम ए पैदाइश जश्न ए ईदमिलादुन्नबी अकीदतमंदों ने अकीदत के साथ मनाया. मरहबा सल्लेअला- मरहबा सल्लेअला के नारों से फिजा गुंजयमान रहा.

पिपराइच गोरखपुरः इस्लाम को ताजगी और मुस्लिम कौम के रहनुमा महान सुफी सन्त मुहम्मद सलल्ललाहु अलैहिवसल्लम का जन्मदिन रविवार को मुस्लिम समुदाय के लोग जश्न ए ईदमिलादुन्नबी के रुप अदबो एहताराम से मनाया. जनपद के पिपराइच इलाके के विभिन्न गांव में स्थित करीब सभी धार्मिक स्थलों से जुलूस ए मुहम्मदिया निकाल कर अमनोआमान का पैगाम दिया गया. इस दौरान मदरसा मकतब के तलबा और उनके उस्ताद नजम और नात ए पाक गुनगुनाते रहे. मरहबा सल्लेअला, हुजुर की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा की सदाएं फिलाओं में गूंजती रही. Body:
अरबी पंचायत के मुताबिक मुहम्मद सलल्ललाहु अलैहिवसल्लम का जन्म रबि ऊल अव्वल माह की 12 तारीख 571 इस्वी को सऊदी अरब के मक्का शहर में हुआ था. मुहम्मद (स.अ.) का यौम ए पैदाइश मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है. उनका जन्मदिन बडे़ पर्व के रुप में मनाया जा रहा है. पिपराइच कस्बा, मुरेढी गढवां, समस्तपुर मुडिला, बैलों स्थित मदरशा दारुल ऊलूम अहल ए सुन्नत अनवारुल उलूम, समदारबुजुर्ग, समदारखुर्द, भटहट कस्बा, अमवा गांव करमहां गांव, अराजी चिलबिलवां, परसौना, तरकुलहां आदि सैकडों गांव से बाद नाम ए फज्र सुबह शादिक के वक्त परचम कुशाई (ध्वजारोहण) के उपरांत जुलूस ए मुहम्मदिया अपनी आनबान शानोशौकत से निकला गया. जिसको क्षेत्र के प्रमुख चौक चौराहों का भ्रमण कराया जा रहा है. जुलूस ए मुहम्मदिया में मदरसा मकतब के छात्र छात्राएं धर्मगुरु भारी संख्या में समुदाय के लोग ने हिस्सा लिया.Conclusion:आप की आमद से पहले पूरी दुनिया गुमराहियत के गहरे गढ्ढों में गिर चुकी थी. हर तरफ कुफ्रो शिर्के और जुल्मोसितम का दौर दौरा था. हरामखोर शराबनोसी कसरत से पाई जाती थी. दरिन्दगी लोगों इस कदर पाई जाती थी कि लोग अपने ही हाथों से अपने बच्चों को जिन्दों जमीन में दफन कर दिया करते थे. हुजूर रहमते आलम सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने इस दुनिया तसरीफ लाए. जब आफताब ए नबूवत का जूहूर हुआ तो उसकी नूर बक्श किरणों ने जुल्मत के दाग को नुरानीयत बक्श दी. तारीख दिलों नूर इमान की शमाँ रोशन फर दिया और एक मोमिन दूसरे मोमिन का भाई बन गया.

बाइट कारी शादाब रजा (मकतब के उस्ताते हुफ्फाज)

रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
भारत पिपराइच गोरखपुर
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