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गोरखपुर के मानसरोवर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ - गोरखपुर न्यूज

गोरखपुर में गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली. हजारों साल पुराने इस मंदिर में राजा दशरथ और गुरु गोरखनाथ ने भी पूजा आराधना की थी.

मानसरोवर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओ की भीड़
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Published : Mar 5, 2019, 6:39 AM IST

गोरखपुर: महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर पर भी शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली. लंबी-लंबी कतारों में शिव भक्त, भगवान भोले की आराधना में जुटे हुए हैं.

मानसरोवर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर को राजा मानसिंह ने बनवाया था. ऐसी मान्यता है कि भगवान भोले यहां स्वयंभू के रूप में प्रकट हुए थे. हजारों साल पुराने इस मंदिर में राजा दशरथ और गुरु गोरखनाथ ने भी पूजा आराधना की थी. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

मानसरोवर मंदिर के मुख्य पुजारी योगी प्रेम नाथ ने बताया कि यह मंदिर राजा मानसिंह ने बनवाया था. राजा मानसिंह यहां पर जल क्रीड़ा करने आते थे और भगवान भोले उनके सपने में आकर स्वयंभू के रूप में दर्शन दिये थे. इस मंदिर से गुरु गोरक्षनाथ का भी गहरा नाता रहा है. गुरु गोरखनाथ जब ज्वाला देवी का भ्रमण करके आये तो इस मंदिर में एक रात गुजारी थी और भगवान भोले की पूजा आराधना की थी.

श्रद्धालु अर्चना पांडे ने बताया कि वह कई वर्षों से इस मंदिर में आती हैं, सोमवार के दिन शिवरात्रि पड़ने से इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. उन्होंने भगवान भोले को भांग, धतूरा, बेल पत्र, दूध, अक्षत और जल चढ़ाया.

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गोरखपुर: महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर पर भी शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिली. लंबी-लंबी कतारों में शिव भक्त, भगवान भोले की आराधना में जुटे हुए हैं.

मानसरोवर मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर को राजा मानसिंह ने बनवाया था. ऐसी मान्यता है कि भगवान भोले यहां स्वयंभू के रूप में प्रकट हुए थे. हजारों साल पुराने इस मंदिर में राजा दशरथ और गुरु गोरखनाथ ने भी पूजा आराधना की थी. इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है.

मानसरोवर मंदिर के मुख्य पुजारी योगी प्रेम नाथ ने बताया कि यह मंदिर राजा मानसिंह ने बनवाया था. राजा मानसिंह यहां पर जल क्रीड़ा करने आते थे और भगवान भोले उनके सपने में आकर स्वयंभू के रूप में दर्शन दिये थे. इस मंदिर से गुरु गोरक्षनाथ का भी गहरा नाता रहा है. गुरु गोरखनाथ जब ज्वाला देवी का भ्रमण करके आये तो इस मंदिर में एक रात गुजारी थी और भगवान भोले की पूजा आराधना की थी.

श्रद्धालु अर्चना पांडे ने बताया कि वह कई वर्षों से इस मंदिर में आती हैं, सोमवार के दिन शिवरात्रि पड़ने से इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. उन्होंने भगवान भोले को भांग, धतूरा, बेल पत्र, दूध, अक्षत और जल चढ़ाया.

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Intro:गोरखपुर। महाशिवरात्रि के अवसर पर सभी शिव मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है, आज सोमवार है सोमवार के दिन महाशिवरात्रि का यह महा पर्व बड़ा ही फलदाई माना जा रहा है। लंबी लंबी कतारों में शिव भक्त, भगवान भोले की आराधना में जुटे हुए हैं।


Body:गोरखनाथ स्थित मानसरोवर मंदिर पर महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है, इस मंदिर की मान्यता है कि राजा मानसिंह द्वारा निर्मित यह मंदिर भगवान भोले शंभू के रूप में यहां प्रकट हुए थे। हजारों साल पुराना यह मंदिर जिसमे राजा दशरथ और गुरु गोरक्षनाथ मैं भी इस मंदिर में पूजा आराधना की है, यहां पर सैकड़ों वर्षो से भगवान भोले की पूजा आराधना की जा रही है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता, गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में विराजमान सभी पीठाधीश्वर इस मंदिर की पूजा आराधना करने स्वयं आते हैं।

वहीं मानसरोवर मंदिर के मुख्य पुजारी योगी प्रेम नाथ ने बताया कि यह मंदिर राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया था, राजा मानसिंह यहां पर जल क्रीड़ा करने आते थे और भगवान भोले उनके सपने में आकर उन्हें यहां पर स्वयंभू के रूप में दर्शन दिया था। वहीं राजा दशरथ अपने चारों पुत्र और पुत्रवधू के साथ इस मंदिर में पूजा आराधना की थी, इस मंदिर से गुरु गोरक्षनाथ का भी गहरा नाता रहा है। यहां पर गुरु गोरक्षनाथ जब ज्वाला देवी का भ्रमण कर गोरखपुर आये तो इस मंदिर में एक रात गुजारे थे। यहां पर भगवान भोले की पूजा आराधना की थी, इस मंदिर में हजारों की संख्या पर भक्त आते हैं और इस मंदिर से कोई खाली हाथ नहीं लगता।

बाइट - योगी प्रेमनाथ, मुख्य पुजारी

वही श्रद्धालु अर्चना पांडे ने बताया कि वह वर्षों से इस मंदिर में आती हैं, आज शिवरात्रि का महापर्व है। सोमवार के दिन शिवरात्रि पडने से इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है। उन्होंने भगवान भोले को भांग, धतूरा, बेल पत्र, दूध, अक्षत और जल चढ़ाया है भगवान भोले से मनोकामना मांगी है।

बाइट - अर्चना पांडये, श्रद्धालु




निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738


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