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गोरखपुर स्टेशन पर दबाव होगा कम, सेटेलाइट सिटी स्टेशन बनेगा कई ट्रेनों का नया ठिकाना

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के लगते बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए रेलवे प्रबंधन गोरखपुर कैंट स्टेशन को सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित कर रहा है. जिसे करीब 25 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. 2023 तक बन स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा.

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Published : Jun 16, 2023, 8:47 PM IST

गोरखपुर: गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यात्रियों की संख्या में भी खूब इजाफा हो रहा है. जिससे ट्रेनों के आने में देरी और ठहराव में परेशानी बढ़ रही है. इसी समस्या का निजात रेलवे प्रबंधन गोरखपुर कैंट स्टेशन को करीब 25 करोड़ की लागत से सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित कर रहा है. स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. इससे बिहार, बंगाल, बनारस रूट की ट्रेनों का ठहराव सेटेलाइट स्टेशन पर होगा.

सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में
गोरखपुर में सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य जारी.

ट्रेनें यहीं से बनकर चलेंगी जिससे यात्रियों को कई तरह की असुविधा से बचत होगी. इस स्टेशन को मई 2023 तक सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जाना था. लेकिन, अब इसमें करीब 6 माह और लगेगा. सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित होने के बाद गोरखपुर से बनकर छपरा, वाराणसी, नरकटियागंज की अधिकतर इंटरसिटी, पैसेंजर, मेमू ट्रेन यहीं से चलाई जाएंगी. इससे गोरखपुर जंक्शन पर लोड कम होगा और ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी. कैंट सेटलाइट स्टेशन पर पांच रेल लाइनें तैयार हो रही हैं.

सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में
सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में

इसके अलावा नए प्लेटफार्म, स्टेशन भवन, विश्रामालय के अलावा दो फुट ओवर ब्रिज बन रहा है. 90 प्रतिशतत कार्य पूर्ण हो चुका है. कोच वाटरिंग सिस्टम के निर्माण और प्लेटफार्म को दुरुस्त करने की प्रक्रिया चल रही है. गोरखपुर जंक्शन पर दस प्लेटफॉर्म बन जाने के बाद भी, ट्रेनों को जगह नहीं मिल पा रही है. जिससे ट्रेनें विलंब होती हैं. हर रोज गोरखपुर से करीब 200 ट्रेनें चलती हैं. जिसमें 150 यात्री ट्रेनें शामिल है.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार रेल प्रशासन ने स्टेशन के दक्षिण की तरफ सड़क बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके निर्माण पर पच्चीस करोड़ रुपए खर्च होगा. समय के साथ कार्य पूरा हो जायेगा. इसके बजट में करोड़ों का इजाफा भी हुआ है. इस स्टेशन पर जाने के लिए अभी मुख्य मार्ग का अभाव है. स्टेशन तक जाने के लिए सेना की जमीन से रास्ता निकालने की तैयारी है. जिसके लिए सांसद रवि किशन के पहल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सहमति दी है.

उम्मीद है कि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाएगा तो यात्रियों को इस स्टेशन पर सीधे पहुंचने में बहुत ही सरल और कम समय का उपयोग करना पड़ेगा. इस स्टेशन के पास में ही एम्स का निर्माण हुआ है तो एयरपोर्ट भी बेहद करीब है. लिहाजा बिहार से इलाज और अन्य शहरों की उड़ान के लिए भी तमाम यात्रियों का, ट्रेनों से आकर यहां ठहराव होगा. यह सब भविष्य की योजनाओं में शामिल करते हुए काम तेजी से चल रहा है.


यह भी पढ़ें: गोरखपुर में टीटीई ने मिलकर इंजीनियर यात्री को पीटा, वीडियो वायरल

गोरखपुर: गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यात्रियों की संख्या में भी खूब इजाफा हो रहा है. जिससे ट्रेनों के आने में देरी और ठहराव में परेशानी बढ़ रही है. इसी समस्या का निजात रेलवे प्रबंधन गोरखपुर कैंट स्टेशन को करीब 25 करोड़ की लागत से सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित कर रहा है. स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. इससे बिहार, बंगाल, बनारस रूट की ट्रेनों का ठहराव सेटेलाइट स्टेशन पर होगा.

सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में
गोरखपुर में सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य जारी.

ट्रेनें यहीं से बनकर चलेंगी जिससे यात्रियों को कई तरह की असुविधा से बचत होगी. इस स्टेशन को मई 2023 तक सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जाना था. लेकिन, अब इसमें करीब 6 माह और लगेगा. सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित होने के बाद गोरखपुर से बनकर छपरा, वाराणसी, नरकटियागंज की अधिकतर इंटरसिटी, पैसेंजर, मेमू ट्रेन यहीं से चलाई जाएंगी. इससे गोरखपुर जंक्शन पर लोड कम होगा और ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी. कैंट सेटलाइट स्टेशन पर पांच रेल लाइनें तैयार हो रही हैं.

सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में
सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में

इसके अलावा नए प्लेटफार्म, स्टेशन भवन, विश्रामालय के अलावा दो फुट ओवर ब्रिज बन रहा है. 90 प्रतिशतत कार्य पूर्ण हो चुका है. कोच वाटरिंग सिस्टम के निर्माण और प्लेटफार्म को दुरुस्त करने की प्रक्रिया चल रही है. गोरखपुर जंक्शन पर दस प्लेटफॉर्म बन जाने के बाद भी, ट्रेनों को जगह नहीं मिल पा रही है. जिससे ट्रेनें विलंब होती हैं. हर रोज गोरखपुर से करीब 200 ट्रेनें चलती हैं. जिसमें 150 यात्री ट्रेनें शामिल है.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार रेल प्रशासन ने स्टेशन के दक्षिण की तरफ सड़क बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके निर्माण पर पच्चीस करोड़ रुपए खर्च होगा. समय के साथ कार्य पूरा हो जायेगा. इसके बजट में करोड़ों का इजाफा भी हुआ है. इस स्टेशन पर जाने के लिए अभी मुख्य मार्ग का अभाव है. स्टेशन तक जाने के लिए सेना की जमीन से रास्ता निकालने की तैयारी है. जिसके लिए सांसद रवि किशन के पहल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी सहमति दी है.

उम्मीद है कि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाएगा तो यात्रियों को इस स्टेशन पर सीधे पहुंचने में बहुत ही सरल और कम समय का उपयोग करना पड़ेगा. इस स्टेशन के पास में ही एम्स का निर्माण हुआ है तो एयरपोर्ट भी बेहद करीब है. लिहाजा बिहार से इलाज और अन्य शहरों की उड़ान के लिए भी तमाम यात्रियों का, ट्रेनों से आकर यहां ठहराव होगा. यह सब भविष्य की योजनाओं में शामिल करते हुए काम तेजी से चल रहा है.


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